रायपुर : बूढ़ातालाब सौंदर्यीकरण के नाम पर सप्रे स्कूल और दानी स्कूल के मैदान को छोटा किए जाने को लेकर लगातार विवाद जारी है. इसे लेकर हाईकोर्ट में याचिका भी लगाई गई थी, जिसपर कोर्ट में सुनवाई चल रही थी, लेकिन हाईकोर्ट ने इसे खारिज कर दिया है. हाईकोर्ट के फैसले को रायपुर मेयर एजाज ढेबर ने जनता की जीत बताई है.
महापौर एजाज ढेबर ने कहा कि सप्रे शाला और दानी स्कूल को लेकर लगाई गई याचिका को हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है. यह जीत शहरवासियों की जीत है. बूढ़ा तालाब के सौंदर्यीकरण का कार्य लगातार जारी है और आने वाले दिनों में यह एक पर्यटन स्थल के रूप में जाना जाएगा और रायपुर का सबसे सुंदर स्थल होगा. सप्रे शाला और दानी स्कूल प्रांगण के डेड एरिया का उपयोग अंतरराष्ट्रीय खेल मैदान बनाने में किया जा रहा हैं. इससे राजधानी के खेल से जुड़े हुए लोगों को लाभ मिलेगा. हाईकोर्ट की ओर से याचिका खारिज किए जाने के बाद अब बूढ़ा तालाब सौंदर्यीकरण के रास्ते की बड़ी रुकावट दूर हो गई है.
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बता दें कि बूढ़ा तालाब सौंदर्यीकरण के लिए सप्रे शाला मैदान और दानी गर्ल्स स्कूल के मैदान को छोटा किए जाने का स्थानी लोगों ने और जनप्रतिनिधियों ने विरोध किया था. इसके बाद स्थानीय लोगों ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी शुक्रवार हाईकोर्ट ने दायर याचिका को खारिज कर दिया है.
धोबीघाट को तोड़ा गया
स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत बूढ़ा तालाब में सौंदर्यीकरण का काम किया जा रहा है. इस ऐतिहासिक तालाब के सौंदर्यीकरण करने के चलते यहां मौजूद धोबीघाट को नगर नगम ने तोड़ दिया है. इस वजह से धोबी समाज के लोगों का काम प्रभावित हुआ है. कोरोना काल में पहले ही लोग आर्थिक परेशानियों से जूझ रहे हैं. जानकारी के मुताबिक घाट के तोड़े जाने से करीब 40 धोबी परिवारों का व्यवसाय ठप पड़ गया है और उनकी माली हालात खराब हो गई है.
क्या है मामला
बता दें, जिस दिन से यह घोषणा की गई है कि सप्रे शाला को छोटा किया जाएगा और तालाब के सौंदर्यीकरण का उसे हिस्सा बनाया जाएगा, उसी दिन से लगातार सरकार के फैसले का विरोध किया जा रहा है. यह विरोध थमने का नाम नहीं ले रहा है. इसी क्रम में रविवार को सप्रे शाला और दानी गर्ल्स स्कूल के आसपास रहने वाले लोगों ने अपने घरों के बाहर तख्तियां पकड़ कर इसके खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. इस प्रदर्शन में छोटे-छोटे बच्चे भी तख्ती पकड़ विरोध प्रदर्शन का हिस्सा बने.