रायपुर: रायपुर में हिदायतुल्लाह नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी (हिदायतुल्ला नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी) का पांचवां दीक्षांत समारोह आयोजित किया (Hidayatullah National Law University topper Yavanika Story) गया. इस दीक्षांत समारोह में विधि की पढ़ाई में अव्वल आने वाले छात्र छात्राओं को मेडल और डिग्रियां बांटी गई. लेकिन इस कॉन्वोकेशन में दो बेटियों ने अपनी कामयाबी और काबलियत के बल पर सबका ध्यान अपनी ओर खींचा. इन दो छात्राओं में एक छात्रा पल्लवी मिश्रा (HNLU topper Pallavi Mishra Story) हैं. उन्हें कुल एक दो नहीं बल्कि 11 गोल्ड मेडल मिले. जबकि एक छात्रा ऐसी हैं जिन्होंने दिव्यांगता और दृष्टिहीनता के बावजूद हिदायतुल्लाह नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी में टॉप किया. इन दोनों टॉपर्स की कहानी काफी (Toppers of HNLU) प्रेरणादायक है
पल्लवी मिश्रा ने विदेश में एक करोड़ के पैकेज का ऑफर ठुकराया: HNLU की पहली टॉपर पल्लवी मिश्रा हैं. पल्लवी मिश्रा को एक नहीं, दो नहीं, बल्कि कुल 11 सब्जेक्ट में गोल्ड मेडल मिला है. ईटीवी भारत से खास बातचीत में पल्लवी मिश्रा ने बताया कि "उन्हें अपने देश से प्यार है और वह अपने देश में रहकर काम करना चाहती हैं. इसिलए उन्होंने विदेश से मिले 1 करोड़ के पैकेज को ठुकरा दिया है. उन्होंने ईटीवी भारत से बातचीत में कहा कि वह लॉ प्रैक्टिस करना चाहती हैं. वह देश में रहकर अपने देश और समाज के लिए काम करना (HNLU convocation 2022) चाहती हैं".
पल्लवी ने कैंब्रिज यूनिवर्सिटी से की है पढ़ाई: पल्लवी ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि "मैंने कैम्ब्रिज से मास्टर ऑफ कॉर्पोरेट लॉ की पढ़ाई की है. मेरा एक साल का कोर्स था, कुछ दिन पहले ही मेरा कोर्स खत्म हुआ. मैं वहां से बहुत कुछ सीख कर आई हूं. अपने देश के लिए मैं और क्या कर सकती हूं, यह सारी चीजें सीखकर आई हूं. उसी को अब अप्लाई करना है. पल्लवी ने बताया कि HNLU में पढ़ाई के दौरान आठवें सेमेस्टर में ही मेरा कैंपस सेलेक्शन हो गया था. मुझे लंदन की कंपनी से एक करोड़ का पैकेज मिला. लेकिन मैं अपने देश में रहकर काम करना चाहती हूं. इसलिए मैंने उस ऑफर को नहीं लिया. अब मैं दिल्ली में लिटिगेशन की शुरुआत करूंगी और दिल्ली में ही काम करूंगी"
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दृष्टिहीन यवनिका की ऊंची उड़ान : तमाम चुनौतियों और मुश्किल परिस्थितियों के बीच दृष्टिहीन यवनिका ने बीएएलएलबी के प्रोफेशनल एथिक्स में गोल्ड मेडल हासिल किया. उन्होंने अपनी दृष्टिहीनता को कभी कमजोरी नहीं समझा और लगातार आगे बढ़ती रहीं उनके इस संघर्ष में उनके माता पिता ने भरपूर साथ दिया. दिल्ली की रहने वाली यवनिका के पिता भारतीय रेल सेवा में अधिकारी हैं और मां स्पेशल एजुकेटर के तौर पर काम कर रही थीं. यवनिका ने फैसला लिया कि वो लॉ की पढ़ाई करेंगी. यवनिका ने रायपुर के हिदायतुल्लाह नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी में एडमिशन लिया. यवनिका को कोई परेशानी ना हो इसके लिए उनकी मां ने अपनी नौकरी छोड़ दी और यवनिका के साथ ही रायपुर में पांच वर्ष तक रही. ईटीवी भारत से बातचीच में यवनिका ने कहा कि " मैं पूरी कोशिश करूंगी कि मैं जो काम करूं पूरी ईमानदारी से करूं. सभी के अंदर कानून की अवेयरनेस फैलाने का काम करूं. ताकि लोग कानून को लेकर जागरुक हो सकें"