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Diwali 2022 दिवाली में बाजार हुआ गुलजार, ग्राहकी वापस लौटने से दुकानदार खुश

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Published : Oct 24, 2022, 3:42 PM IST

Diwali 2022 दिवाली हमारी समृद्ध वैभवशाली परंपरा का अभिन्न अंग है. दो वर्षों के कठिन समय के बाद इस वर्ष लोग उल्लास के साथ दिवाली मना रहे हैं.लिहाजा बाजारों में रौनक दिखाई दे रही है. दुकानदार से लेकर ग्राहक तक हर कोई दिवाली पर्व को उत्साह के साथ मना रहा है. दुकानदारों का मानना है कि पिछले दो साल कोरोना ने ग्राहकी प्रभावित की थी. लेकिन इस बार बाजार गुलजार है.

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रायपुर : राजधानी सहित पूरे देश में सोमवार को दिवाली का पावन पर्व बड़े धूमधाम से मनाया जा रहा है. दिवाली के दिन महालक्ष्मी जी की पूजा करने का विधान है. मां लक्ष्मी के साथ ही सरस्वती और गणेश जी की भी पूजा आराधना दिवाली के दिन की जाती है. लक्ष्मी पूजा को लेकर राजधानी का बाजार भी पूरी तरह से सज गया है. लोग सुबह से ही पूजन सामग्री खरीदते नजर आए बात अगर लक्ष्मी पूजा के मुहूर्त की करें. तो सोमवार सुबह 6 बजे से मध्य रात्रि तक सिंह लग्न के मुहूर्त में लक्ष्मी पूजा की जा सकती है.

माता लक्ष्मी के पूजन सामग्री से सजा बाजार
माता लक्ष्मी के पूजन सामग्री से सजा बाजार
राजधानी के चौक चौराहों सहित अन्य जगहों पर फल फूल, केला पत्ती आम पत्ती, अमरूद, सीताफल, सिंघाड़ा, चंदन वंदन, सिंदूर, लक्ष्मी जी की मूर्ति ग्वालिन की मूर्ति धान की बालियों से बने झालर, कमल का फूल, गेंदा का फूल, कमल गट्टा, लाइ बताशा ,मिश्री लायचीदाना चीजों से मां लक्ष्मी जी की पूजा आराधना की जाती है. बीते 2 सालों तक कोरोना की वजह से बाजार से रौनक गायब हो गई थी. लेकिन इस बार बाजार में चारों तरफ लक्ष्मी पूजा को लेकर रौनक देखने को मिल रही है.
धान की झालर और घास के झाड़ू बेचती महिला दुकानदार
धान की झालर और घास के झाड़ू बेचती महिला दुकानदार
पूजन सामग्री बेच रही महिला पार्वती ने बताया कि "बीते 2 सालों तक कोरोना की वजह से पूजन सामग्री के बाजार में भीड़ नहीं थी, लेकिन इस साल लोगों में उत्साह और रौनक देखने को मिल रही है. पूजन सामग्री बेच रही महिला का मानना है कि इस बार ग्राहकी भी अच्छी हो रही है. लोगों में दिवाली पर्व को लेकर उमंग और उत्साह देखने को मिल रहा है."
दिवाली में मिट्टी के मूर्ति बेचने वाले खुश
दिवाली में मिट्टी के मूर्ति बेचने वाले खुश
ये भी पढ़ें -राज्यपाल अनुसूइया उइके और सीएम भूपेश बघेल ने दी दिवाली की शुभकामनाएं
फल और फूलों की बिक्री में हुआ इजाफा
फल और फूलों की बिक्री में हुआ इजाफा



महामाया मंदिर के पुजारी पंडित मनोज शुक्ला ने बताया कि '' लक्ष्मी पूजा का मुहूर्त सोमवार की सुबह 6:00 बजे से प्रारंभ हो गया है. जो मध्य रात्रि सिंह लग्न तक के रहेगा. लोग अपनी सुविधा और समय के अनुसार लक्ष्मी जी की पूजा कभी भी कर सकते है. दीपावली के दिन महालक्ष्मी की पूजा के साथ ही मां सरस्वती और भगवान गणेश जी के पूजन करने का भी विधान हैं. महालक्ष्मी की पूजा में खासतौर पर कमल का फूल और कमल गट्टा से पूजा की जाती है. महालक्ष्मी की पूजा में पांच प्रकार के फल, इलायची, दाना मिश्री, बताशा, लाइ, फल फूल चीजों का भोग लगाया जाता है. पंडित का भी मानना है कि बीते 2 सालों तक कोरोना की वजह से दीपावली पर्व को लेकर लोगों में उत्साह कम था. लेकिन इस बार इस पर्व को लेकर लोगों में खासा उत्साह देखने को मिल रहा है."

पारंपरिक पूजा का सामान बेचती महिला दुकानदार
पारंपरिक पूजा का सामान बेचती महिला दुकानदार

रायपुर : राजधानी सहित पूरे देश में सोमवार को दिवाली का पावन पर्व बड़े धूमधाम से मनाया जा रहा है. दिवाली के दिन महालक्ष्मी जी की पूजा करने का विधान है. मां लक्ष्मी के साथ ही सरस्वती और गणेश जी की भी पूजा आराधना दिवाली के दिन की जाती है. लक्ष्मी पूजा को लेकर राजधानी का बाजार भी पूरी तरह से सज गया है. लोग सुबह से ही पूजन सामग्री खरीदते नजर आए बात अगर लक्ष्मी पूजा के मुहूर्त की करें. तो सोमवार सुबह 6 बजे से मध्य रात्रि तक सिंह लग्न के मुहूर्त में लक्ष्मी पूजा की जा सकती है.

माता लक्ष्मी के पूजन सामग्री से सजा बाजार
माता लक्ष्मी के पूजन सामग्री से सजा बाजार
राजधानी के चौक चौराहों सहित अन्य जगहों पर फल फूल, केला पत्ती आम पत्ती, अमरूद, सीताफल, सिंघाड़ा, चंदन वंदन, सिंदूर, लक्ष्मी जी की मूर्ति ग्वालिन की मूर्ति धान की बालियों से बने झालर, कमल का फूल, गेंदा का फूल, कमल गट्टा, लाइ बताशा ,मिश्री लायचीदाना चीजों से मां लक्ष्मी जी की पूजा आराधना की जाती है. बीते 2 सालों तक कोरोना की वजह से बाजार से रौनक गायब हो गई थी. लेकिन इस बार बाजार में चारों तरफ लक्ष्मी पूजा को लेकर रौनक देखने को मिल रही है.
धान की झालर और घास के झाड़ू बेचती महिला दुकानदार
धान की झालर और घास के झाड़ू बेचती महिला दुकानदार
पूजन सामग्री बेच रही महिला पार्वती ने बताया कि "बीते 2 सालों तक कोरोना की वजह से पूजन सामग्री के बाजार में भीड़ नहीं थी, लेकिन इस साल लोगों में उत्साह और रौनक देखने को मिल रही है. पूजन सामग्री बेच रही महिला का मानना है कि इस बार ग्राहकी भी अच्छी हो रही है. लोगों में दिवाली पर्व को लेकर उमंग और उत्साह देखने को मिल रहा है."
दिवाली में मिट्टी के मूर्ति बेचने वाले खुश
दिवाली में मिट्टी के मूर्ति बेचने वाले खुश
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फल और फूलों की बिक्री में हुआ इजाफा
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महामाया मंदिर के पुजारी पंडित मनोज शुक्ला ने बताया कि '' लक्ष्मी पूजा का मुहूर्त सोमवार की सुबह 6:00 बजे से प्रारंभ हो गया है. जो मध्य रात्रि सिंह लग्न तक के रहेगा. लोग अपनी सुविधा और समय के अनुसार लक्ष्मी जी की पूजा कभी भी कर सकते है. दीपावली के दिन महालक्ष्मी की पूजा के साथ ही मां सरस्वती और भगवान गणेश जी के पूजन करने का भी विधान हैं. महालक्ष्मी की पूजा में खासतौर पर कमल का फूल और कमल गट्टा से पूजा की जाती है. महालक्ष्मी की पूजा में पांच प्रकार के फल, इलायची, दाना मिश्री, बताशा, लाइ, फल फूल चीजों का भोग लगाया जाता है. पंडित का भी मानना है कि बीते 2 सालों तक कोरोना की वजह से दीपावली पर्व को लेकर लोगों में उत्साह कम था. लेकिन इस बार इस पर्व को लेकर लोगों में खासा उत्साह देखने को मिल रहा है."

पारंपरिक पूजा का सामान बेचती महिला दुकानदार
पारंपरिक पूजा का सामान बेचती महिला दुकानदार
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