रायपुर: आपकी कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव है, आपका इलाका कंटेंटमेंट जोन है...ये शब्द एक साल पहले हमने सुने थे. पिछले 365 दिनों में देश का हर इंसान किसी न किसी तरह की कठिन परिस्थिति से गुजरा है. लेकिन इस मुश्किल वक्त में सहारा बनकर आए हमारे कोरोना वॉरियर्स. 18 मार्च को छत्तीसगढ़ में कोविड-19 की पहली मरीज मिली थी. उस दिन से लेकर आज तक डॉक्टरों, स्वास्थ्यकर्मियों, सफाईकर्मियों और पुलिसकर्मियों ने जान हथेली पर लेकर लोगों की जिंदगी बचाई है. लेकिन हमने अपने 22 हीरो खो दिए, जिन्होंने जनसेवा में अपना जीवन न्योछावर कर दिया.
कोरोना से जान गंवाने वाले डॉक्टर्स के नाम
धमतरी के रहने वाले डॉक्टर रमेश ठाकुर, बिलासपुर के डॉक्टर मनोज जायसवाल, बलौदाबाजार के बीपी बघेल, बीजापुर के योगेश गबेल और कोरिया के दीपेंद्र सिकरवार ने कोरोना महामारी से जंग में अपनी जान गंवा दी थी. इन डॉक्टरों ने कोविड ड्यूटी की, संक्रमित हुए और जिंदगी की जंग हार गए. लेकिन ये सभी अपने इलाज से बचाए गए मरीजों की जिंदगियों में हमेशा जीवित रहेंगे.
कोरोना से जान गवाने वाले डॉक्टर्स-
नाम | जिला |
डॉ रमेश ठाकुर | धमतरी |
डॉ मनोज जायसवाल | बिलासपुर (नोडल अधिकारी) |
डॉ बीपी बघेल | बलौदाबाजार |
डॉ योगेश गबेल | बीजापुर |
डॉ दीपेंद्र सिकरवार | कोरिया |
कोरोना से जान गंवाने वाले कोरोना वॉरियर्स के नाम
डॉक्टर्स के साथ-साथ स्वास्थ्यकर्मियों ने कोरोना महामारी के खिलाफ जंग में बहुत बड़ा योगदान दिया है. मरीजों का बुखार नापते, इंजेक्शन लगाते, ग्लूकोज की बोतल चढ़ाते, दवाइयां देते हेल्थ वर्कर्स ही मानो कोरोना की चपेट में आए मरीजों के लिए परिवार बन गए हों. लेकिन इन बीमारी ने कई हीरोज को लील लिया. कोई आशा कार्यकर्ता था, तो कई नर्स, किसी ने मितानिन के रूप में योगदान दिया, तो कोई सफाईकर्मी जंग लड़ते-लड़ते इस महामारी की चपेट में आया. सेवा करते-करते ये वॉरियर्स हमें छोड़कर चले गए. दुर्ग जिले में सबसे ज्यादा कोरोना वॉरियर्स (6) की मौत हुई. रायगढ़ में भी 5 वॉरियर्स ने जनसेवा की बेदी पर बलिदान दिया.
नाम | पोस्ट | जिला |
राजकुमारी सोनी | आशा कार्यकर्ता | बिलासपुर |
विकांत गरदिया | स्टाफ नर्स | महासमुंद |
कुशाल दास लहरे | रुरल हेल्थ मिशन) | राजनांदगांव |
युनुस खान | वार्ड ब्वॉय | राजनांदगांव |
दया राम साहू | लैब टेक्निशियन | दुर्ग |
दुलारी बाई | आया बाई | दुर्ग |
विजय यादव | ड्रेसर | दुर्ग |
प्रीती साहू | मितानिन | दुर्ग |
पार्वती निषाद | मितानिन | दुर्ग |
लक्ष्मी नायक | मितानिन | दुर्ग |
शैलेंद्र कुमार | रेडियोलॉजिस्ट | जशपुर |
भरत लाल | वार्ड ब्वॉय | जशपुर |
हर्षवर्धन | असिस्टेंट | रायगढ़ |
शांता स्वर्णकार | आशा कार्यकर्ता | रायगढ़ |
संतोष दिघे | लैब टेक्नीशियन | रायगढ़ |
राधा बाई | सफाईकर्मी | रायगढ़ |
गेशबाई | मितानिन | रायगढ़ |
'कभी न भुला सकेंगे बलिदान'
डॉक्टर राकेश गुप्ता कहते हैं कि लगातार कोरोना वॉरियर्स, लोगों की सेवा में जुटे सामाजिक कार्यकर्ता इस महामारी के चपेट में आते रहे. छत्तीसगढ़ में 5 डॉक्टर और कई मेडिकल स्टाफ कोरोना संक्रमित हुए. लेकिन अपना फर्ज अच्छे से निभाते रहे. लेकिन अपना फर्ज अच्छे से निभाते रहे. वे कहते हैं कि 2020 साल मानो युद्ध जैसा था. प्रशासन और फ्रंट लाइन वर्कर की वजह से हमने कोरोना पर काफी हद तक जीत हासिल की है. उन्होंने कहा कि कोविड-19 के खिलाफ मानवता की इस जंग में स्वास्थ्यकर्मियों के बलिदान को हमेशा याद किया जाएगा.
गाइडलाइन्स के पालन की अपील
लेकिन केस फिर बढ़ने लगे हैं. मरीजों की बढ़ती संख्या ने शासन और प्रशासन के माथे पर चिंता की लकीरें खींच दी हैं. राकेश गुप्ता ने लोगों से अपील की है कि वे कोरोना गाइडलाइन्स का पालन करें, जिससे फैलाव न हो सके. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉक्टर महेश सिन्हा कहते हैं कि एक साल में पूरी दुनिया में कई स्वास्थ्यकर्मियों और चिकित्सकों ने अपनी जान गंवाई है. ये ऐसी महामारी है, जिसके बारे में किसी को कुछ पता नहीं था. शुरू में स्थिति गंभीर थी लेकिन अब नॉर्मल है. महेश सिन्हा ने भी बढ़ते मामलों पर चिंता जताते हुए लोगों से अपील की है कि वे अपना ध्यान रखें और सावधानी बरतें.