रायपुर: स्वास्थ्य विभाग जल्द ही 4 कंपनियों को ब्लैक लिस्ट करने जा रहा है. चारों कंपनियों के नाम कमेटी के पास भेज दिए गए हैं और जल्द ही इन्हें ब्लैक लिस्ट किया जाएगा.
स्वास्थ्य विभाग ने रैपिड टेस्ट किट के लिए दो बार टेंडर जारी किया. पहली बार टेंडर बुलाए जाने पर जिन 3 कंपनियों का चयन किया गया, उनमें से किसी ने भी स्वास्थ्य विभाग को टेस्ट किट सप्लाई नहीं किया और टेंडर कैंसिल करना पड़ा. इसके बाद पास विभाग ने दोबारा टेंडर बुलवाए. जिस एल वन कंपनी ने पहले टेंडर भरा था उसने भी रेट गलत डालने का हवाला देते हुए माल सप्लाई करने से मना कर दिया.
गलत रेट डालने का हवाला
जानकारी के मुताबिक दूसरी बार टेंडर किए जाने पर एल वन कंपनी ने अपनी सफाई देते हुए कहा था कि टेंडर भरते वक्त एक गलती हो गई थी. जिसके कारण जिस प्रोडक्ट का रेट हमें 1 हजार 170 डालना था वो 117 रुपए डाला गया. जिसके कारण हम यह माल सप्लाई नहीं कर पाएंगे. कंपनी बिलासपुर की थी और उसने लेटर लिखकर स्वास्थ्य विभाग से अपनी गलती के लिए माफी मांगी है.
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स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा कि 'हमारी जानकारी में बात आई है. पहले भी दो तीन कंपनियों ने टेंडर भरने के बाद माल सप्लाई करने से मना किया था. उसे और इस बार जो पहली कंपनी थी उसे हम 3 साल के लिए ब्लैक लिस्ट करेंगे. हमने कमेटी को यह रिपोर्ट सौंप दी है.
72 घंटे का था समय
बता दें कि टेस्टिंग किट की कमी बढ़ने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने शॉर्ट टर्म टेंडर निकाला था. जिसमें महज 72 घंटों का समय दिया गया था. यह टेंडर दो बार निकाला गया. पहली बार में जो तीन कंपनियां शॉर्टलिस्टिंग थी उन तीनों कंपनियों ने माल सप्लाई करने से मना कर दिया.