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देश के कई राज्यों से संचालित हो रहा साइबर ठगों का गिरोह, बांट रखे हैं दायरे, जानिए इनसे कैसे बचें ? - Gang of cyber thugs operating from many states of India

छत्तीसगढ़ में बीते कई वर्षों में ऑनलाइन ठगी के मामले बढ़े हैं. इस तरह के साइबर फ्रॉड और ठगी कहां से होती है. किन राज्यों में इनके गिरोह हैं. इसे जानने के लिए पढ़िए ये रिपोर्ट

cyber fraud in chhattisgarh
छत्तीसगढ़ में साइबर ठगी
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Published : Feb 9, 2022, 10:00 PM IST

रायपुर: क्या आपके या आपके जान पहचान के किसी शख्स से ऑनलाइन ठगी की गई है. अगर जवाब हां हैं तो आप इस बात को जानकर चौंक जाएंगे की वह ठगी किस राज्य के किस ठग के द्वारा अंजाम दी गई है. अगर वह ठगी एटीएम क्लोनिंग से की गई हो तो इस मामले में उत्तर प्रदेश के गिरोह, ओएलएक्स के माध्यम से यदि ठगी हुई हो तो वह गैंग हरियाणा और राजस्थान
से संचालित ठगों का गिरोह है. आइए हम बताते हैं कि इसी तरह अलग-अलग ढंग से किए जाने वाले ठगी में किस राज्य के ठग गिरोह शामिल हैं.

6 से अधिक राज्यों से संचालित हो रही साइबर ठगी
जानकारी के मुताबिक देश में आधा दर्जन से अधिक राज्यों से साइबर ठग बड़ी आसानी से वारदात को अंजाम दे रहे हैं. ओटीपी फ्रॉड के लिए झारखंड के जामताड़ा क्षेत्र के बदमाश सक्रिय हैं. फेसबुक पर दोस्ती कर अश्लील बातें या वीडियो चैट को रिकॉर्ड कर ब्लैकमेल करने का काम राजस्थान के भरतपुर क्षेत्र से ऑपरेट हो रहा है. वहीं मैट्रिमोनियल और कस्टम फ्रॉड की घटनाएं दिल्ली से होती हैं. ऐसी घटनाओं को नई दिल्ली से नाइजीरियन ही ऑपरेट करते आएं हैं. वही ओएलएक्स फ्रॉड के गिरोह राजस्थान और हरियाणा बॉर्डर में सक्रिय हैं. जो बड़ी आसानी से छत्तीसगढ़िया लोगों की जमा पूंजी गटक रहे हैं.



साइबर ठगों ने बांट रखे हैं दायरे
आप सब को यह जानकर बड़ी हैरानी होगी की ठग के गिरोह भी अपनी अपनी सीमाएं और अपने-अपने दायरे बांटकर घटना को अंजाम देते हैं. छत्तीसगढ़ पुलिस की माने तो प्रदेश में अब तक हुई साइबर ठगी के मामले में अलग-अलग पैटर्न के ठगों का पनाहगार अलग-अलग राज्यों में मौजूद है. हालांकि यही वजह है कि पुलिस इन अपराधों की श्रेणी को अलग-अलग करके इन गिरोहों तक पहुंचने में भी कामयाब हो रही है. पिछले दिनों छत्तीसगढ़ की पुलिस ने इसी आंकलन के आधार पर ओटीपी से करोड़ों की ठगी करने वाले गिरोह के सदस्यों को झारखंड के जामताड़ा से गिरफ्तार भी किया है.

सावधानः अब सोशल मीडिया अपग्रेडेशन का इस्तेमाल कर अपराधी बना रहे साइबर ठगी के शिकार

इन राज्यों से ऐसे होती है ठगी

  • ओएलएक्स के माध्यम से ठगी - मेवाड़ भरतपुर राजस्थान और हरियाणा बॉर्डर
  • नौकरी के नाम पर ठगी - गुड़गांव, नोएडा, गाजियाबाद और हरियाणा
  • मोबाइल नंबर को लकी नंबरों में सेलेक्ट बताकर ठगी- छतरपुर, महोबा
  • एटीएम क्लोनिंग - उत्तर प्रदेश में प्रतापगढ़ और फैजाबाद
  • फेसबुक पर दोस्ती कर अश्लीलता की स्क्रीन रिकॉर्डिंग कर ठगी- भरतपुर राजस्थान
  • ओटीपी फ्रॉड - जामताड़ा झारखंड
  • बीमा के नाम पर ठगी - दिल्ली और नोएडा



    1 साल में 1043 ठगी, करीब 34 लाख रुपये की हुई रिकवरी
    जानकारी के मुताबिक साइबर ठगी को लेकर रायपुर पुलिस दो मोर्चों पर काम कर रही है. जिसमें पुलिस सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों को जागरूक करने का काम कर रही है. वहीं ठगी करने वाले गैंग को पकड़कर पीड़ितों को पैसे वापस कराए जा रहे हैं. आंकड़ों में देखें तो बीते साल में ठगी की कुल 1040 घटनाएं हुई है. जिसमें ठगों ने करोड़ों रुपए की ठगी की वारदात को अंजाम दिया है. बड़ी आसानी से लोगों को चूना लगाया है हालांकि पुलिस ने पीड़ितों को 33 लाख 97 हजार रुपये वापस लौटाए हैं.

    USSD CODE बन रहा साइबर ठगी का नया हथियार, ऐसे रहे सावधान

    साइबर ठगों पर की जा रही कार्रवाई
    साइबर सेल प्रभारी गिरीश तिवारी ने बताया कि साइबर ठग किसी एक राज्य से ऑपरेट नहीं हो रहे हैं. यह सभी गिरोह अलग-अलग राज्यों से संचालित हो रहे हैं. साइबर ठगी करने वाले बदमाशों पर लगातार कार्रवाई की जा रही है. जिस तेज गति से तकनीक आगे बढ़ते जा रहा है. उसी तेज गति से शातिर ठग भी बड़ी आसानी से वारदात को अंजाम दे रहे हैं. हमारा प्रयास है कि हम लोगों को ठगी से बचाएं. इसके लिए पुलिस द्वारा भरपूर प्रयास किया जा रहा है.

    24 घंटे में करें शिकायत
    ऑनलाइन ठगी के मामलों में बैंक खाते या उससे जुड़े डेबिट, क्रेडिट कार्ड पेटीएम फोन पर आदि के जरिए पैसों का ट्रांजैक्शन करते हैं. सभी के अलग-अलग पेमेंट गेटवे रहते हैं. जिसमें बैंक खाते से निकली राशि 24 घंटे तक उस में रहती है. इस दौरान अगर पुलिस के पास मामला आता है तो बैंक वालों की मदद से उस पेमेंट गेटवे को ब्लॉक करवा कर ठगी की राशि को वापस किया जा सकता है.

    इस नंबर पर करें कॉल
    ऑनलाइन ठगी के मामलों को देखते हुए साइबर सेल की ओर से हेल्पलाइन नंबर 155260 जारी किया गया है. ठगी होते ही पीड़ित इसमें अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं. शिकायत दर्ज होते ही साइबर सेल की टीम ठगी की राशि वापस कराने का प्रयास करेगी.


    ऑनलाइन ठगी से जुड़े आंकड़े
साल ऑनलाइन अपराध रिफंड रकम
2018 348 18 लाख 71 हजार 146 रुपये
2019 548 38 लाख 83 हजार रुपये
2020 660 22 लाख 25 हजार 939 रुपये
2021 1043 33 लाख 97 हजार 187 रुपये

साइबर क्राइम से बचने के उपाय

  • अगर कोई व्यक्ति किसी एप्लीकेशन को डाउनलोड करने के लिए कहता है तो एप्लीकेशन डाउनलोड ना करें
  • केवाईसी करने के नाम पर आपसे 1 या 10 रुपये आपके ही बैंक अकाउंट में ट्रांसफर करने के लिए कहते हैं तो ऐसा नहीं करें
  • एटीएम बूथ पर पैसे निकालते वक्त सावधान रहें सजग रहें, ताकि आपका पैसा सुरक्षित रहे.
  • कोई व्यक्ति कभी भी किसी एटीएम बूथ से कार्ड के द्वारा ट्रांजैक्शन करें तो अपना पिन किसी को ना बताएं
  • ट्रांजैक्शन करने में असमर्थ होने पर किसी भी अपरिचित व्यक्ति की सहायता ना लें
  • किसी भी व्यक्ति के साथ अपने बैंक डिटेल एटीएम कार्ड नंबर कार्ड की एक्सपायरी एवं कार्ड पर पीछे लिखे 3 डिजिट नंबर को किसी के साथ शेयर ना करें
  • धोखाधड़ी होने की स्थिति में तत्काल साइबर सेल और बैंक के कस्टमर केयर नंबर पर कॉल करें
  • नेट बैंकिंग का इस्तेमाल हमेशा अपने पर्सनल कंप्यूटर लैपटॉप या फोन पर करें
  • किसी अपरिचित नंबर से फोन मैसेज या व्हाट्सएप मैसेज पर कोई लिंक या फोटो आए तो उस पर क्लिक ना करें

रायपुर: क्या आपके या आपके जान पहचान के किसी शख्स से ऑनलाइन ठगी की गई है. अगर जवाब हां हैं तो आप इस बात को जानकर चौंक जाएंगे की वह ठगी किस राज्य के किस ठग के द्वारा अंजाम दी गई है. अगर वह ठगी एटीएम क्लोनिंग से की गई हो तो इस मामले में उत्तर प्रदेश के गिरोह, ओएलएक्स के माध्यम से यदि ठगी हुई हो तो वह गैंग हरियाणा और राजस्थान
से संचालित ठगों का गिरोह है. आइए हम बताते हैं कि इसी तरह अलग-अलग ढंग से किए जाने वाले ठगी में किस राज्य के ठग गिरोह शामिल हैं.

6 से अधिक राज्यों से संचालित हो रही साइबर ठगी
जानकारी के मुताबिक देश में आधा दर्जन से अधिक राज्यों से साइबर ठग बड़ी आसानी से वारदात को अंजाम दे रहे हैं. ओटीपी फ्रॉड के लिए झारखंड के जामताड़ा क्षेत्र के बदमाश सक्रिय हैं. फेसबुक पर दोस्ती कर अश्लील बातें या वीडियो चैट को रिकॉर्ड कर ब्लैकमेल करने का काम राजस्थान के भरतपुर क्षेत्र से ऑपरेट हो रहा है. वहीं मैट्रिमोनियल और कस्टम फ्रॉड की घटनाएं दिल्ली से होती हैं. ऐसी घटनाओं को नई दिल्ली से नाइजीरियन ही ऑपरेट करते आएं हैं. वही ओएलएक्स फ्रॉड के गिरोह राजस्थान और हरियाणा बॉर्डर में सक्रिय हैं. जो बड़ी आसानी से छत्तीसगढ़िया लोगों की जमा पूंजी गटक रहे हैं.



साइबर ठगों ने बांट रखे हैं दायरे
आप सब को यह जानकर बड़ी हैरानी होगी की ठग के गिरोह भी अपनी अपनी सीमाएं और अपने-अपने दायरे बांटकर घटना को अंजाम देते हैं. छत्तीसगढ़ पुलिस की माने तो प्रदेश में अब तक हुई साइबर ठगी के मामले में अलग-अलग पैटर्न के ठगों का पनाहगार अलग-अलग राज्यों में मौजूद है. हालांकि यही वजह है कि पुलिस इन अपराधों की श्रेणी को अलग-अलग करके इन गिरोहों तक पहुंचने में भी कामयाब हो रही है. पिछले दिनों छत्तीसगढ़ की पुलिस ने इसी आंकलन के आधार पर ओटीपी से करोड़ों की ठगी करने वाले गिरोह के सदस्यों को झारखंड के जामताड़ा से गिरफ्तार भी किया है.

सावधानः अब सोशल मीडिया अपग्रेडेशन का इस्तेमाल कर अपराधी बना रहे साइबर ठगी के शिकार

इन राज्यों से ऐसे होती है ठगी

  • ओएलएक्स के माध्यम से ठगी - मेवाड़ भरतपुर राजस्थान और हरियाणा बॉर्डर
  • नौकरी के नाम पर ठगी - गुड़गांव, नोएडा, गाजियाबाद और हरियाणा
  • मोबाइल नंबर को लकी नंबरों में सेलेक्ट बताकर ठगी- छतरपुर, महोबा
  • एटीएम क्लोनिंग - उत्तर प्रदेश में प्रतापगढ़ और फैजाबाद
  • फेसबुक पर दोस्ती कर अश्लीलता की स्क्रीन रिकॉर्डिंग कर ठगी- भरतपुर राजस्थान
  • ओटीपी फ्रॉड - जामताड़ा झारखंड
  • बीमा के नाम पर ठगी - दिल्ली और नोएडा



    1 साल में 1043 ठगी, करीब 34 लाख रुपये की हुई रिकवरी
    जानकारी के मुताबिक साइबर ठगी को लेकर रायपुर पुलिस दो मोर्चों पर काम कर रही है. जिसमें पुलिस सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों को जागरूक करने का काम कर रही है. वहीं ठगी करने वाले गैंग को पकड़कर पीड़ितों को पैसे वापस कराए जा रहे हैं. आंकड़ों में देखें तो बीते साल में ठगी की कुल 1040 घटनाएं हुई है. जिसमें ठगों ने करोड़ों रुपए की ठगी की वारदात को अंजाम दिया है. बड़ी आसानी से लोगों को चूना लगाया है हालांकि पुलिस ने पीड़ितों को 33 लाख 97 हजार रुपये वापस लौटाए हैं.

    USSD CODE बन रहा साइबर ठगी का नया हथियार, ऐसे रहे सावधान

    साइबर ठगों पर की जा रही कार्रवाई
    साइबर सेल प्रभारी गिरीश तिवारी ने बताया कि साइबर ठग किसी एक राज्य से ऑपरेट नहीं हो रहे हैं. यह सभी गिरोह अलग-अलग राज्यों से संचालित हो रहे हैं. साइबर ठगी करने वाले बदमाशों पर लगातार कार्रवाई की जा रही है. जिस तेज गति से तकनीक आगे बढ़ते जा रहा है. उसी तेज गति से शातिर ठग भी बड़ी आसानी से वारदात को अंजाम दे रहे हैं. हमारा प्रयास है कि हम लोगों को ठगी से बचाएं. इसके लिए पुलिस द्वारा भरपूर प्रयास किया जा रहा है.

    24 घंटे में करें शिकायत
    ऑनलाइन ठगी के मामलों में बैंक खाते या उससे जुड़े डेबिट, क्रेडिट कार्ड पेटीएम फोन पर आदि के जरिए पैसों का ट्रांजैक्शन करते हैं. सभी के अलग-अलग पेमेंट गेटवे रहते हैं. जिसमें बैंक खाते से निकली राशि 24 घंटे तक उस में रहती है. इस दौरान अगर पुलिस के पास मामला आता है तो बैंक वालों की मदद से उस पेमेंट गेटवे को ब्लॉक करवा कर ठगी की राशि को वापस किया जा सकता है.

    इस नंबर पर करें कॉल
    ऑनलाइन ठगी के मामलों को देखते हुए साइबर सेल की ओर से हेल्पलाइन नंबर 155260 जारी किया गया है. ठगी होते ही पीड़ित इसमें अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं. शिकायत दर्ज होते ही साइबर सेल की टीम ठगी की राशि वापस कराने का प्रयास करेगी.


    ऑनलाइन ठगी से जुड़े आंकड़े
साल ऑनलाइन अपराध रिफंड रकम
2018 348 18 लाख 71 हजार 146 रुपये
2019 548 38 लाख 83 हजार रुपये
2020 660 22 लाख 25 हजार 939 रुपये
2021 1043 33 लाख 97 हजार 187 रुपये

साइबर क्राइम से बचने के उपाय

  • अगर कोई व्यक्ति किसी एप्लीकेशन को डाउनलोड करने के लिए कहता है तो एप्लीकेशन डाउनलोड ना करें
  • केवाईसी करने के नाम पर आपसे 1 या 10 रुपये आपके ही बैंक अकाउंट में ट्रांसफर करने के लिए कहते हैं तो ऐसा नहीं करें
  • एटीएम बूथ पर पैसे निकालते वक्त सावधान रहें सजग रहें, ताकि आपका पैसा सुरक्षित रहे.
  • कोई व्यक्ति कभी भी किसी एटीएम बूथ से कार्ड के द्वारा ट्रांजैक्शन करें तो अपना पिन किसी को ना बताएं
  • ट्रांजैक्शन करने में असमर्थ होने पर किसी भी अपरिचित व्यक्ति की सहायता ना लें
  • किसी भी व्यक्ति के साथ अपने बैंक डिटेल एटीएम कार्ड नंबर कार्ड की एक्सपायरी एवं कार्ड पर पीछे लिखे 3 डिजिट नंबर को किसी के साथ शेयर ना करें
  • धोखाधड़ी होने की स्थिति में तत्काल साइबर सेल और बैंक के कस्टमर केयर नंबर पर कॉल करें
  • नेट बैंकिंग का इस्तेमाल हमेशा अपने पर्सनल कंप्यूटर लैपटॉप या फोन पर करें
  • किसी अपरिचित नंबर से फोन मैसेज या व्हाट्सएप मैसेज पर कोई लिंक या फोटो आए तो उस पर क्लिक ना करें
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