रायपुर: प्रदेश सरकार ने राष्ट्रीय खनिज विकास निगम (NMDC) के बैलाडीला लौह अयस्क खदान की लीज को अपनी शर्त पर बढ़ा दिया है. एनएमडीसी लौह अयस्क खनन में देश के सबसे बडा सार्वजनिक उपक्रम है. इसका लगभग तीन चौथाई खनिज उत्पादन छत्तीसगढ़ के बैलाडीला पहाड़ियों से होता है.
क्या है शर्त
2015 में भारत सरकार ने खनिज अधिनियम और नियमों में जो संशोधन किए थे. उसके बाद कई राज्यों में लौह अयस्क की खदानें 2020 मार्च के बाद जब तक नए सिरे से नीलामी ना हो जाए तब तक बंद होने की सम्भावनाएं बनी हुई हैं. इससे स्टील उद्योग भी कच्चे माल उपलब्धि को लेकर बेहद चिंतित हैं. ऐसे में प्रदेश सरकार ने लीज बढ़ाते हुए यह शर्त रखी कि NMDC प्रदेश में संचालित लौह अयस्क आधारित उद्योगों को उनकी आवश्यकता अनुसार लौह अयस्क की आपूर्ति निरंतर करता रहेगा.
इस अधार पर जारि हुआ खनीपट्टा
राष्ट्रीय खनिज विकास निगम लिमिटेड (एनएमडीसी) के चार खनीपट्टों को 1965 के पश्चात अभी खान एवं खनिज ( विकास एवं विनियमन ) अधिनियम 1957 के अधीन बनाए गए नियमों के तहत राज्य शासन ने खनिज ( सरकारी कम्पनी द्वारा खनन ) नियम, 2015 के अंतर्गत विस्तारण का स्वीकृति जारी किया गया है.
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NMDC को MMDR एक्ट 1957, वन संरक्षण अधिनियम 1960, वन, पर्यावरण अधिनियम 1980 के तहत सभी नियमों और निर्देशों का पालन करना होगा. साथ ही खनिज (परमाणु और हाइड्रोकार्बन ऊर्जा खनिजों से भिन्न्) रियायत नियम 2016 के नियम के अंतर्गत छत्तीसगढ़ राज्य में संचालित लौह आधारित उद्योगों को उनके आवश्यकतानुसार लौह अयस्क की आपूर्ति निरंतर बनाए रखना होगा.