रायपुर : शहर में कचरा कलेक्शन करने वाली कंपनी डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन करने का काम 100 फीसदी नहीं कर रही है. आचार संहिता के वक्त MIC सदस्यों के बिना जानकारी के कंपनी को 4 करोड़ का भुगतान किए जाने पर MIC सदस्य नाराज हो गए थे. इस पूरे मुद्दे पर महापौर प्रमोद दुबे से बातचीत की गई.
'100 प्रतिशत कचरा कलेक्शन पर ही होगा पेमेंट'
महापौर का कहना है कि हमने इस पर आंकलन किया है. कंपनी के साथ किए गए MOU में 100 फीसदी डोर-टू-डोर कचरे का कलेक्शन करने की बात लिखी है, लेकिन कंपनी सिर्फ 70 से 80 प्रतिशत कचरे का कलेक्शन कर रही है. कंपनी के साथ इस पर सख्ती बरती गई है. साथ ही कंपनी जब तक 100 प्रतिशत कचरा कलेक्शन नहीं करती, तब तक उन्हें किसी भी प्रकार का पेमेंट नहीं किया जाएगा.
कॉमर्शियल एरिया से यूजर चार्ज लिया जाएगा, जहां डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन हो रहा होगा, उसके बाद ही आगे का निर्णय लिया जाएगा.
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'सुडा से हुआ था 4 करोड़ का भुगतान'
पूर्व में कंपनी को 4 करोड़ भुगतान किए गए थे, वो किस आधार पर किए गए थे? इस पर MIC के सदस्यों ने नाराजगी जताई थी. इस पर महापौर ने बताया 4 करोड़ का भुगतान उन्हें सुडा से हुआ था. निगम से ट्रांसपोर्टिंग का भुगतान हुआ था, वो भी 15 से 20 प्रतिशत का भुगतान किया गया था.