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Ganesh Chaturthi 2022: इस तरह करें भगवान गणेश की पूजा, सुख-समृद्धि के साथ मिलेगा ऐश्वर्य - Method of Ganesh Puja

वैसे तो हर कोई अपने-अपने तरीके से गणेश पूजा करते हैं. लेकिन इस गणेश पूजा पर ETV भारत आपको गणेश पूजा की विधियां बता रहा है. 31 अगस्त को गणेश पूजा (Ganesh Chaturthi 2022) है. षोडशोपचार, पंचोपचार, मनसोपचार और राजोपचार इन चार विधि में से किसी एक विधि से भगवान गणेश की आराधना करे और भगवान गणेश का आशीर्वाद पाए.

Ganesh Chaturthi 2022
गणेश पूजा 2022
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Published : Jul 16, 2022, 1:50 PM IST

रायपुर: 31अगस्त को गणेश चतुर्थी उत्सव (Ganesh Chaturthi 2022) की शुरुआत हो जाएगी. हिंदू धर्म में भगवान गणेश को सभी देवों में प्रथम पूजनीय माना गया है. हर शुभ कार्य से पहले भगवान गणेश की आराधना (Worship of Lord Ganesha) अवश्य की जाती है. हम आपको गणेश पूजा की विधि (Method of Ganesh Puja) के बारे में बताने जा रहे हैं ताकि इस गणेश पूजा पर आप पूरे विधि-विधान के साथ गणपति बप्पा की पूजा करें और उनका आशीर्वाद पाएं.

इन विधियों से करें आराधना: गणेश आराधना और स्थापना के लिए षोडशोपचार, पंचोपचार, मनसोपचार और राजोपचार विधि से भगवान गणेश की आराधना की जा सकती है. राजोपचार विधि में राजशाही तरीके से भगवान गणेश की पूजन अर्चन की विधि संपन्न होती है, जिसमें 56 तरीके के भोग वस्त्र इत्यादि के साथ महाआरती और अन्य चीज संपन्न कराए जाते हैं.

मुख्य बिंदु:

  • षोडशोपचार, पंचोपचार, मनसोपचार और राजोपचार विधि से आराधना की जा सकती है.
  • षोडशोपचार विधि में 16 तरीके की पूजन-पाठ सामग्रियों को इकट्ठा कर भगवान गणेश की पूजा होती है.
  • पंचोपचार विधि में धूप, दीप, नैवेद्य, गंध, पुष्प इत्यादि से भगवान गणेश का आह्वान करते हुए पूजन होता है.
  • राजोपचार विधि में राजशाही तरीके से भगवान गणेश के पूजन-अर्चन की विधि संपन्न होती है.
  • यदि आप कहीं बाहर हैं तो मनसोपचार विधि से गणेश जी की आराधना कर सकते हैं.

यह भी पढ़ें: gajanana sankashti chaturthi 2022: संकष्टी चतुर्थी में ऐसे करें भगवान गणेश की पूजा, हर मनोकामना होगी पूरी !

षोडशोपचार विधि में 16 तरीके के पूजन पाठ सामग्रियों को इकट्ठा कर भगवान गणेश की पूजा संपन्न होती है. पंचोपचार विधि में धूप, दीप, नैवेद्य, गंध अक्षत पुष्प इत्यादि से भगवान गणेश का आवाहन करते हुए उनका पूजन संपन्न होता है. मनसोपचार विधि से यदि आप कहीं बाहर हैं या दूर हैं तो गणेश जी की आराधना कर उनको आवाहन करते हुए पूजन संपन्न किया जा सकता है. गणेश जी का आशीर्वाद लेने कि इन चारों में से कोई विधि अपनाकर बप्पा को प्रसन्न किया जा सकता है.

Disclaimer: ये सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारी पर आधारित है. etvbharat.com किसी भी तरह की मान्यता या जानकारी की पुष्टि नहीं करता है.

रायपुर: 31अगस्त को गणेश चतुर्थी उत्सव (Ganesh Chaturthi 2022) की शुरुआत हो जाएगी. हिंदू धर्म में भगवान गणेश को सभी देवों में प्रथम पूजनीय माना गया है. हर शुभ कार्य से पहले भगवान गणेश की आराधना (Worship of Lord Ganesha) अवश्य की जाती है. हम आपको गणेश पूजा की विधि (Method of Ganesh Puja) के बारे में बताने जा रहे हैं ताकि इस गणेश पूजा पर आप पूरे विधि-विधान के साथ गणपति बप्पा की पूजा करें और उनका आशीर्वाद पाएं.

इन विधियों से करें आराधना: गणेश आराधना और स्थापना के लिए षोडशोपचार, पंचोपचार, मनसोपचार और राजोपचार विधि से भगवान गणेश की आराधना की जा सकती है. राजोपचार विधि में राजशाही तरीके से भगवान गणेश की पूजन अर्चन की विधि संपन्न होती है, जिसमें 56 तरीके के भोग वस्त्र इत्यादि के साथ महाआरती और अन्य चीज संपन्न कराए जाते हैं.

मुख्य बिंदु:

  • षोडशोपचार, पंचोपचार, मनसोपचार और राजोपचार विधि से आराधना की जा सकती है.
  • षोडशोपचार विधि में 16 तरीके की पूजन-पाठ सामग्रियों को इकट्ठा कर भगवान गणेश की पूजा होती है.
  • पंचोपचार विधि में धूप, दीप, नैवेद्य, गंध, पुष्प इत्यादि से भगवान गणेश का आह्वान करते हुए पूजन होता है.
  • राजोपचार विधि में राजशाही तरीके से भगवान गणेश के पूजन-अर्चन की विधि संपन्न होती है.
  • यदि आप कहीं बाहर हैं तो मनसोपचार विधि से गणेश जी की आराधना कर सकते हैं.

यह भी पढ़ें: gajanana sankashti chaturthi 2022: संकष्टी चतुर्थी में ऐसे करें भगवान गणेश की पूजा, हर मनोकामना होगी पूरी !

षोडशोपचार विधि में 16 तरीके के पूजन पाठ सामग्रियों को इकट्ठा कर भगवान गणेश की पूजा संपन्न होती है. पंचोपचार विधि में धूप, दीप, नैवेद्य, गंध अक्षत पुष्प इत्यादि से भगवान गणेश का आवाहन करते हुए उनका पूजन संपन्न होता है. मनसोपचार विधि से यदि आप कहीं बाहर हैं या दूर हैं तो गणेश जी की आराधना कर उनको आवाहन करते हुए पूजन संपन्न किया जा सकता है. गणेश जी का आशीर्वाद लेने कि इन चारों में से कोई विधि अपनाकर बप्पा को प्रसन्न किया जा सकता है.

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