रायपुर: कुछ करने की चाहत संसाधनों की मोहताज नहीं होती, जरूरत है तो केवल हौसले की. ऐसा ही कुछ कर रहीं है रायपुर के छेरीखेरी इलाके में रहने वाली गीतू जोशी.
गीतू जोशी प्राइवेट स्कूल में कम्प्यूटर शिक्षिका के पद पर काम करती हैं. साथ ही गरीब और दिव्यांग बच्चों की हर संभव मदद करती हैं.
सैलरी का 30 % गरीब और दिव्यांगों पर करती हैं खर्च
अपने छोटे-छोटे प्रयासों से कई मायूस चेहरों पर खुशियां बिखेर चुकी गीतू जोशी अपनी सैलरी का 30 प्रतिशत दिव्यांग और गरीब बच्चों की पढ़ाई और उत्थान में खर्च करती हैं. इसके साथ ही वो गरीब और दिव्यांग बच्चों को रोजगार समेत हर संभव मदद दिलाने की भी पूरी कोशिश करती रहती हैं.
शिक्षा के जरिए जीवन में बदलाव लाने की कोशिश
गीतू जोशी कहती है कि 'शिक्षा के जरिए जीवन में बदलाव लाया जा सकता है. और आज मैं जिन बच्चों की मदद कर रही हूं आगे चलकर वे भी सक्षम बनकर दूसरे बच्चों की मदद कर सकते हैं.'
'घर से ही मिला मोटिवेशन'
गीतू जोशी ने बताया कि 'उनकी बहन दिव्यांग हैं और उनके साथ स्कूल में बच्चे सही व्यवहार नहीं करते थे, वहीं कई बच्चे आर्थिक तंगी के कारण पढ़ाई छोड़ देते हैं. इन सभी बच्चों की मदद करती हैें ताकि वे आगे बढ़ सके.'
'बेटी को सम्मान मिलने पर होता है गर्व'
इधर गीतू के पिता बताते हैं कि 'बेटी को सामाजिक संस्थाओं से सम्मान मिलने पर काफी खुशी और गर्व महसूस होता है.' वहीं गीतू के साथ काम करने वाले सहयोगी भी उनकी तारीफ करते हैं.
गीतू जोशी की मदद पाकर गरीब और दिव्यांग बच्चे काफी खुशी महसूस करते हैं.