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SPECIAL: होटल उद्योग पर कोरोना संकट की मार, 4 हजार करोड़ से ज्यादा का नुकसान - छत्तीसगढ़ के होटल

छत्तीसगढ़ में होटल उद्योग पर भी लॉकडाउन का गहरा असर पड़ा है. करीब तीन महीने की बंदी में होटल उद्योग को करीब 4 हजार करोड़ से ज्यादा का नुकसान हुआ है. होटल संचालकों का मानना है कि होटल उद्योग से सरकार को बड़ी मात्रा में राजस्व मिलता है, लेकिन लगभग 3 महीने से होटल उद्योग बंद पड़े हुए थे. जिसकी वजह से सरकार को होटल उद्योग से किसी तरह का कोई राजस्व नहीं मिला. फिलहाल कोरोना के आंकड़ों में लगातार बढ़ोतरी होने के बाद चिंता और बढ़ गई है.

hotel industry of chhattisgarh
होटल उद्योग पर भी कोरोना की मार
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Published : Jul 3, 2020, 10:56 PM IST

रायपुर: कोविड-19 के बढ़ते संक्रमण की वजह से सरकार की चिंता बढ़ गई हैं. लॉकडाउन का असर हर क्षेत्र पर पड़ा है. छत्तीसगढ़ में होटल उद्योग पर भी लॉकडाउन का गहरा असर पड़ा है. 26 जून से राज्य सरकार ने होटल उद्योग को खोलने की अनुमति जरूर दे दी, लेकिन होटल, रेस्टोरेंट्स और लॉज में सामान्य दिनों की तुलना में लोग आज भी कम नजर आ रहे हैं. इन जगहों पर सन्नाटा पसरा हुआ है. लोगों में कोरोना का डर साफ देखने को मिल रहा है. वहीं होटलों और रेस्टोरेंट्स में सगाई, शादी, बर्थ-डे पार्टी और ऑफिशियल मीटिंग की बुकिंग नहीं के बराबर हो रही है.

होटल उद्योग पर कोरोना संकट की मार

कोरोना संकट से होटल उद्योग को 4 हजार करोड़ से ज्यादा का नुकसान

सरकारी एडवाइजरी के तहत होटल उद्योग को खोलने की अनुमति मिली है, जिसमें सैनिटाइजर, मास्क और हाथों में ग्लब्स लगाना अनिवार्य है. प्रदेश की पहचान होटल उद्योग से ही बनी हुई है. 3 महीने से ज्यादा समय बीत गए प्रदेश में होटल उद्योग बंद पड़े थे. जिसके कारण होटल संचालक काफी परेशान थे. होटल उद्योग को सरकार के जारी किए गए नियम और शर्तों का पालन करना जरूरी है. 3 महीने के दौरान होटल उद्योग को 4 हजार करोड़ रुपये से भी ज्यादा का नुकसान सहना पड़ा है.

hotel industry of chhattisgarh
होटल संचालकों पर कोरोना की मार

पढे़ं-SPECIAL: कोरोना ने छीनी रेस्टोरेंट्स की रौनक, खाली पड़ी कुर्सियां

होटल संचालकों का मानना है कि होटल उद्योग से सरकार को बड़ी मात्रा में राजस्व मिलता है, लेकिन लगभग 3 महीने से होटल उद्योग बंद पड़े हुए थे. जिसकी वजह से सरकार को होटल उद्योग से किसी तरह का कोई राजस्व नहीं मिला. फिलहाल कोरोना के आंकड़ों में लगातार बढ़ोतरी होने के बाद चिंता और बढ़ गई है.

होटल संचालकों की बढ़ी परेशानी

छत्तीसगढ़ में होटल उद्योग को 3 महीने के बंद के दौरान लगभग साढ़े चार हजार करोड़ का नुकसान हुआ है. इस कारोबार से उबरने में साल भर का समय लग सकता है. प्रदेश में 1200 छोटे-बड़े होटल हैं. 6 हजार से ज्यादा रेस्टोरेंट और ढाबे हैं, जिसमें करीब 9 लाख कर्मचारी काम करते हैं. होटल संचालकों ने जैसे-तैसे होटलों में काम करने वाले स्टाफ को मार्च महीने की सैलरी तो दे दी, उसके बाद होटल संचालकों के पास ही देने के लिए पैसे नहीं थे. 3 महीनों के बंद के दौरान होटल संचालको को होटल का मेंटेनेंस और बिजली का बिल भी भरना पड़ा.

पढ़ें- बाजार सजा, रौनक गायब: होटल-रेस्टॉरेंट के साथ खुले मॉल, खरीदारी के लिए नहीं आ रहे लोग

राजधानी रायपुर सहित प्रदेश के होटल उद्योग 20 मार्च से ही लॉकडाउन के कारण पूरी तरह से बंद थे, जिन्हें करीब तीन महीनों के बाद खोला गया. राज्य सरकार की विशेष गाइडलाइन के मुताबिक होटलों को खोलने की अनुमति दी गई. होटल खुल तो गए हैं, लेकिन होटल संचालक मायूस हैं. पहले की तरह अब लोग होटलों में नहीं पहुंच रहे हैं. जिससे होटल मालिकों को महीने का खर्चा उठाने में कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. उनके मुताबिक कोरोना का खौफ अब भी लोगों में साफ देखा जा सकता है. लोग अब भी डर के मारे घरों में छिपने को मजबूर हैं.

रायपुर: कोविड-19 के बढ़ते संक्रमण की वजह से सरकार की चिंता बढ़ गई हैं. लॉकडाउन का असर हर क्षेत्र पर पड़ा है. छत्तीसगढ़ में होटल उद्योग पर भी लॉकडाउन का गहरा असर पड़ा है. 26 जून से राज्य सरकार ने होटल उद्योग को खोलने की अनुमति जरूर दे दी, लेकिन होटल, रेस्टोरेंट्स और लॉज में सामान्य दिनों की तुलना में लोग आज भी कम नजर आ रहे हैं. इन जगहों पर सन्नाटा पसरा हुआ है. लोगों में कोरोना का डर साफ देखने को मिल रहा है. वहीं होटलों और रेस्टोरेंट्स में सगाई, शादी, बर्थ-डे पार्टी और ऑफिशियल मीटिंग की बुकिंग नहीं के बराबर हो रही है.

होटल उद्योग पर कोरोना संकट की मार

कोरोना संकट से होटल उद्योग को 4 हजार करोड़ से ज्यादा का नुकसान

सरकारी एडवाइजरी के तहत होटल उद्योग को खोलने की अनुमति मिली है, जिसमें सैनिटाइजर, मास्क और हाथों में ग्लब्स लगाना अनिवार्य है. प्रदेश की पहचान होटल उद्योग से ही बनी हुई है. 3 महीने से ज्यादा समय बीत गए प्रदेश में होटल उद्योग बंद पड़े थे. जिसके कारण होटल संचालक काफी परेशान थे. होटल उद्योग को सरकार के जारी किए गए नियम और शर्तों का पालन करना जरूरी है. 3 महीने के दौरान होटल उद्योग को 4 हजार करोड़ रुपये से भी ज्यादा का नुकसान सहना पड़ा है.

hotel industry of chhattisgarh
होटल संचालकों पर कोरोना की मार

पढे़ं-SPECIAL: कोरोना ने छीनी रेस्टोरेंट्स की रौनक, खाली पड़ी कुर्सियां

होटल संचालकों का मानना है कि होटल उद्योग से सरकार को बड़ी मात्रा में राजस्व मिलता है, लेकिन लगभग 3 महीने से होटल उद्योग बंद पड़े हुए थे. जिसकी वजह से सरकार को होटल उद्योग से किसी तरह का कोई राजस्व नहीं मिला. फिलहाल कोरोना के आंकड़ों में लगातार बढ़ोतरी होने के बाद चिंता और बढ़ गई है.

होटल संचालकों की बढ़ी परेशानी

छत्तीसगढ़ में होटल उद्योग को 3 महीने के बंद के दौरान लगभग साढ़े चार हजार करोड़ का नुकसान हुआ है. इस कारोबार से उबरने में साल भर का समय लग सकता है. प्रदेश में 1200 छोटे-बड़े होटल हैं. 6 हजार से ज्यादा रेस्टोरेंट और ढाबे हैं, जिसमें करीब 9 लाख कर्मचारी काम करते हैं. होटल संचालकों ने जैसे-तैसे होटलों में काम करने वाले स्टाफ को मार्च महीने की सैलरी तो दे दी, उसके बाद होटल संचालकों के पास ही देने के लिए पैसे नहीं थे. 3 महीनों के बंद के दौरान होटल संचालको को होटल का मेंटेनेंस और बिजली का बिल भी भरना पड़ा.

पढ़ें- बाजार सजा, रौनक गायब: होटल-रेस्टॉरेंट के साथ खुले मॉल, खरीदारी के लिए नहीं आ रहे लोग

राजधानी रायपुर सहित प्रदेश के होटल उद्योग 20 मार्च से ही लॉकडाउन के कारण पूरी तरह से बंद थे, जिन्हें करीब तीन महीनों के बाद खोला गया. राज्य सरकार की विशेष गाइडलाइन के मुताबिक होटलों को खोलने की अनुमति दी गई. होटल खुल तो गए हैं, लेकिन होटल संचालक मायूस हैं. पहले की तरह अब लोग होटलों में नहीं पहुंच रहे हैं. जिससे होटल मालिकों को महीने का खर्चा उठाने में कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. उनके मुताबिक कोरोना का खौफ अब भी लोगों में साफ देखा जा सकता है. लोग अब भी डर के मारे घरों में छिपने को मजबूर हैं.

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