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2 अक्टूबर गांधी जयंती पर मनाया जाता है विश्व अहिंसा दिवस, जानिए वजह

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी (Father of the Nation Mahatma Gandhi) का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात (Gujrat) के पोरबंदर (Porbandar) में हुआ था. गांधीजी अहिंसा के पुजारी (Ahinsha ke pujari) थे, यही कारण है कि 2 अक्टूबर को गांधी जयंती (Gandhi jayanti) के दिन को विश्व अहिंसा दिवस (World non-violence day) के तौर पर मनाया जाता है.

world non violence day
विश्व अहिंसा दिवस
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Published : Oct 1, 2021, 10:25 AM IST

Updated : Oct 2, 2021, 6:11 AM IST

रायपुरः राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी (Father of the Nation Mahatma Gandhi) को भला कौन नहीं जानता है. महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) आजादी के आंदोलन (Freedom movement) के एक ऐसे नेता थे, जिन्होंने अंहिसा के मार्ग पर चलते हुए अंग्रेज शासकों (British rulers) के नाक में दम कर दिया था. उन्होंने अहिंसक तरीके से ना केवल ब्रिटिश सरकार (British Government) के खिलाफ आवाज उठाई बल्कि कई आंदोलनों की अगुवाई भी की थी. अपने अहिंसक आंदोलन (Non-violent movement) के लिए गांधी जी को इंटरनेशनल स्तर (International level) तक ख्याति प्राप्त हुई. गांधी जी का पूरा नाम मोहनदास करम चंद गांधी (Mohandas Karamchand Gandhi) है. उनका जन्म 2 अक्टूबर, 1869 को पोरबन्दर (Porbandar), गुजरात (Gujrat) में हुआ था.

यही कारण है कि इस दिन को विश्व अहिंसा दिवस (World non-violence day) के रूप में मनाया जाता है. विश्व में गांधी जी को उनके अहिंसात्मक आंदोलन के लिए जाना जाता है. विश्व अहिंसा दिवस, गांधी जी के प्रति वैश्विक तौर पर सम्मान व्यक्त करने के लिए मनाया जाता है. गांधी जी का कहना था कि अहिंसा एक दर्शन है, एक सिद्धांत है और एक अनुभव है, जिसके आधार पर समाज को बेहतर बनाया जा सकता है.

भारत की स्थिति से थे चिंतित

गांधी जी ने लंदन में पढ़ाई करके बैरिस्टर की डिग्री प्राप्त की थी. हालांकि जब वो भारत वापस आए तो उन्हें देश की स्थिति ने काफी प्रभावित किया. इसके बाद उन्होंने देश को आजाद करवाने के लिए लंबी लड़ाई लड़ी. भारत को अंग्रेजी हुकूमत से आजादी दिलाने में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का योगदान अतुलनीय है. शांति और अहिंसा के दम पर उनके द्वारा चलाए गए सत्याग्रह और आंदोलनों ने ब्रिटिश सरकार की ईंट से ईंट बजा दी थी. भारत छोड़ो आंदोलन के जरिए उन्होंने अंग्रेजों को देश छोड़कर जाने को मजबूर कर दिया था. वहीं, आज गांधीजी के योगदान को याद कर हर भारतीय गर्वित महसूस करता है.

गांधी विरासत पोर्टल पर 27 लाख पेजों का हुआ डिजिटलीकरण

कुछ इस तरह देश में मनाई जाती है गांधी जयंती

गांधी जयंती के मौके पर राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री सहित कई गणमान्य व्यक्ति नई दिल्ली स्थित राजघाट जाकर गांधी प्रतिमा के सामने श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं. इस दिन राष्ट्रीय अवकाश होता है. बापू की समाधि पर राष्ट्रपति और भारत के प्रधानमंत्री की उपस्थिति में प्रार्थना आयोजित की जाती है. भारत के हर कोने के साथ-साथ दुनिया के कई हिस्सों में भी महात्मा गांधी की जयंती मनाई जाती है. इस अवसर पर जगह-जगह रैली, पोस्टर प्रतियोगिता, स्पीच, डिबेट, नाटक सहित कई तरह के आयोजन किए जाते हैं.

क्या आपको पता है कि...

  • महात्मा गांधी ने लंदन से कानून की पढ़ाई करने के बाद बैरिस्टर की डिग्री हासिल की थी, लेकिन बॉम्बे हाई कोर्ट में हुई पहली बहस में वे असफल रहे थे.
  • दुनिया की सबसे बड़ी मोबाइल कंपनियों में से एक एप्पल के संस्थापक स्टीव जॉब्स गांधी जी को सम्मान देने के लिए गोल चश्मा पहनते थे.
  • भारत में महात्मा गांधी के नाम पर 50 से ज्यादा सड़कें हैं. वहीं, विदेश में उनके नाम पर लगभग 60 सड़के हैं.
  • महात्मा गांधी को 5 बार नोबेल पुरस्कार के लिए नामित किया गया. हालांकि उन्हें एक बार भी नोबेल पुरस्कार नहीं मिला है.

रायपुरः राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी (Father of the Nation Mahatma Gandhi) को भला कौन नहीं जानता है. महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) आजादी के आंदोलन (Freedom movement) के एक ऐसे नेता थे, जिन्होंने अंहिसा के मार्ग पर चलते हुए अंग्रेज शासकों (British rulers) के नाक में दम कर दिया था. उन्होंने अहिंसक तरीके से ना केवल ब्रिटिश सरकार (British Government) के खिलाफ आवाज उठाई बल्कि कई आंदोलनों की अगुवाई भी की थी. अपने अहिंसक आंदोलन (Non-violent movement) के लिए गांधी जी को इंटरनेशनल स्तर (International level) तक ख्याति प्राप्त हुई. गांधी जी का पूरा नाम मोहनदास करम चंद गांधी (Mohandas Karamchand Gandhi) है. उनका जन्म 2 अक्टूबर, 1869 को पोरबन्दर (Porbandar), गुजरात (Gujrat) में हुआ था.

यही कारण है कि इस दिन को विश्व अहिंसा दिवस (World non-violence day) के रूप में मनाया जाता है. विश्व में गांधी जी को उनके अहिंसात्मक आंदोलन के लिए जाना जाता है. विश्व अहिंसा दिवस, गांधी जी के प्रति वैश्विक तौर पर सम्मान व्यक्त करने के लिए मनाया जाता है. गांधी जी का कहना था कि अहिंसा एक दर्शन है, एक सिद्धांत है और एक अनुभव है, जिसके आधार पर समाज को बेहतर बनाया जा सकता है.

भारत की स्थिति से थे चिंतित

गांधी जी ने लंदन में पढ़ाई करके बैरिस्टर की डिग्री प्राप्त की थी. हालांकि जब वो भारत वापस आए तो उन्हें देश की स्थिति ने काफी प्रभावित किया. इसके बाद उन्होंने देश को आजाद करवाने के लिए लंबी लड़ाई लड़ी. भारत को अंग्रेजी हुकूमत से आजादी दिलाने में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का योगदान अतुलनीय है. शांति और अहिंसा के दम पर उनके द्वारा चलाए गए सत्याग्रह और आंदोलनों ने ब्रिटिश सरकार की ईंट से ईंट बजा दी थी. भारत छोड़ो आंदोलन के जरिए उन्होंने अंग्रेजों को देश छोड़कर जाने को मजबूर कर दिया था. वहीं, आज गांधीजी के योगदान को याद कर हर भारतीय गर्वित महसूस करता है.

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कुछ इस तरह देश में मनाई जाती है गांधी जयंती

गांधी जयंती के मौके पर राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री सहित कई गणमान्य व्यक्ति नई दिल्ली स्थित राजघाट जाकर गांधी प्रतिमा के सामने श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं. इस दिन राष्ट्रीय अवकाश होता है. बापू की समाधि पर राष्ट्रपति और भारत के प्रधानमंत्री की उपस्थिति में प्रार्थना आयोजित की जाती है. भारत के हर कोने के साथ-साथ दुनिया के कई हिस्सों में भी महात्मा गांधी की जयंती मनाई जाती है. इस अवसर पर जगह-जगह रैली, पोस्टर प्रतियोगिता, स्पीच, डिबेट, नाटक सहित कई तरह के आयोजन किए जाते हैं.

क्या आपको पता है कि...

  • महात्मा गांधी ने लंदन से कानून की पढ़ाई करने के बाद बैरिस्टर की डिग्री हासिल की थी, लेकिन बॉम्बे हाई कोर्ट में हुई पहली बहस में वे असफल रहे थे.
  • दुनिया की सबसे बड़ी मोबाइल कंपनियों में से एक एप्पल के संस्थापक स्टीव जॉब्स गांधी जी को सम्मान देने के लिए गोल चश्मा पहनते थे.
  • भारत में महात्मा गांधी के नाम पर 50 से ज्यादा सड़कें हैं. वहीं, विदेश में उनके नाम पर लगभग 60 सड़के हैं.
  • महात्मा गांधी को 5 बार नोबेल पुरस्कार के लिए नामित किया गया. हालांकि उन्हें एक बार भी नोबेल पुरस्कार नहीं मिला है.
Last Updated : Oct 2, 2021, 6:11 AM IST
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