रायपुर: छत्तीसगढ़ में हर साल गोवर्धन पूजा का पर्व बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है. इस साल कोरोना संक्रमण के बीच रायपुर के प्राचीनतम मंदिर जैतू साव मठ में धूमधाम से गोवर्धन पूजा का पर्व मनाया गया. इस दौरान परंपरागत तरीके से राउत नाचा के साथ गौमाता को सोहाई पहनाई गई. साथ ही मंदिर में उपस्थित सभी श्रद्धालुओं ने गोबर का तिलक लगाया. इसके अलावा गोवर्धन पूजा के अवसर पर भगवान रामचंद्र जी को 56 भोग लगाया गया इसके बाद भगवान की महाआरती की गई.
मंदिर के महंत रामसुंदर दास ने बताया जब से जैतू साव मठ की स्थापना की गई है, तब से यहां गोवर्धन पूजा पर्व उत्साह के साथ मनाया जा रहा है. महंत ने बताया कि आज गोवर्धन पूजा के मौके पर भगवान श्रीराम को छप्पन भोग लगाया गया है. साथ ही गौमाता की विशेष पूजा की गई.
प्रकृति और गौमाता का संरक्षण
छत्तीसगढ़ की परंपरा में गौमाता को आज के दिन सोहाई (एक तरह का आभूषण) पहनाई गई. महंत ने बताया कि सनातन धर्म में गौमाता का बड़ा महत्व है. गौमाता के और प्रकृति के संरक्षण के लिए भगवान श्रीकृष्ण ने द्वापर युव में गोवर्धन पूजा की शुरुआत की थी. तब से लेकर आजतक उसी उद्देश्य के साथ गोवर्धन पूजा का यह पर्व मनाया जाता है.
200 सालों से मनाया जा रहा गोवर्धन पूजा का पर्व
रायपुर के प्राचीन मंदिर जैतू साव मठ में पिछले 200 साल से गोवर्धन पूजा मनाई जा रही है. साथ ही इस मौके पर भगवान श्रीराम की महाआरती के साथ 56 भोग भी लगाया जाता है. इस बार भी मठ में कोरोना काल के बीच गोवर्धन पूजा का पर्व मनाया गया.
कोविड-19 के मद्देनजर बरती गई सावधानी
कोविड-19 के मद्देनजर ही मंदिर प्रांगण में इस बार कम श्रद्धालुओं को ही प्रवेश दिया गया था. इस दौरान कार्यक्रम में रायपुर ग्रामीण विधायक सत्यनारायण शर्मा समेत कई जनप्रतिनिधि मौजूद रहे. साथ ही मंदिर समिति के लोगो ने धूमधाम से गोवर्धन पूजा का पर्व मनाया.