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नंदकुमार बघेल का अंतिम संस्कार, गृह ग्राम कुरुदडीह में दी जाएगी अंतिम विदाई

Funeral of Nandkumar Baghel छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम भूपेश बघेल के पिता का अंतिम संस्कार गृह ग्राम कुरुदडीह में होगा.जिसकी तैयारियां पूरी कर ली गई है. अंतिम दर्शन के बाद धार्मिक रीति रिवाज से नंदकुमार बघेल को अंतिम विदाई दी जाएगी.

Funeral of Nandkumar Baghel
नंदकुमार बघेल का अंतिम संस्कार
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Jan 10, 2024, 1:51 PM IST

रायपुर : छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पिता नंदकुमार बघेल का गृह ग्राम कुरुदडीह में बुधवार को अंतिम संस्कार होगा. आपको बता दें कि 8 जनवरी को नंदकुमार बघेल का एक निजी अस्पताल में निधन हुआ था. मंगलवार को मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने शोकाकुल बघेल परिवार से मुलाकात करके सांत्वना दी थी. इसके साथ ही विधानसभा अध्यक्ष डॉ रमन सिंह, डिप्टी CM अरुण साव, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष किरण देव मौजूद थे.

पाटन सदन में रखा गया था शरीर : नंदकुमार बघेल का पार्थिव शरीर रायपुर के पाटन सदन में रखा गया था.जहां लोग उनके अंतिम दर्शन करने के लिए पहुंचे.इस दौरान पूर्व सीएम भूपेश बघेल का पूरा परिवार मौजूद था.भूपेश बघेल की बहन के विदेश से आने के बाद नंदकुमार बघेल का अंतिम संस्कार बुधवार को होना है.


जातिवाद के खिलाफ थे नंदकुमार : छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले के कुरुदडीह गांव के मूल निवासी नंद कुमार बघेल हमेशा से ही जातिवाद के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद करते आए हैं. प्रगतिशील किसान माने जाने वाले नंदकुमार बघेल ने अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग समुदायों के लिए अपना पूरा जीवन दे दिया.इस दौरान वो चुनाव भी लड़े लेकिन कामयाबी नहीं मिली.

रावण को लेकर लिखी की किताब : जाति प्रथा और हिंदुत्व के खिलाफ बोलना नंदकुमार बघेल का गुण रहा है.2001 में नंद कुमार ने 'रावण को मत मारो’ नामक पुस्तक लिखी थी. पुस्तक में दशहरा में रावण का पुतला दहन को समाप्त करने का आह्वान किया गया था. जिसके बाद उनके खिलाफ लोगों का गुस्सा बढ़ा.इस किताब के विरोध के कारण पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी की सरकार ने पुस्तक को प्रतिबंधित किया था.

सीएम भूपेश ने पिता को भेजा था जेल : साल 2021 में लखनऊ में ब्राह्मणों को लेकर जब नंदकुमार बघेल ने लखनऊ में बयान दिया था. तब रायपुर में नंदकुमार के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज की गई थी.जिस पर सीएम भूपेश ने शासन में ही नंदकुमार को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजा गया था.

धर्म को लेकर पिता पुत्र में मतभेद : साल 2019 में जब नंद कुमार बघेल की पत्नी का निधन हो गया, तो वह बौद्ध धर्म के अनुसार उनका अंतिम संस्कार करना चाहते थे. लेकिन सीएम ने आपत्ति जताई. आखिरकार सीएम भूपेश ने मां का अंतिम संस्कार हिंदू मान्यताओं के अनुसार ही कराया.लेकिन दूसरी तरफ नंदकुमार बघेल ने राजिम में बौद्ध धर्म के मुताबिक संस्कार किए.

जानिए कौन थे नंदकुमार बघेल,जिन्होंने ब्राह्मणों के खिलाफ खोला था मोर्चा

रायपुर : छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पिता नंदकुमार बघेल का गृह ग्राम कुरुदडीह में बुधवार को अंतिम संस्कार होगा. आपको बता दें कि 8 जनवरी को नंदकुमार बघेल का एक निजी अस्पताल में निधन हुआ था. मंगलवार को मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने शोकाकुल बघेल परिवार से मुलाकात करके सांत्वना दी थी. इसके साथ ही विधानसभा अध्यक्ष डॉ रमन सिंह, डिप्टी CM अरुण साव, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष किरण देव मौजूद थे.

पाटन सदन में रखा गया था शरीर : नंदकुमार बघेल का पार्थिव शरीर रायपुर के पाटन सदन में रखा गया था.जहां लोग उनके अंतिम दर्शन करने के लिए पहुंचे.इस दौरान पूर्व सीएम भूपेश बघेल का पूरा परिवार मौजूद था.भूपेश बघेल की बहन के विदेश से आने के बाद नंदकुमार बघेल का अंतिम संस्कार बुधवार को होना है.


जातिवाद के खिलाफ थे नंदकुमार : छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले के कुरुदडीह गांव के मूल निवासी नंद कुमार बघेल हमेशा से ही जातिवाद के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद करते आए हैं. प्रगतिशील किसान माने जाने वाले नंदकुमार बघेल ने अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग समुदायों के लिए अपना पूरा जीवन दे दिया.इस दौरान वो चुनाव भी लड़े लेकिन कामयाबी नहीं मिली.

रावण को लेकर लिखी की किताब : जाति प्रथा और हिंदुत्व के खिलाफ बोलना नंदकुमार बघेल का गुण रहा है.2001 में नंद कुमार ने 'रावण को मत मारो’ नामक पुस्तक लिखी थी. पुस्तक में दशहरा में रावण का पुतला दहन को समाप्त करने का आह्वान किया गया था. जिसके बाद उनके खिलाफ लोगों का गुस्सा बढ़ा.इस किताब के विरोध के कारण पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी की सरकार ने पुस्तक को प्रतिबंधित किया था.

सीएम भूपेश ने पिता को भेजा था जेल : साल 2021 में लखनऊ में ब्राह्मणों को लेकर जब नंदकुमार बघेल ने लखनऊ में बयान दिया था. तब रायपुर में नंदकुमार के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज की गई थी.जिस पर सीएम भूपेश ने शासन में ही नंदकुमार को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजा गया था.

धर्म को लेकर पिता पुत्र में मतभेद : साल 2019 में जब नंद कुमार बघेल की पत्नी का निधन हो गया, तो वह बौद्ध धर्म के अनुसार उनका अंतिम संस्कार करना चाहते थे. लेकिन सीएम ने आपत्ति जताई. आखिरकार सीएम भूपेश ने मां का अंतिम संस्कार हिंदू मान्यताओं के अनुसार ही कराया.लेकिन दूसरी तरफ नंदकुमार बघेल ने राजिम में बौद्ध धर्म के मुताबिक संस्कार किए.

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