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घोषणाओं के अलावा भाजपा ने कुछ नहीं किया, मुद्दे भी हमें वहीं परोस कर दे रहे: उषा तिवारी - CG NIKAY CHUNAV 2025

कोरबा नगर निगम से कांग्रेस मेयर प्रत्याशी उषा तिवासी ने ETV भारत से खास बातचीत की.

CG Nikay Chunav 2025
उषा तिवारी कोरबा से कांग्रेस मेयर प्रत्याशी (ETV Bharat GFX)
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Jan 31, 2025, 12:24 PM IST

कोरबा: नगरीय निकाय चुनाव जैसे जैसे पास आ रहा है, प्रत्याशियों की धड़कन बढ़ रही है. क्षेत्रफल के हिसाब से छत्तीसगढ़ के सबसे बड़े नगरपालिका निगम कोरबा में कांग्रेस ने वरिष्ठ कांग्रेस नेत्री उषा तिवारी को अपना प्रत्याशी बनाया है. उषा 36 साल से संगठन में सक्रिय हैं. नेता प्रतिपक्ष चरण दास महंत और सांसद ज्योत्सना महंत की करीबी मानी जाती हैं. पार्टी से बगावत कर एक बार उन्होंने मेयर का चुनाव भी लड़ा और 24000 से ज्यादा वोट हासिल किए थे. मौजूदा चुनावी समीकरण और अन्य मुद्दों को लेकर उषा तिवारी ने ETV भारत से खास बातचीत की.

प्रत्याशियों के पास जनता से संपर्क के लिए नहीं बचा समय : चुनावी तैयारी के प्रश्न ऊषा तिवारी ने कहा "वैसे तो हम चुनाव का तैयारी पहले से ही करते आ रहे हैं, लेकिन पता नहीं क्यों बीजेपी ने चुनाव की तारीखों का ऐलान करने में इतनी देर लगा दी की प्रत्याशियों के पास तैयारी के लिए समय ही नहीं बचा है.

कोरबा नगर निगम चुनाव (ETV Bharat Chhattisgarh)
ऐसे में समस्याओं का समाधान का तो प्रश्न ही नहीं उठता, यदि समय मिलता तो कम से कम जनता से ठीक तरह से रूबरू हो जाते और उनकी बातें हम तक पहुंच जाती हैं. जिस तरह से भाजपा ने चुनाव की तारीख डिक्लेअर किया है, मैं सिर्फ अपनी बात नहीं करती किसी भी प्रत्याशी को जनता तक पहुंचने में कठिनाई हो रही है. लेकिन हमारा यह प्रयास है कि हम जनता तक पहुंचे जाए और एक-एक से मिलें, उनकी समस्याओ तक पहुंचे."

भाजपायों ने ही हमें मुद्दे परोस के दिए : नगर पालिका निगम कोरबा के वृहद क्षेत्रपाल और चुनावी मुद्दे के प्रश्न पर उषा तिवारी ने कहा "मुद्दे काफी सारे हैं. कुछ दिन इंतजार कीजिए और मुद्दे ही मुद्दे होंगे. साल भर जो पहले जो चुनाव हुए हैं, बीजेपी ने हमें बहुत सारे मुद्दे दे दिए हैं. सबसे बड़ा मुद्दा महिलाओं की सुरक्षा का मुद्दा है. फ्लोरा मैक्स कंपनी से ठगी के मामले का जिक्र करते हुए उषा ने कहा कि महिलाएं छत्तीसगढ़ में हमेशा सुरक्षित रहती थी. सुरक्षा की भावना रहती थी, पर इस छत्तीसगढ़ में कोरबा में महिलाओं के साथ अभद्रता से पेश आया गया. एक कैबिनेट मंत्री के द्वारा यह कहा गया कि आपको फेंकवा देंगे, भला यह भी कोई बात हुई. जिन महिलाओं की बदौलत आप यहां पहुंचे हैं. उन महिलाओं का फेंकवा देने की बात आप कहते हैं, बीजेपी ने इतने सारे मुद्दे हमें दे दिए हैं कि मुद्दे लगातार आते जाएंगे और यही हमें मुद्दे पर देंगे. हमें मुद्दों को खोजने की जरूरत नहीं है."

सादगी से लड़ना चाहते हैं चुनाव : चुनाव में बड़े नेताओं के बीच जुबानी जंग के प्रश्न पर उषा ने कहा "हम बड़ी सादगी से चुनाव लड़ना चाहते हैं और लड़ेंगे. यहां कोई जुबानी जंग की बात नहीं है. किसी तरह के पलटवार की बात नहीं है. वह अपने मुद्दे लेकर चुनाव लड़ेंगे हम अपने मुद्दे लेकर चुनाव लड़ेंगे और रहा सवाल काम का तो आप ही हमें बताइए कि साल भर के सरकार में क्या हुआ है, सिर्फ घोषणा हुई है. घोषणाओं के अलावा और कुछ भी नहीं हुआ है. किसी भी घोषणा को अमली जामा नहीं पहनाया गया, कोई भी एक काम बता दें जो बीजेपी ने पूरा किया हो."

"हम छत्तीसगढ़ के लोग" : कोरबा में पूर्व कांग्रेस के मेयर राजकिशोर प्रसाद और बीजेपी की वर्तमान प्रत्याशी संजू देवी दोनों पूर्वांचल समाज से आते हैं. इस समाज के और राजनीतिक समीकरण के प्रश्न पर उषा ने कहा "हम सब छत्तीसगढ़िया के लोग हैं. हम कहते हैं कि हम हिंदुस्तान के लोग हैं. हमारे लिए कोई पूर्वांचल नहीं कोई पश्चिमांचल नहीं है. हम शुद्ध रूप से छत्तीसगढ़िया हैं. हम छत्तीसगढ़ की बात करते हैं. देखिए पूर्वांचल के वोट हैं, इस बात को नकारा भी नहीं जा सकता, लेकिन हम छत्तीसगढ़ की बात करते हैं. हिंदुस्तान की बात करते हैं. हम किसी पूर्वांचल की बात नहीं करते. हिंदुस्तान में रहने वाले लोग सब समानता का अधिकार रखते हैं. सब एक समान लोग हैं. बाकी सब बेकार की बातें हैं."

जात से ब्राह्मण, हमारी मांगने वाली जात और जनता से मांगेंगे : पार्टी से बगावत कर चुनाव लड़ने 24000 वोट प्राप्त करने का फायदा और नुकसान के सवाल पर उषा ने कहा "फायदा नुकसान वाली बात नहीं है. अब सब कुछ जनता के हाथ में है. हम जात के ब्राह्मण हैं, वैसे भी हमारी जात मांगने वाली जात है. तो हम जनता से मांगने जाएंगे. हमें मांगने में कोई संकोच भी नहीं है.

50000 की लीड का अब कोई मतलब नहीं क्योंकि निकाय चुनाव की अलग मानसिकता : चुनाव में वोट का प्रतिशत और लोकसभा चुनाव में कोरबा विधानसभा से भाजपा को मिली 50 हजार वोट से लीड के प्रश्न पर उषा ने कहा "देखिए लोकसभा और विधानसभा अलग-अलग परिस्थितियों होती हैं. यह जो नगर निगम को चुनाव है वह पूरी तरह से स्थानीय चुनाव है. यह चुनाव दूसरे ढंग से लड़ा जाता है, विधानसभा लोकसभा चुनाव की परिस्थितियां अलग होती हैं. यह सब परिस्थितियों पर निर्भर करता है, ना कि वोट का प्रतिशत किस तरह से होगा इस बात पर."

निगम को मिलेगा मजबूत मेयर: पुरुष प्रधान समाज होने पर महिला मेयर को परेशानी या मजबूत मेयर के प्रश्न पर उषा ने कहा "महिलाओं को आप कमजोर नहीं आंक सकते. महिला किसी क्षेत्र में कमजोर नहीं है. महिला सांसद भी है, महिला प्रधानमंत्री भी रही है. महिला आईएएस भी है महिला आईपीएस भी है. महिलाएं किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं रही है. इसलिए कोई मापदंड नहीं है कि महिला है तो वह कमजोर है या वह मेयर बनेगी तो अच्छे से काम नहीं कर पाएगी. समानता का अधिकार हमें दिया गया है और निगम को एक मजबूत मेयर मिलना चाहिए. जिस क्षेत्र में भी महिलाओं को मौका मिला है. उस क्षेत्र में महिलाओं ने बढ़ चढ़कर अपनी जिम्मेदारी निभाई है और पूरी मजबूती और ईमानदारी से निभाई है."

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कोरबा: नगरीय निकाय चुनाव जैसे जैसे पास आ रहा है, प्रत्याशियों की धड़कन बढ़ रही है. क्षेत्रफल के हिसाब से छत्तीसगढ़ के सबसे बड़े नगरपालिका निगम कोरबा में कांग्रेस ने वरिष्ठ कांग्रेस नेत्री उषा तिवारी को अपना प्रत्याशी बनाया है. उषा 36 साल से संगठन में सक्रिय हैं. नेता प्रतिपक्ष चरण दास महंत और सांसद ज्योत्सना महंत की करीबी मानी जाती हैं. पार्टी से बगावत कर एक बार उन्होंने मेयर का चुनाव भी लड़ा और 24000 से ज्यादा वोट हासिल किए थे. मौजूदा चुनावी समीकरण और अन्य मुद्दों को लेकर उषा तिवारी ने ETV भारत से खास बातचीत की.

प्रत्याशियों के पास जनता से संपर्क के लिए नहीं बचा समय : चुनावी तैयारी के प्रश्न ऊषा तिवारी ने कहा "वैसे तो हम चुनाव का तैयारी पहले से ही करते आ रहे हैं, लेकिन पता नहीं क्यों बीजेपी ने चुनाव की तारीखों का ऐलान करने में इतनी देर लगा दी की प्रत्याशियों के पास तैयारी के लिए समय ही नहीं बचा है.

कोरबा नगर निगम चुनाव (ETV Bharat Chhattisgarh)
ऐसे में समस्याओं का समाधान का तो प्रश्न ही नहीं उठता, यदि समय मिलता तो कम से कम जनता से ठीक तरह से रूबरू हो जाते और उनकी बातें हम तक पहुंच जाती हैं. जिस तरह से भाजपा ने चुनाव की तारीख डिक्लेअर किया है, मैं सिर्फ अपनी बात नहीं करती किसी भी प्रत्याशी को जनता तक पहुंचने में कठिनाई हो रही है. लेकिन हमारा यह प्रयास है कि हम जनता तक पहुंचे जाए और एक-एक से मिलें, उनकी समस्याओ तक पहुंचे."

भाजपायों ने ही हमें मुद्दे परोस के दिए : नगर पालिका निगम कोरबा के वृहद क्षेत्रपाल और चुनावी मुद्दे के प्रश्न पर उषा तिवारी ने कहा "मुद्दे काफी सारे हैं. कुछ दिन इंतजार कीजिए और मुद्दे ही मुद्दे होंगे. साल भर जो पहले जो चुनाव हुए हैं, बीजेपी ने हमें बहुत सारे मुद्दे दे दिए हैं. सबसे बड़ा मुद्दा महिलाओं की सुरक्षा का मुद्दा है. फ्लोरा मैक्स कंपनी से ठगी के मामले का जिक्र करते हुए उषा ने कहा कि महिलाएं छत्तीसगढ़ में हमेशा सुरक्षित रहती थी. सुरक्षा की भावना रहती थी, पर इस छत्तीसगढ़ में कोरबा में महिलाओं के साथ अभद्रता से पेश आया गया. एक कैबिनेट मंत्री के द्वारा यह कहा गया कि आपको फेंकवा देंगे, भला यह भी कोई बात हुई. जिन महिलाओं की बदौलत आप यहां पहुंचे हैं. उन महिलाओं का फेंकवा देने की बात आप कहते हैं, बीजेपी ने इतने सारे मुद्दे हमें दे दिए हैं कि मुद्दे लगातार आते जाएंगे और यही हमें मुद्दे पर देंगे. हमें मुद्दों को खोजने की जरूरत नहीं है."

सादगी से लड़ना चाहते हैं चुनाव : चुनाव में बड़े नेताओं के बीच जुबानी जंग के प्रश्न पर उषा ने कहा "हम बड़ी सादगी से चुनाव लड़ना चाहते हैं और लड़ेंगे. यहां कोई जुबानी जंग की बात नहीं है. किसी तरह के पलटवार की बात नहीं है. वह अपने मुद्दे लेकर चुनाव लड़ेंगे हम अपने मुद्दे लेकर चुनाव लड़ेंगे और रहा सवाल काम का तो आप ही हमें बताइए कि साल भर के सरकार में क्या हुआ है, सिर्फ घोषणा हुई है. घोषणाओं के अलावा और कुछ भी नहीं हुआ है. किसी भी घोषणा को अमली जामा नहीं पहनाया गया, कोई भी एक काम बता दें जो बीजेपी ने पूरा किया हो."

"हम छत्तीसगढ़ के लोग" : कोरबा में पूर्व कांग्रेस के मेयर राजकिशोर प्रसाद और बीजेपी की वर्तमान प्रत्याशी संजू देवी दोनों पूर्वांचल समाज से आते हैं. इस समाज के और राजनीतिक समीकरण के प्रश्न पर उषा ने कहा "हम सब छत्तीसगढ़िया के लोग हैं. हम कहते हैं कि हम हिंदुस्तान के लोग हैं. हमारे लिए कोई पूर्वांचल नहीं कोई पश्चिमांचल नहीं है. हम शुद्ध रूप से छत्तीसगढ़िया हैं. हम छत्तीसगढ़ की बात करते हैं. देखिए पूर्वांचल के वोट हैं, इस बात को नकारा भी नहीं जा सकता, लेकिन हम छत्तीसगढ़ की बात करते हैं. हिंदुस्तान की बात करते हैं. हम किसी पूर्वांचल की बात नहीं करते. हिंदुस्तान में रहने वाले लोग सब समानता का अधिकार रखते हैं. सब एक समान लोग हैं. बाकी सब बेकार की बातें हैं."

जात से ब्राह्मण, हमारी मांगने वाली जात और जनता से मांगेंगे : पार्टी से बगावत कर चुनाव लड़ने 24000 वोट प्राप्त करने का फायदा और नुकसान के सवाल पर उषा ने कहा "फायदा नुकसान वाली बात नहीं है. अब सब कुछ जनता के हाथ में है. हम जात के ब्राह्मण हैं, वैसे भी हमारी जात मांगने वाली जात है. तो हम जनता से मांगने जाएंगे. हमें मांगने में कोई संकोच भी नहीं है.

50000 की लीड का अब कोई मतलब नहीं क्योंकि निकाय चुनाव की अलग मानसिकता : चुनाव में वोट का प्रतिशत और लोकसभा चुनाव में कोरबा विधानसभा से भाजपा को मिली 50 हजार वोट से लीड के प्रश्न पर उषा ने कहा "देखिए लोकसभा और विधानसभा अलग-अलग परिस्थितियों होती हैं. यह जो नगर निगम को चुनाव है वह पूरी तरह से स्थानीय चुनाव है. यह चुनाव दूसरे ढंग से लड़ा जाता है, विधानसभा लोकसभा चुनाव की परिस्थितियां अलग होती हैं. यह सब परिस्थितियों पर निर्भर करता है, ना कि वोट का प्रतिशत किस तरह से होगा इस बात पर."

निगम को मिलेगा मजबूत मेयर: पुरुष प्रधान समाज होने पर महिला मेयर को परेशानी या मजबूत मेयर के प्रश्न पर उषा ने कहा "महिलाओं को आप कमजोर नहीं आंक सकते. महिला किसी क्षेत्र में कमजोर नहीं है. महिला सांसद भी है, महिला प्रधानमंत्री भी रही है. महिला आईएएस भी है महिला आईपीएस भी है. महिलाएं किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं रही है. इसलिए कोई मापदंड नहीं है कि महिला है तो वह कमजोर है या वह मेयर बनेगी तो अच्छे से काम नहीं कर पाएगी. समानता का अधिकार हमें दिया गया है और निगम को एक मजबूत मेयर मिलना चाहिए. जिस क्षेत्र में भी महिलाओं को मौका मिला है. उस क्षेत्र में महिलाओं ने बढ़ चढ़कर अपनी जिम्मेदारी निभाई है और पूरी मजबूती और ईमानदारी से निभाई है."

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