रायपुर: कोरोना की दूसरी लहर के दौरान प्रदेश में हजारों लोग संक्रमित हुए थे. दूसरी लहर इतनी खतरनाक थी कि कोरोना के पिक के दौरान रोजाना 250 लोगों की मौत प्रदेश में हो रही थी. जब प्रदेश में दूसरी लहर खत्म हुई तभी से तीसरी लहर को लेकर यह अंदेशा जताया जा रहा था कि तीसरी लहर के दौरान संक्रमण दर कोरोना की दूसरी लहर के मुकाबले बहुत अधिक होगा. तीसरी लहर के दौरान काफी बच्चे भी संक्रमित हो सकते हैं. जिसको देखते हुए राज्य सरकार और केंद्र सरकार ने तीसरी लहर के पहले ही कोरोना से निपटने की तैयारी शुरू कर दी थी.
तीसरी लहर में मरीजों को अस्पताल में भर्ती करने की नहीं पड़ी जरूरत: प्रदेश में जब कोरोना तीसरी लहर की शुरुआत हुई तब लोग तेजी से संक्रमित हो रहे थे. तीसरी लहर के शुरुआत में महज 10 दिनों में ही प्रदेश में एक्टिव मरीजों की संख्या 10 गुना बढ़ गई थी. इसकी तैयारी स्वास्थ्य विभाग ने पहले से ही कर ली थी. लेकिन जितनी तेजी से एक्टिव मरीजों की संख्या प्रदेश में बढ़ी उतने ही तेजी से कुछ ही दिनों में एक्टिव मरीजों की संख्या कम हो गई. 90फीसद से ज्यादा मरीजों को अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत ही नहीं पड़ी. होम आइसोलेशन में ही मरीज ठीक हो जा रहे थे.
ये सभी मशीन पड़े डंप
- 2785 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर
- 2714 ऑक्सीजन सिलेंडर
- 80 वेंटिलेटर
- 2 एबीजी मशीन
- 80 मल्टी पैरा मॉनिटर
तीसरी लहर के दौरान इस्तेमाल ना होने वाले मशीन हुए डंप: कोरोना की तीसरी लहर के मुकाबले करोड़ों रुपए के मशीने खरीदे गए थे. लेकिन तीसरी लहर प्रदेश में इतनी खतरनाक साबित नहीं हुई. जितनी आशंका जताई जा रही थी. इस वजह से करीब 4 करोड़ रुपए के वेंटीलेटर, 13 करोड रुपए के ऑक्सीजन कंसंट्रेटर और करीब 4 करोड़ के ऑक्सीजन सिलेंडर रखे हुए हैं. स्वास्थ्य विभाग द्वारा जो मशीने अभी रखे गए हैं अब उसकी खराब होने का आशंका व्यक्त की जा रही है. इसको लेकर ईटीवी भारत ने स्वास्थ विभाग अधिकारियों से बातचीत की... आईए जानते हैं उन्होंने क्या कहा?
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हर हफ्ते मशीने का किया जाता है टेस्ट: इस विषय में एपिडेमिक कंट्रोल हेड डॉ सुभाष मिश्रा कहते हैं कि तीसरी लहर को लेकर हमने पहले से ही तैयारी कर ली थी लेकिन हमने जितना सोचा था तीसरी लहर प्रदेश में उतना खतरनाक नहीं रहा. जिन वेंटीलेटर या ऑक्सीजन सिलेंडर का इस्तेमाल नहीं हुआ है, उसको सेफ रखा गया हैं. कुछ इंस्ट्रूमेंट का इस्तेमाल अभी हॉस्पिटल में किया जा रहा है. जहां-जहां जरूरत पड़ती है. हम उसकी सप्लाई करते हैं. सभी इंस्ट्रूमेंट जो तीसरी लहर के बाद से रखे हुए हैं. उसका हर हफ्ते टेस्ट किया जाता है ताकि वो खराब ना हो.
दूसरे देशों में कोरोना की चौथी लहर की हो चुकी है एंट्री: रायपुर जिला अस्पताल सिविल सर्जन पी के गुप्ता ने बताया कि कोरोना की दूसरी लहर काफी खतरनाक रही थी जिस वजह से तीसरी लहर के पहले ही हमने कोरोना को लेकर पूरी तैयारी कर ली थी. लेकिन जितना हमने सोचा था तीसरी लहर इतनी खतरनाक साबित नहीं हुई. इसलिए बहुत सारे उपकरण अभी रखे हुए हैं. वह खराब ना हो जाए इसके लिए हम हर हफ्ते उसे चलाकर टेस्ट करते रहते हैं. कुछ देशों में कोरोना की चौथी लहर एंटर कर चुकी है आगे भारत में भी इसकी आने की आशंका है. उस समय यह उपकरण काम आएंगे. रखे उपकरणों को लेकर स्वास्थ विभाग ने गाइडलाइन भी जारी की है.
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स्वास्थ्य विभाग ने जारी की गाइडलाइन
- जिलों में मॉनिटरिंग के लिए नोडल अफसर नियुक्त किए जायेंगे.
- ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की जांच और हर महीने 2 बार ट्रायल किए जाएंगे.
- ऑक्सीजन प्लांट से हर हफ्ते ऑक्सीजन सप्लाई कर पाइपलाइन की जांच की जाएगी.
- उपकरण या मशीन में खराबी पर मुख्यालय को सूचना दिया जाना अनिवार्य है.
- अस्पताल में लगे वेंटीलेटर की हर हफ्ते जांच टेस्टिंग की जाएगी.
- हर हफ्ते टेस्टिंग की रिपोर्ट रजिस्टर में अपडेट करनी होगी.