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मिक्की मेहता केस: बढ़ी निलंबित IPS मुकेश गुप्ता की परेशानी, गृह मंत्रालय ने जारी किए ये निर्देश

मिक्की मेहता केस में हुई जांच से गृह मंत्रालय असंतुष्ट है. जांच रिपोर्ट से गृह मंत्रालय ने 9 बिन्दु चिन्हांकित किए है. मंत्रालय इन बिन्दुओं पर एक बार फिर से जांच कराना चाहता है. इसे लेकर निलंबित आईपीएस मुकेश गुप्ता की तकलीफें और बढ़ सकती हैं.

निलंबित आईपीएस मुकेश गुप्ता.
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Published : Aug 16, 2019, 7:31 PM IST

Updated : Aug 16, 2019, 10:12 PM IST

रायपुर: मिक्की मेहता की संदिग्ध परिस्थिति में मौत मामले में दोबारा हुई जांच में 9 गलतियों को ध्यान में रखने के गृह मंत्रालय ने निर्देश जारी किए हैं. पूर्व गृहमंत्री ननकी राम कंवर ने इस मामले को लेकर निलंबित आईपीएस मुकेश गुप्ता के खिलाफ शिकायत की थी. डीजी गिरधारी नायक की जांच में पाया था कि मुकेश गुप्ता ने पद का दुरुपयोग करते हुए साक्ष्य छुपाने का प्रयास किया था.

इस जांच प्रतिवेदन के आधार पर गृहमंत्रालय ने निर्देश जारी किए हैं कि पूर्व में इस मामले में जो गलतियां की गई हैं उनका ध्यान रखा जाए. गृहमंत्रालय ने जांच में हुई 9 गड़बड़ियों को चिन्हांकित किया है.

ये हैं 9 प्वाइंट्स

  • प्रकरण का कार्यपालक दंडाधिकारी से अन्वीक्षण नहीं कराया गया.
  • रायपुर पुलिस की जगह दुर्ग पुलिस ने प्रकरण की जांच की, जो उनके अधिकार क्षेत्र में नहीं था.
  • डॉ मिक्की मेहता ने किस दुकान या बाजार से जहर खरीदा, ये उनके ड्राइवर द्वारा नहीं बता पाना.
  • रायपुर के शासकीय मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल में 4 वेंटिलेटर उपलब्ध थे, जो कि डॉ सलीम क्रिटिकल केयर नर्सिंग होम बैजनाथ पारा से महज 5 किमी की दूरी पर मौजूद है. डॉ मिक्की मेहता को यहां न ले जाकर 40 किमी दूर भिलाई सेकटर-9 अस्पताल ले जाना.
  • 40 किमी की दूरी को एम्बुलेंस द्वारा 2 घंटा 10 मिनट में तय करना
  • एम्बुलेंस के ड्राइवर का नाम और पता मौजूद नहीं होना.
  • घटनास्थल का कोई नजरी नक्शा नहीं होना
  • जांच को करीब 5 महीने रोका जाना
  • डॉ सलीम केसर के मुताबिक उन्होंने सिविल लाइन थाना रायपुर में लिखित शिकायत दी थी, लेकिन थाने के रिकॉर्ड में उपलब्ध नहीं होना.

गृहमंत्रालय ने इन सभी बातों को ध्यान में रख कर इस घटना की एक बार फिर से जांच कराने के निर्देश दिए हैं. साथ ही कहा गया कि जांच के बाद अपना अभिमत रखते हुए तत्काल रिपोर्ट विभाग में जमा कराया जाए. गौरतलब है कि मिक्की मेहता के परिजनों ने मुकेश गुप्ता पर हत्या और साक्ष्य छुपाने का आरोप लगाया है.

कौन है मिक्की मेहता
मिक्की मेहता के परिजनों के मुताबिक जून 1999 में आईपीएस मुकेश गुप्ता ने तिरुपति बालाजी मंदिर में मिक्की से शादी की थी. जबकि गुप्ता पहले से ही विवाहित थे. इस दौरान उनकी एक बच्ची भी हुई. इस बच्ची के जन्म के बाद मिक्की ने पहली पत्नी को छोड़ने का दबाव बनाना शुरू कर दिया था. लेकिन तभी सितंबर 2001 में मिक्की की संदिग्ध परिस्थिति में मौत हो गई. मिक्की के परिजन इसे हत्या करार देते हुए लंबी कानूनी लड़ाई लड़ रहे हैं.

रायपुर: मिक्की मेहता की संदिग्ध परिस्थिति में मौत मामले में दोबारा हुई जांच में 9 गलतियों को ध्यान में रखने के गृह मंत्रालय ने निर्देश जारी किए हैं. पूर्व गृहमंत्री ननकी राम कंवर ने इस मामले को लेकर निलंबित आईपीएस मुकेश गुप्ता के खिलाफ शिकायत की थी. डीजी गिरधारी नायक की जांच में पाया था कि मुकेश गुप्ता ने पद का दुरुपयोग करते हुए साक्ष्य छुपाने का प्रयास किया था.

इस जांच प्रतिवेदन के आधार पर गृहमंत्रालय ने निर्देश जारी किए हैं कि पूर्व में इस मामले में जो गलतियां की गई हैं उनका ध्यान रखा जाए. गृहमंत्रालय ने जांच में हुई 9 गड़बड़ियों को चिन्हांकित किया है.

ये हैं 9 प्वाइंट्स

  • प्रकरण का कार्यपालक दंडाधिकारी से अन्वीक्षण नहीं कराया गया.
  • रायपुर पुलिस की जगह दुर्ग पुलिस ने प्रकरण की जांच की, जो उनके अधिकार क्षेत्र में नहीं था.
  • डॉ मिक्की मेहता ने किस दुकान या बाजार से जहर खरीदा, ये उनके ड्राइवर द्वारा नहीं बता पाना.
  • रायपुर के शासकीय मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल में 4 वेंटिलेटर उपलब्ध थे, जो कि डॉ सलीम क्रिटिकल केयर नर्सिंग होम बैजनाथ पारा से महज 5 किमी की दूरी पर मौजूद है. डॉ मिक्की मेहता को यहां न ले जाकर 40 किमी दूर भिलाई सेकटर-9 अस्पताल ले जाना.
  • 40 किमी की दूरी को एम्बुलेंस द्वारा 2 घंटा 10 मिनट में तय करना
  • एम्बुलेंस के ड्राइवर का नाम और पता मौजूद नहीं होना.
  • घटनास्थल का कोई नजरी नक्शा नहीं होना
  • जांच को करीब 5 महीने रोका जाना
  • डॉ सलीम केसर के मुताबिक उन्होंने सिविल लाइन थाना रायपुर में लिखित शिकायत दी थी, लेकिन थाने के रिकॉर्ड में उपलब्ध नहीं होना.

गृहमंत्रालय ने इन सभी बातों को ध्यान में रख कर इस घटना की एक बार फिर से जांच कराने के निर्देश दिए हैं. साथ ही कहा गया कि जांच के बाद अपना अभिमत रखते हुए तत्काल रिपोर्ट विभाग में जमा कराया जाए. गौरतलब है कि मिक्की मेहता के परिजनों ने मुकेश गुप्ता पर हत्या और साक्ष्य छुपाने का आरोप लगाया है.

कौन है मिक्की मेहता
मिक्की मेहता के परिजनों के मुताबिक जून 1999 में आईपीएस मुकेश गुप्ता ने तिरुपति बालाजी मंदिर में मिक्की से शादी की थी. जबकि गुप्ता पहले से ही विवाहित थे. इस दौरान उनकी एक बच्ची भी हुई. इस बच्ची के जन्म के बाद मिक्की ने पहली पत्नी को छोड़ने का दबाव बनाना शुरू कर दिया था. लेकिन तभी सितंबर 2001 में मिक्की की संदिग्ध परिस्थिति में मौत हो गई. मिक्की के परिजन इसे हत्या करार देते हुए लंबी कानूनी लड़ाई लड़ रहे हैं.

Intro:
रायपुर। ड़ॉ मिक्की मेहता की संद्ग्ध परिस्थिति में मौत मामले में फिर से जांच में 9 गलतियों को ध्यान में रखने के निर्देश जारी. गृहमंत्रालय ने जारी किए निर्देश पूर्व गृहमंत्री ननकी राम कंवर ने मामले में निलंबित आईपीएस मुकेश गुप्ता के खिलाफ की थी शिकायत। डीजी गिरधारी नायक की जांच में पाया था कि मुकेश गुप्ता ने पद का दुरुपयोग करते हुए साक्ष्य छुपाने का प्रयास किया था। Body:इस जांच प्रतिवेदन के आधार पर गृहमंत्रालय ने निर्देश जारी किए हैं कि पूर्व में इस मामले में जो गलतियां की गई हैं उनका ध्यान रखा जाए, ये 9 बिंदु इस तरह हैं-
1.         प्रकरण का कार्यवालिक दण्डाधिकारी से अंवीक्षण नहीं कराया गया
2.         रायपुर पुलिस की जगह दुर्ग पुलिस ने प्रकरण की जांच की, जो उनके अधिकार क्षेत्र में नहीं था ।
3.         डॉ मिक्की मेहता द्वारा किस दुकान या बाजार से जहर खरीदा गया ये उनके ड्राइवर द्वारा नहीं बता पाना ।
4.         रायपुर के शासकीय मेडिकल कॉलेज और हॉस्पीटल में 4 वेंटिलेटर उपलब्ध थे जो कि डॉ सलीम क्रिटिकल केयर नर्सिंग होम बैजनाथ पारा से महज 5 किमी की दूरी पर स्थित है. डॉ मिक्की मेहता को यहां न ले जाकर 40 किमी दूर भिलाई सेकटर-9 अस्पताल ले जाना
5.         40 किमी की दूरी को एम्बुलेंस द्वारा 2 घंटा 10 मिनट में तय करना
6.         एमिबुलेंस के ड्राइवर का नाम और पता नहीं होना पाया गया
7.         घटनास्थल का कोई नजरी नक्शा नहीं होना पाया गया है
8.         जांच को करीब 5 महीना रोका गया ये भी पाया गया है
9.         डॉ सलीम केसर के मुताबिक उन्होंने सिविल लाइन थाना रायपुर में लिखित शिकायत दी थी, लेकिन थाने के रिकॉर्ड में उपलब्ध नहीं होना पाया गया है.

इस तरह इस मामले में दोबारा जांच में इन बातों का ध्यान रखते हुए जांच के निर्देश दिए गए हैं. साथ ही कहा गया कि जांच के बाद अपना अभिमत रखते हुए तत्काल रिपोर्ट विभाग में जमा कराएँ. गौरतलब है कि मिक्की मेहता के परिजनों ने मुकेश गुप्ता पर हत्या और साक्ष्य छुपाने का आरोप लगाया है ।
Conclusion:कौन है मिक्की मेहता-
मिक्की मेहता के परिजनों के मुताबिक जून 1999 में आईपीएस मुकेश गुप्ता ने तिरुपति बालाजी मंदिर में मिक्की से शादी की थी. जबकि गुप्ता पहले से विवाहित थे. इस दौरान उनकी एक बच्ची भी हुई इस बच्ची के जन्म के बाद मिक्की ने पहली पत्नी को छोड़ने का दबाव बनाया शुरू कर दिया था. और सितंबर 2001 में मिक्की की संदिग्ध परिस्थिति में मौत हो गई. मिक्की के परिजन इसे हत्या करार देते हुए लंबी कानूनी लड़ाई लड़ रहे हैं ।
Last Updated : Aug 16, 2019, 10:12 PM IST
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