रायपुर: एनुवल स्टेट्स ऑफ एजुकेशन रिपोर्ट (असर) 2022 के आंकड़ों के हिसाब से छत्तीसगढ़ के स्कूली छात्रों ने कोरोना काल के दौरान भी एकेडमिक्स में बेहतर प्रदर्शन किया है. छत्तीसगढ़ के स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने रिपोर्ट जारी किया है. रिपार्ट के हिसाब से छत्तीसगढ़ में 2021 की तुलना में 2022 में स्कूल शिक्षा विभाग और शिक्षकों ने बेहतर प्रयास किया है. असर की रिपोर्ट के हिसाब से कोरोना काल में 2021 की तुलना में 2022 में सुधरा है.
छत्तीसगढ़ के 1679 गांवों में हुआ सर्वे: असर की सर्वे टीम ने छत्तीसगढ़ के 1679 गांवों के 33 हजार 330 घरों से जानकारी लेकर रिपोर्ट तैयार की है. सर्वे में 3 साल से 16 साल तक के 64 हजार 131 बच्चों का डेटा असर ने जुटाया. सर्वे में यह पाया गया कि छत्तीसगढ़ में कक्षा आठवीं में लॉकडाउन के बाद भी गणित विषय सीखने का प्रतिशत छत्तीसगढ़ में 10.6 है. प्रदेश की तुलना में इसका राष्ट्रीय औसत प्रतिशत 1.8 है.
राष्ट्रीय औसत से बेहतर है छत्तीसगढ़ का प्रदर्शन: असर की रिपोर्ट के के हिसाब से कोरोना काल के बाद स्कूली बच्चों के सीखने के स्तर में हुए सुधार का एक रिपोर्ट बनाया है. इस रिपोर्ट में छत्तीसगढ़ कई कैटेगरी में दूसरे राज्यों से अच्छा प्रदर्शन कर रहा है. सरकारी स्कूल में बच्चों के नामांकन के मामले में छत्तीसगढ़ देश में सातवें नंबर पर है. सरकारी स्कूलों में नामांकन का औसत राष्ट्रीय स्तर पर 72.9 प्रतिशत है, जो छत्तीसगढ़ में 81.6 प्रतिशत है. छत्तीसगढ़ के निजी स्कूलों में बच्चों के नामांकन की हिस्सेदारी में छत्तीसगढ़ देश में पांचवें स्थान पर है. निजी स्कूल में नामांकन का राष्ट्रीय औसत 25.1 प्रतिशत है, छत्तीसगढ़ का प्रतिशत 16.4 है. छत्तीसगढ़ में निजी ट्यूशन में जाने वाले बच्चों का प्रतिशत 5.2 है, जो राष्ट्रीय स्तर पर 30.5 प्रतिशत है.