रायपुर: रायपुर के पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय में जेम्स एंड ज्वेलरी पाठ्यक्रम नया कोर्स प्रारम्भ किया गया है. इस नए पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए विश्वविद्यालय द्वारा ऑनलाइन आवेदन मंगाए जा रहे हैं. बात दें कि रायपुर सराफा एसोसिएशन की मांग पर और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश के बाद इस नए पाठ्यक्रम की शुरुआत हुई है.इस कोर्स में प्रवेश के लिए 12वीं पास करने वाले छात्र पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय की ऑफिशियल वेबसाइट में जाकर ऑनलाइन आवेदन फार्म भर सकते हैं.
रायपुर सराफा एसोसिएशन ने की छात्रों से इस कोर्स में एडमिशन की अपील: रायपुर सराफा एसोसिएशन के अध्यक्ष हरख मालू ने 12वीं के छात्र-छात्राओं से अपील करते हुए कहा कि 'प्रवेश लेने के लिए जल्द से जल्द आवेदन करें. रविवि में पाठ्यक्रम के शुरु हो जाने से जहां युवाओं को स्व:रोजगार के अवसर मिलेंगे .वहीं जेम्स एंड ज्वेलरी (रत्न- आभूषण) की पढ़ाई करने वाले छात्रों को 1 साल में डिप्लोमा सर्टिफिकेट और 3 साल पढ़ाई करने के बाद डिग्री प्रदान किया जाएगा. रविशंकर शुक्ल विद्यालय में जेम्स एंड ज्वैलरी कोर्स प्रारंभ करने के लिए राज्य सरकार ने 50 लाख रुपये का अनुदान भी दे दिया है. जिसके माध्यम से यहां लैब और पाठ्यक्रम से संबधित दूसरी चीजें खरीदी जा चुकी हैं और कुछ चीजें खरीदना बाकी हैं.
छत्तीसगढ़ रत्न प्रशिक्षण प्रयोगशाला भी संचालित: राजधानी रायपुर में 1999 से छत्तीसगढ़ रत्न प्रशिक्षण प्रयोगशाला भी संचालित हो रही है जहां पर रत्न आभूषण प्रमाणीकरण प्रशिक्षण और रत्नों को तराशा जा रहा हैं. मालू ने छात्र-छात्राओं से अपील करते हुए कहा कि "एक ज्वैलरी डिजाइनर का मुख्य काम ज्वैलरी के स्टाइल और पैटर्न को सेट करना होता है. आप कंप्यूटर की मदद से ऐसा कर सकते हैं. आपको अपने ग्राहक की मांग को ध्यान में रखते हुए गोल्ड, सिल्वर, पर्ल, प्लैटिनम, आदि धातुओं को तराशकर उनसे कुछ अलग तरह के गहने बनाना सीख सखते हैं. ऐसा जेम्स एंड ज्वेलरी पाठ्यक्रम के माध्यम से होगा. पढ़ाई के बाद आप अच्छी कमाई भी कर सकते हैं.
अतिथि प्राध्यापकों के साथ शुरु होगी पढ़ाई: रविवि में 5 अतिथि प्राध्यापकों के साथ संभवत: अगस्त माह से पाठ्यक्रम भी शुरु हो जाएगा. जिसके लिए शनिवार से ऑनलाइन आवेदन लिया जाएगा. पहले चरण में 10 छात्र-छात्राओं को प्रवेश दिया जाएगा और ऑनलाइन आवेदन की छटनी के बाद 25 छात्र-छात्राओं के साथ पढ़ाई शुरु हो जाएगी.