रायपुर: महाविद्यालय और विश्वविद्यालय में प्राध्यापक आपातकालीन परिस्थितियों में भी छात्रों को पढ़ा सकें इसके लिए उन्हें विशेष प्रशिक्षण दिए जाने की तैयारी तेज हो गई है. उच्च शिक्षा विभाग के जारी शैक्षणिक कैलेंडर में यह निर्देश दिए गए हैं. निर्देश के अनुसार प्राध्यापकों को विशेष परिस्थितियों में भी पढ़ाने के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा. इसके साथ ही अध्ययन और अध्यापन की पद्धति में सुधार करते हुए महाविद्यालय में सूचना प्रौद्योगिकी मानक का विस्तार करने को भी कहा गया है.
कोरोना संक्रमण के चलते इस साल अब तक कक्षाएं ऑनलाइन माध्यम से संचालित करनी पड़ रही है. भविष्य में भी ऐसे अवसर आ सकते हैं. भविष्य में इस तरह की विषम परिस्थितियों का सामना करने के लिए यह कदम उठाए जा रहे हैं. अब प्राध्यापकों को ऑनलाइन अध्ययन और अध्यापन के माध्यम से परिचित कराया जाएगा. उच्च शिक्षा विभाग माशिमं को सूची भी दी है. जिसके जरिए ऑनलाइन कक्षाएं संचालित की जा सकती है.
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कोरोना काल में ऑनलाइन क्लास बना माध्यम
मार्च माहीने में कोरोना वायरस के पैर पसारने के बाद अध्ययन और अध्यापन सहित कई अन्य कार्यों को भी ऑनलाइन किया जाना शुरू किया गया. कैलेंडर में 30% पाठ्यक्रम ऑनलाइन माध्यमों से ही पढ़ाए जाने की बात कही गई है. आवेदन प्रक्रिया समेंत अंकों की प्रविष्टि जैसे अन्य आवश्यक शैक्षणिक कार्य इस दौरान ऑनलाइन माध्यमों से संपन्न किए गए हैं. प्रारंभिक वक्त में ऐसे प्राध्यापक जो अधिक टेक्नो फ्रेंडली नहीं है उन्हें कई दिक्कतों का सामना करना पड़ा. लेकिन अब उन्हें भी ट्रेनिंग देकर बच्चों को शिक्षित करने के लिए कहा जा रहा है.