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दिव्यागों और गरीब बच्चों का सहारा बनी गीतू जोशी - रायपुर न्यूज

रायपुर की गीतू जोशी दिव्यांग और गरीब बच्चों को पढ़ाई समेत रोजगार उपलब्ध कराने की पूरी कोशिश करती रहती हैं. वो अपनी सैलरी का 30 प्रतिशत इन बच्चों की पढ़ाई और विकास में खर्च करती हैं. जिसके लिए उन्हें कई सम्मान भी मिल चुके हैं.

Geetu Joshi is becoming a support for the disabled and poor children
दिव्यागों और गरीब बच्चों का सहारा बन रहीं गीतू जोशी
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Published : Jan 26, 2020, 8:48 PM IST

Updated : Jan 26, 2020, 11:23 PM IST

रायपुर: कुछ करने की चाहत संसाधनों की मोहताज नहीं होती, जरूरत है तो केवल हौसले की. ऐसा ही कुछ कर रहीं है रायपुर के छेरीखेरी इलाके में रहने वाली गीतू जोशी.

दिव्यागों और गरीब बच्चों का सहारा बनी गीतू जोशी

गीतू जोशी प्राइवेट स्कूल में कम्प्यूटर शिक्षिका के पद पर काम करती हैं. साथ ही गरीब और दिव्यांग बच्चों की हर संभव मदद करती हैं.

Geetu Joshi is becoming a support for the disabled and poor children
दिव्यागों और गरीब बच्चों का सहारा बन रहीं गीतू जोशी

सैलरी का 30 % गरीब और दिव्यांगों पर करती हैं खर्च

अपने छोटे-छोटे प्रयासों से कई मायूस चेहरों पर खुशियां बिखेर चुकी गीतू जोशी अपनी सैलरी का 30 प्रतिशत दिव्यांग और गरीब बच्चों की पढ़ाई और उत्थान में खर्च करती हैं. इसके साथ ही वो गरीब और दिव्यांग बच्चों को रोजगार समेत हर संभव मदद दिलाने की भी पूरी कोशिश करती रहती हैं.

Geetu Joshi is becoming a support for the disabled and poor children
पढ़ाई में करती हैं सहयोग

शिक्षा के जरिए जीवन में बदलाव लाने की कोशिश

गीतू जोशी कहती है कि 'शिक्षा के जरिए जीवन में बदलाव लाया जा सकता है. और आज मैं जिन बच्चों की मदद कर रही हूं आगे चलकर वे भी सक्षम बनकर दूसरे बच्चों की मदद कर सकते हैं.'

Geetu Joshi is becoming a support for the disabled and poor children
दिव्यांगों के चेहरे पर बिखेर रहीं खुशी

'घर से ही मिला मोटिवेशन'

गीतू जोशी ने बताया कि 'उनकी बहन दिव्यांग हैं और उनके साथ स्कूल में बच्चे सही व्यवहार नहीं करते थे, वहीं कई बच्चे आर्थिक तंगी के कारण पढ़ाई छोड़ देते हैं. इन सभी बच्चों की मदद करती हैें ताकि वे आगे बढ़ सके.'

Geetu Joshi is becoming a support for the disabled and poor children
दिव्यांगों के साथ गीतू जोशी

'बेटी को सम्मान मिलने पर होता है गर्व'

इधर गीतू के पिता बताते हैं कि 'बेटी को सामाजिक संस्थाओं से सम्मान मिलने पर काफी खुशी और गर्व महसूस होता है.' वहीं गीतू के साथ काम करने वाले सहयोगी भी उनकी तारीफ करते हैं.

गीतू जोशी की मदद पाकर गरीब और दिव्यांग बच्चे काफी खुशी महसूस करते हैं.

रायपुर: कुछ करने की चाहत संसाधनों की मोहताज नहीं होती, जरूरत है तो केवल हौसले की. ऐसा ही कुछ कर रहीं है रायपुर के छेरीखेरी इलाके में रहने वाली गीतू जोशी.

दिव्यागों और गरीब बच्चों का सहारा बनी गीतू जोशी

गीतू जोशी प्राइवेट स्कूल में कम्प्यूटर शिक्षिका के पद पर काम करती हैं. साथ ही गरीब और दिव्यांग बच्चों की हर संभव मदद करती हैं.

Geetu Joshi is becoming a support for the disabled and poor children
दिव्यागों और गरीब बच्चों का सहारा बन रहीं गीतू जोशी

सैलरी का 30 % गरीब और दिव्यांगों पर करती हैं खर्च

अपने छोटे-छोटे प्रयासों से कई मायूस चेहरों पर खुशियां बिखेर चुकी गीतू जोशी अपनी सैलरी का 30 प्रतिशत दिव्यांग और गरीब बच्चों की पढ़ाई और उत्थान में खर्च करती हैं. इसके साथ ही वो गरीब और दिव्यांग बच्चों को रोजगार समेत हर संभव मदद दिलाने की भी पूरी कोशिश करती रहती हैं.

Geetu Joshi is becoming a support for the disabled and poor children
पढ़ाई में करती हैं सहयोग

शिक्षा के जरिए जीवन में बदलाव लाने की कोशिश

गीतू जोशी कहती है कि 'शिक्षा के जरिए जीवन में बदलाव लाया जा सकता है. और आज मैं जिन बच्चों की मदद कर रही हूं आगे चलकर वे भी सक्षम बनकर दूसरे बच्चों की मदद कर सकते हैं.'

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दिव्यांगों के चेहरे पर बिखेर रहीं खुशी

'घर से ही मिला मोटिवेशन'

गीतू जोशी ने बताया कि 'उनकी बहन दिव्यांग हैं और उनके साथ स्कूल में बच्चे सही व्यवहार नहीं करते थे, वहीं कई बच्चे आर्थिक तंगी के कारण पढ़ाई छोड़ देते हैं. इन सभी बच्चों की मदद करती हैें ताकि वे आगे बढ़ सके.'

Geetu Joshi is becoming a support for the disabled and poor children
दिव्यांगों के साथ गीतू जोशी

'बेटी को सम्मान मिलने पर होता है गर्व'

इधर गीतू के पिता बताते हैं कि 'बेटी को सामाजिक संस्थाओं से सम्मान मिलने पर काफी खुशी और गर्व महसूस होता है.' वहीं गीतू के साथ काम करने वाले सहयोगी भी उनकी तारीफ करते हैं.

गीतू जोशी की मदद पाकर गरीब और दिव्यांग बच्चे काफी खुशी महसूस करते हैं.

Intro:किसी की मुस्कुराहटों पे हो निसा किसी का दर्द मिल सके तो ले उठा राज कपूर की अनाड़ी फ़िल्म इस गाने में दिया जा रहा यह संदेश को सही मायनों में अपनी जिंदगी का मूल मंत्र बना लिया है रायपुर की गीता जोशी ने .....
प्राइवेट स्कूल में कप्यूटर शिक्षिका के पद पर कार्यरत गीता अपने छोटे-छोटे प्रयासों से कई मायूस चेहरों पर खुशियां बिखेर चुकी हैं.. शहर के छेरीखेरी इलाके में रहने वाली गीता उन बच्चों की मदद करती है जो आर्थिक कारणों से पढ़ाई नहीं कर पाते कई दिव्यांग बच्चे भी शारिरिक परेशानी और सामाजिक जिमेदारीयो के चलते हैं अपनी पढ़ाई बीच में ही छोड़ देते हैं ऐसे बच्चों का सहारा बन कर सामने आती है गीता।


Body:गीता अपने सैलरी का 30% हिस्सा इसी तरह के बच्चों को पढ़ाने के लिए खर्च करती है ,उनका मानना है कि शिक्षा के जरिए हम अपने जीवन में बदलाव ला सकते हैं, हम आगे बढ़ सकते हैं उन्हें पूरा भरोसा है। आज वे जिन बच्चों की मदद कर रहे हैं आगे यह बच्चे समर्थवान होकर दूसरे लोगों की मदद करेंगे।

बाईट

गीता

प्रेरणा बाईट


Conclusion:गीता में बताया कि वे 7 बहने है उनके पिताजी पोल्ट्री फार्म में काम करते थे, और गरीब परिस्थितियों में हम सभी बहनों को।पढ़ाया, उनकी एक बहन श्रवणबाधित मूकबधिर है, स्कूल में जब वे पढ़ाई करती थी तो बच्चे बेहद परेशान करते थे, जो दिव्यांग बच्चे होते है आज भी उनके साथ सही व्यवहार नही किया जाता ,फिर वही से मुझे दिव्यांग बच्चों और समाज के लिए काम करना शुरू किया।।गीता के पिता ने बताया कि आज उन्हें बेहद खुशी मिल रही है कि मैने अपनी बेटी को जिस परिस्थिति में आज वे सामज के गरीब बच्चों और दिव्याग लोगो की मदद कर रही , जब बेटी को सम्मानित किया जाता है तो सीना गर्व से चौड़ा हो जाता है।

गीत बहुत से एनजीओ के साथ जुड़कर काम भी कर रही है वही उन्हें इस काम के लिए बहुत सी सामाजिक संस्थाओं ने गीता का सम्मान किया है।



बाईट

गीता जोशी

बाईट

गीता के पिता

बाईट

दिलेश्वर साहू




दिव्यांग की मदद करते हुए विजुअल।।
फ़ोटो व्रैप से भेजे गए है उसका इस्तेमाल भी कर ले।

गीता के परिवार और मोमेंटो के विजुअल
Last Updated : Jan 26, 2020, 11:23 PM IST
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