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Holika Dahan 2023: होलिका दहन की पूजा में इन बातों का रखें खास ध्यान, मिलेगा मन चाहा लाभ - holika dahan

फाल्गुन माह की पूर्णिमा को होली का पर्व मनाया जाता है. इस होली के मौके पर हम आपको बताने जा रहे हैं कि होलिका दहन की पूजा में किन बातों का खास ध्यान रखना है. जानिए एक्सपर्ट ज्योतिषाचार्य योगेश तिवारी ने बताई क्या बातें.happy holi 2023

Holika Dahan 2023
होलिका दहन
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Published : Mar 7, 2023, 12:36 PM IST

होलिका दहन

रायपुर: ज्योतिष आचार्य योगेश तिवारी ने बताया " होलिका दहन को चिता का स्वरूप माना गया है. होलिका दहन में बरगद पीपल की लकड़ियों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. सात्विक भोजन करना चाहिए. ज्यादातर लोगों के दिमाग में यह रहता है कि होली का त्यौहार मौज मस्ती का त्यौहार है, कुछ लोग मदिरापान करते हैं और मांसाहार का ग्रहण करते हैं. इन सभी चीजों से बचना चाहिए."

जोड़ों के साथ नहीं देखना चाहिए होलीका दहन: पंडित योगेश तिवारी ने बताया कि "नवविवाहित जोड़े को एक साथ होलिका दहन नहीं देखना चाहिए. यह सुखी वैवाहिक जीवन में बाधा डालता है. इसी के साथ यह कहा जाता है कि सास -बहू को भी एक साथ होलिका दहन नहीं दिखनी चाहिए. इन सभी बातों का होलिका दहन पर खास ख्याल रखना चाहिए."

उधार लेने और देने से बचें: पंडित योगेश तिवारी ने बताया" आर्थिक तंगी की आर्थिक स्थिति खराब है. तो भी होलिका दहन के दिन उधार लेने और देने से बचना चाहिए. होलिका दहन के दौरान उधार लेने और देने से आर्थिक तंगी बनी रहती है इसलिए ऐसा करने से बचना चाहिए."


पूजा के दौरान ऐसा करें: पंडित योगेश तिवारी ने बताया कि" होलिका दहन में पूजा के रोली, कुमकुम, गुलाल, बंदन, चंदन सफेद फूल, गोबर के कंडे, बताशा, इसके साथ सफेद कच्चा सूत लेकर जाए. होलिका में तीन और सात बार परिक्रमा करते हुए मौली धागा या कच्चे सूत से चारो ओर गोल बांधे. पंचोपचार के बाद पूजन करें. प्रसाद लगाएं और होलिका दहन हो जाए तो होलिका दहन के बाद भी सात बार परिक्रमा करें. और भगवान से प्रार्थना करें कि जितनी भी पहले जाने अनजाने में गलती हुई है. उन सब को क्षमा करें और अपने में लेले.आगे भी भविष्य सुखी रहे है. इन सब की प्रार्थना होलिका दहन में की जाती है."

यह भी पढ़ें: Holi festival 2023 : होलिका दहन का क्या है विधान, जानिए होली का शुभ मुहूर्त और महत्व

सफेद रंग खाद्य पदार्थ के सेवन से बचें:पंडित योगेश अग्रवाल ने कहा "होलिका दहन के बाद चंद्रमा अपने पूर्ण प्रभाव में रहता है, ऐसे में सफेद चीजों के भक्षण से बचना चाहिए. खीर और दूध से बनी हुई चीजें चावल का उपभोग नहीं करना चाहिए. इस दिन खिचड़ी घर में अवश्य बनाएं. चंद्रमा मन में प्रभाव ना डाली इसलिए सात्विक भोजन करना है. खिचड़ी का सेवन जरूर करें. और परिवार के सभी सदस्यों से खाएं और इस दिन भंडारा जरूर करें. अगर भंडारा नहीं करा सकते तो एक आदमी को भरपेट खिचड़ी जरूर खिलाएं हैं यह स्वास्थ्य के साथ-साथ दान महत्व है जिसका अच्छा प्रभाव पड़ता है."

होलिका दहन

रायपुर: ज्योतिष आचार्य योगेश तिवारी ने बताया " होलिका दहन को चिता का स्वरूप माना गया है. होलिका दहन में बरगद पीपल की लकड़ियों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. सात्विक भोजन करना चाहिए. ज्यादातर लोगों के दिमाग में यह रहता है कि होली का त्यौहार मौज मस्ती का त्यौहार है, कुछ लोग मदिरापान करते हैं और मांसाहार का ग्रहण करते हैं. इन सभी चीजों से बचना चाहिए."

जोड़ों के साथ नहीं देखना चाहिए होलीका दहन: पंडित योगेश तिवारी ने बताया कि "नवविवाहित जोड़े को एक साथ होलिका दहन नहीं देखना चाहिए. यह सुखी वैवाहिक जीवन में बाधा डालता है. इसी के साथ यह कहा जाता है कि सास -बहू को भी एक साथ होलिका दहन नहीं दिखनी चाहिए. इन सभी बातों का होलिका दहन पर खास ख्याल रखना चाहिए."

उधार लेने और देने से बचें: पंडित योगेश तिवारी ने बताया" आर्थिक तंगी की आर्थिक स्थिति खराब है. तो भी होलिका दहन के दिन उधार लेने और देने से बचना चाहिए. होलिका दहन के दौरान उधार लेने और देने से आर्थिक तंगी बनी रहती है इसलिए ऐसा करने से बचना चाहिए."


पूजा के दौरान ऐसा करें: पंडित योगेश तिवारी ने बताया कि" होलिका दहन में पूजा के रोली, कुमकुम, गुलाल, बंदन, चंदन सफेद फूल, गोबर के कंडे, बताशा, इसके साथ सफेद कच्चा सूत लेकर जाए. होलिका में तीन और सात बार परिक्रमा करते हुए मौली धागा या कच्चे सूत से चारो ओर गोल बांधे. पंचोपचार के बाद पूजन करें. प्रसाद लगाएं और होलिका दहन हो जाए तो होलिका दहन के बाद भी सात बार परिक्रमा करें. और भगवान से प्रार्थना करें कि जितनी भी पहले जाने अनजाने में गलती हुई है. उन सब को क्षमा करें और अपने में लेले.आगे भी भविष्य सुखी रहे है. इन सब की प्रार्थना होलिका दहन में की जाती है."

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सफेद रंग खाद्य पदार्थ के सेवन से बचें:पंडित योगेश अग्रवाल ने कहा "होलिका दहन के बाद चंद्रमा अपने पूर्ण प्रभाव में रहता है, ऐसे में सफेद चीजों के भक्षण से बचना चाहिए. खीर और दूध से बनी हुई चीजें चावल का उपभोग नहीं करना चाहिए. इस दिन खिचड़ी घर में अवश्य बनाएं. चंद्रमा मन में प्रभाव ना डाली इसलिए सात्विक भोजन करना है. खिचड़ी का सेवन जरूर करें. और परिवार के सभी सदस्यों से खाएं और इस दिन भंडारा जरूर करें. अगर भंडारा नहीं करा सकते तो एक आदमी को भरपेट खिचड़ी जरूर खिलाएं हैं यह स्वास्थ्य के साथ-साथ दान महत्व है जिसका अच्छा प्रभाव पड़ता है."

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