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Ashadh Gupta Navratri 2023: आषाढ़ गुप्त नवरात्रि क्यों है खास, जानिए इसका महत्व !

आषाढ़ शुक्ल पक्ष, 19 जून सोमवार से लेकर 27 जून आषाढ़ शुक्ल नवमी तक 9 दिनों की नवरात्रि मनाई जाएगी. यह गुप्त नवरात्रि कहलाती है. जबकि चैत्र और शरद नवरात्रि को ज्ञात नवरात्रि कहा जाता है. जानिए गुप्त नवरात्रि कितनी खास होती है. Gupta Navratri 2023

Ashadh Gupta Navratri 2023
आषाढ़ गुप्त नवरात्रि 2023
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Published : Jun 16, 2023, 5:16 PM IST

आषाढ़ गुप्त नवरात्रि का महत्व

रायपुर: साल में दो बार ज्ञात नवरात्रि और दो बार गुप्त नवरात्रि, कुल चार नवरात्रि का पर्व मनाया जाता है. इस साल आषाढ़ शुक्ल पक्ष 19 जून सोमवार से शुरु हो रहा है. इसलिए 19 जून सोमवार से लेकर 27 जून आषाढ़ शुक्ल नवमी तक 9 दिनों के दौरान गुप्त नवरात्रि मनाई जाएगी.

गुप्त नवरात्रि के 9 दिन हैं खास: गुप्त नवरात्रि के 9 दिन अति विशिष्ट होते हैं. पहले दिन माता की स्थापना होती है और पूजा की जाती है. शैलपुत्री के रूप में घटस्थापन की जाती है. दूसरे दिन माता ब्रह्मचारिणी का पूजन किया जाता है. इस दिन जगन्नाथपुरी में श्री जगन्नाथ रथ यात्रा निकाली जाती है. जगन्नाथ मंदिरों में रथ यात्रा का पावन पर्व मनाया जाता है. यह रथयात्रा अपने आप में विशेष माना जाता है. आज के दिन भगवान कृष्ण बलभद्र एवं सुभद्रा अपनी मौसी से मिलने जाते हैं.

तीसरे दिन माता चंद्रघंटा की पूजा-अर्चना और आराधना की जाती है. यह दिवस योग दिवस के रूप में भी जाना जाता है. इसे संगीत दिवस के रूप में भी मनाया जाता हैं. चतुर्थी का दिवस कुष्मांडा माता, पंचमी स्कंदमाता, छठवें दिन कात्यायनी माता की पूजा की जाती है. सप्तमी को माता कालरात्रि, अष्टमी को माता महागौरी और नवमी को माता सिद्धिदात्री की विधि विधान से पूजन का विधान है.

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तंत्र मंत्र के लिए गुप्त नवरात्रि होती है शक्ति: शास्त्रों के अनुसार, यह गुप्त नवरात्रि तंत्र सिद्धि, मंत्र सिद्धि, योग-ध्यान के लिए विशिष्ट मानी जाती है. इस गुप्त नवरात्रि में पूजा-पाठ, जप-तप, तंत्र एवं मंत्र सिद्धि सफल होती है. इसके साथ ही इस नवरात्रि के शुभ दिन व्रत उपवास करने पर देवी का आशीर्वाद मिलता है. गुप्त नवरात्रि में अत्यधिक शक्ति होती है. इस नवरात्रि का विधि पूर्वक पारण करने पर समस्त मनोकामनाएं पूर्ण होती है. जीवन में आने वाली बाधाएं दूर होती है. गुप्त नवरात्र सूक्ष्म नवरात्र के रूप में जानी जाती है.

सोई हुई शक्तियां होती है जागृत: गुप्त नवरत्रि में भी छत्तीसगढ़ के महामाया देवी मंदिर रतनपुर में जोत जलाने का प्रावधान है. पूरे नव दिन श्रद्धा, आस्था और अनुशासन के साथ जोत जलाए जाते हैं. ज्योति कलश का दर्शन, प्रणाम करना और इनसे प्रेरणा लेना बहुत महत्वपूर्ण माना गया है. इस समय में सोई हुई शक्तियां जागृत रहती है. सभी तरह के गुप्त तांत्रिक इस समय तंत्र एवं मंत्र विद्या को सिद्ध करने में लगे रहते हैं. यह सबसे महत्वपूर्ण और विशिष्ट माने जाने वाली गुप्त नवरात्रि हैं. इनके परिणाम भी ज्ञात नवरात्रि की तरह ही प्राप्त होते हैं. पूरी श्रद्धा, आस्था और विनम्रता के साथ गुप्त नवरात्रि के पर्व को श्रद्धालुओं को सपरिवार मनाना चाहिए.

आषाढ़ गुप्त नवरात्रि का महत्व

रायपुर: साल में दो बार ज्ञात नवरात्रि और दो बार गुप्त नवरात्रि, कुल चार नवरात्रि का पर्व मनाया जाता है. इस साल आषाढ़ शुक्ल पक्ष 19 जून सोमवार से शुरु हो रहा है. इसलिए 19 जून सोमवार से लेकर 27 जून आषाढ़ शुक्ल नवमी तक 9 दिनों के दौरान गुप्त नवरात्रि मनाई जाएगी.

गुप्त नवरात्रि के 9 दिन हैं खास: गुप्त नवरात्रि के 9 दिन अति विशिष्ट होते हैं. पहले दिन माता की स्थापना होती है और पूजा की जाती है. शैलपुत्री के रूप में घटस्थापन की जाती है. दूसरे दिन माता ब्रह्मचारिणी का पूजन किया जाता है. इस दिन जगन्नाथपुरी में श्री जगन्नाथ रथ यात्रा निकाली जाती है. जगन्नाथ मंदिरों में रथ यात्रा का पावन पर्व मनाया जाता है. यह रथयात्रा अपने आप में विशेष माना जाता है. आज के दिन भगवान कृष्ण बलभद्र एवं सुभद्रा अपनी मौसी से मिलने जाते हैं.

तीसरे दिन माता चंद्रघंटा की पूजा-अर्चना और आराधना की जाती है. यह दिवस योग दिवस के रूप में भी जाना जाता है. इसे संगीत दिवस के रूप में भी मनाया जाता हैं. चतुर्थी का दिवस कुष्मांडा माता, पंचमी स्कंदमाता, छठवें दिन कात्यायनी माता की पूजा की जाती है. सप्तमी को माता कालरात्रि, अष्टमी को माता महागौरी और नवमी को माता सिद्धिदात्री की विधि विधान से पूजन का विधान है.

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तंत्र मंत्र के लिए गुप्त नवरात्रि होती है शक्ति: शास्त्रों के अनुसार, यह गुप्त नवरात्रि तंत्र सिद्धि, मंत्र सिद्धि, योग-ध्यान के लिए विशिष्ट मानी जाती है. इस गुप्त नवरात्रि में पूजा-पाठ, जप-तप, तंत्र एवं मंत्र सिद्धि सफल होती है. इसके साथ ही इस नवरात्रि के शुभ दिन व्रत उपवास करने पर देवी का आशीर्वाद मिलता है. गुप्त नवरात्रि में अत्यधिक शक्ति होती है. इस नवरात्रि का विधि पूर्वक पारण करने पर समस्त मनोकामनाएं पूर्ण होती है. जीवन में आने वाली बाधाएं दूर होती है. गुप्त नवरात्र सूक्ष्म नवरात्र के रूप में जानी जाती है.

सोई हुई शक्तियां होती है जागृत: गुप्त नवरत्रि में भी छत्तीसगढ़ के महामाया देवी मंदिर रतनपुर में जोत जलाने का प्रावधान है. पूरे नव दिन श्रद्धा, आस्था और अनुशासन के साथ जोत जलाए जाते हैं. ज्योति कलश का दर्शन, प्रणाम करना और इनसे प्रेरणा लेना बहुत महत्वपूर्ण माना गया है. इस समय में सोई हुई शक्तियां जागृत रहती है. सभी तरह के गुप्त तांत्रिक इस समय तंत्र एवं मंत्र विद्या को सिद्ध करने में लगे रहते हैं. यह सबसे महत्वपूर्ण और विशिष्ट माने जाने वाली गुप्त नवरात्रि हैं. इनके परिणाम भी ज्ञात नवरात्रि की तरह ही प्राप्त होते हैं. पूरी श्रद्धा, आस्था और विनम्रता के साथ गुप्त नवरात्रि के पर्व को श्रद्धालुओं को सपरिवार मनाना चाहिए.

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