रायपुर: मिक्की मेहता की संदिग्ध परिस्थिति में मौत मामले में दोबारा हुई जांच में 9 गलतियों को ध्यान में रखने के गृह मंत्रालय ने निर्देश जारी किए हैं. पूर्व गृहमंत्री ननकी राम कंवर ने इस मामले को लेकर निलंबित आईपीएस मुकेश गुप्ता के खिलाफ शिकायत की थी. डीजी गिरधारी नायक की जांच में पाया था कि मुकेश गुप्ता ने पद का दुरुपयोग करते हुए साक्ष्य छुपाने का प्रयास किया था.
इस जांच प्रतिवेदन के आधार पर गृहमंत्रालय ने निर्देश जारी किए हैं कि पूर्व में इस मामले में जो गलतियां की गई हैं उनका ध्यान रखा जाए. गृहमंत्रालय ने जांच में हुई 9 गड़बड़ियों को चिन्हांकित किया है.
ये हैं 9 प्वाइंट्स
- प्रकरण का कार्यपालक दंडाधिकारी से अन्वीक्षण नहीं कराया गया.
- रायपुर पुलिस की जगह दुर्ग पुलिस ने प्रकरण की जांच की, जो उनके अधिकार क्षेत्र में नहीं था.
- डॉ मिक्की मेहता ने किस दुकान या बाजार से जहर खरीदा, ये उनके ड्राइवर द्वारा नहीं बता पाना.
- रायपुर के शासकीय मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल में 4 वेंटिलेटर उपलब्ध थे, जो कि डॉ सलीम क्रिटिकल केयर नर्सिंग होम बैजनाथ पारा से महज 5 किमी की दूरी पर मौजूद है. डॉ मिक्की मेहता को यहां न ले जाकर 40 किमी दूर भिलाई सेकटर-9 अस्पताल ले जाना.
- 40 किमी की दूरी को एम्बुलेंस द्वारा 2 घंटा 10 मिनट में तय करना
- एम्बुलेंस के ड्राइवर का नाम और पता मौजूद नहीं होना.
- घटनास्थल का कोई नजरी नक्शा नहीं होना
- जांच को करीब 5 महीने रोका जाना
- डॉ सलीम केसर के मुताबिक उन्होंने सिविल लाइन थाना रायपुर में लिखित शिकायत दी थी, लेकिन थाने के रिकॉर्ड में उपलब्ध नहीं होना.
गृहमंत्रालय ने इन सभी बातों को ध्यान में रख कर इस घटना की एक बार फिर से जांच कराने के निर्देश दिए हैं. साथ ही कहा गया कि जांच के बाद अपना अभिमत रखते हुए तत्काल रिपोर्ट विभाग में जमा कराया जाए. गौरतलब है कि मिक्की मेहता के परिजनों ने मुकेश गुप्ता पर हत्या और साक्ष्य छुपाने का आरोप लगाया है.
कौन है मिक्की मेहता
मिक्की मेहता के परिजनों के मुताबिक जून 1999 में आईपीएस मुकेश गुप्ता ने तिरुपति बालाजी मंदिर में मिक्की से शादी की थी. जबकि गुप्ता पहले से ही विवाहित थे. इस दौरान उनकी एक बच्ची भी हुई. इस बच्ची के जन्म के बाद मिक्की ने पहली पत्नी को छोड़ने का दबाव बनाना शुरू कर दिया था. लेकिन तभी सितंबर 2001 में मिक्की की संदिग्ध परिस्थिति में मौत हो गई. मिक्की के परिजन इसे हत्या करार देते हुए लंबी कानूनी लड़ाई लड़ रहे हैं.