ETV Bharat / state

Haritalika Teej 2021 Vrat: जानें हरतालिका तीज की शुभ मुहूर्त और विधि - रायपुर न्यूज

हरतालिका तीज (Haritalika Teej) का व्रत महिलाएं पति की दीर्घायु और आरोग्यता के लिए करती हैं. इस बार हरतालिका तीज व्रत के दिन एक दुर्लभ संयोग का निर्माण हो रहा है.

हरितालिक तीज का शुभ मुहूर्त
हरितालिक तीज का शुभ मुहूर्त
author img

By

Published : Sep 6, 2021, 9:55 PM IST

Updated : Sep 9, 2021, 6:57 AM IST

रायपुर: भाद्रपद शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरतालिका तीज व्रत (Haritalika Teej Vrat) और गौरी व्रत शाम श्रावणी आदि रूप में मनाया जाता है. इस दिन हस्त नक्षत्र शुक्ल योग आनंद योग कन्या उपरांत तुला राशि का संयोग बन रहा है. सनातन परंपरा में तीज का विशेष महत्व है. सौभाग्यवती महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और अखंड सौभाग्य के लिए इस व्रत को रखती आई हैं. साल 2021 में यह तिथि 9 सितंबर को पड़ रही है.

हरितालिक तीज का शुभ मुहूर्त

तीजा पर्व का महत्व और मुहूर्त

तीजा का पर्व प्रमुख रूप से 8 सितंबर की मध्य रात्रि 2:33 से प्रारंभ होकर 9 सितंबर गुरुवार को मध्य रात्रि 12:18 तक रहेगी. संपूर्ण काल में सौभाग्यवती स्त्रियां निर्जला और निराहार रहकर इस व्रत को करती हैं. दूसरे दिन प्रातः काल उपवास तोड़ा जाता है. इसे करू भात के द्वारा तोड़ने का विधान है. करेले की सब्जी और चावल का मिश्रण भूख से अतृप्त शरीर को पुष्टि प्रदान करते हैं.

इस दिन कढ़ी चावल खाने का भी विधान है. साथ ही एक दूसरे के घर जाकर मित्र रिश्तेदारों का संगत प्राप्त कर इस उपवास को तोड़कर आनंद मनाया जाता है. वास्तव में यह बहुत कठिन उपवास है. इसमें पूरा दिन महिलाएं निर्जला और निराहार व्रत रखती हैं. इस व्रत को करने के लिए शीतली और शीतकारी प्राणायाम की सहायता ली जानी चाहिए.

निर्जला और निराहार रहकर व्रती करती हैं व्रत

प्राचीन काल में माता सती पुनः शरीर रूप में पार्वती बनकर आई. उनका जन्म हिमालय की पुत्री के रूप में हुआ. इस जन्म में भी माता पार्वती ने शिव को ही पति रूप में प्राप्त करने के लिए अनेक व्रत किए और भाद्रपद शुक्ल पक्ष की तृतीया को पूरी तरह निर्जला और निराहार रहकर व्रत संकल्प पूर्ण किया. फल स्वरुप भगवान शिव ने प्रसन्न होकर माता पार्वती को यह आशीर्वाद दिया कि मैं ही तुम्हारा स्वामी के रूप में रहूंगा और अपने इस दिए गए वरदान को भगवान शिव ने निभाया. तब से ही तीजा के इस पर्व का प्रचलन प्रारंभ हुआ.

रायपुर: भाद्रपद शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरतालिका तीज व्रत (Haritalika Teej Vrat) और गौरी व्रत शाम श्रावणी आदि रूप में मनाया जाता है. इस दिन हस्त नक्षत्र शुक्ल योग आनंद योग कन्या उपरांत तुला राशि का संयोग बन रहा है. सनातन परंपरा में तीज का विशेष महत्व है. सौभाग्यवती महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और अखंड सौभाग्य के लिए इस व्रत को रखती आई हैं. साल 2021 में यह तिथि 9 सितंबर को पड़ रही है.

हरितालिक तीज का शुभ मुहूर्त

तीजा पर्व का महत्व और मुहूर्त

तीजा का पर्व प्रमुख रूप से 8 सितंबर की मध्य रात्रि 2:33 से प्रारंभ होकर 9 सितंबर गुरुवार को मध्य रात्रि 12:18 तक रहेगी. संपूर्ण काल में सौभाग्यवती स्त्रियां निर्जला और निराहार रहकर इस व्रत को करती हैं. दूसरे दिन प्रातः काल उपवास तोड़ा जाता है. इसे करू भात के द्वारा तोड़ने का विधान है. करेले की सब्जी और चावल का मिश्रण भूख से अतृप्त शरीर को पुष्टि प्रदान करते हैं.

इस दिन कढ़ी चावल खाने का भी विधान है. साथ ही एक दूसरे के घर जाकर मित्र रिश्तेदारों का संगत प्राप्त कर इस उपवास को तोड़कर आनंद मनाया जाता है. वास्तव में यह बहुत कठिन उपवास है. इसमें पूरा दिन महिलाएं निर्जला और निराहार व्रत रखती हैं. इस व्रत को करने के लिए शीतली और शीतकारी प्राणायाम की सहायता ली जानी चाहिए.

निर्जला और निराहार रहकर व्रती करती हैं व्रत

प्राचीन काल में माता सती पुनः शरीर रूप में पार्वती बनकर आई. उनका जन्म हिमालय की पुत्री के रूप में हुआ. इस जन्म में भी माता पार्वती ने शिव को ही पति रूप में प्राप्त करने के लिए अनेक व्रत किए और भाद्रपद शुक्ल पक्ष की तृतीया को पूरी तरह निर्जला और निराहार रहकर व्रत संकल्प पूर्ण किया. फल स्वरुप भगवान शिव ने प्रसन्न होकर माता पार्वती को यह आशीर्वाद दिया कि मैं ही तुम्हारा स्वामी के रूप में रहूंगा और अपने इस दिए गए वरदान को भगवान शिव ने निभाया. तब से ही तीजा के इस पर्व का प्रचलन प्रारंभ हुआ.

Last Updated : Sep 9, 2021, 6:57 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.