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सावधान! अब ATM भी सुरक्षित नहीं, मशीन बंद करके हो रही ठगी, पैसे निकालते समय रहें सतर्क - shutting down the ATM machine

साइबर क्राइम के बढ़ते ग्राफ के बीच एक चौंकाने वाली खबर है. शातिरों ने तकनीक का ऐसा इस्तेमाल किया है कि अब एटीएम बंद करके कैश निकाले जा रहे हैं. रायपुर पुलिस ने इस मामले में गिरोह का खुलासा किया है.

Fraud is being done by shutting down the ATM machine
एटीएम ठगी
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Published : Dec 5, 2020, 2:37 PM IST

Updated : Dec 5, 2020, 4:09 PM IST

रायपुर: प्रदेश में लगातार साइबर अपराध के मामले बढ़ते जा रहे हैं. साइबर ठग नए-नए हाईटेक तरीकों से ठगी के मामलों को अंजाम दे रहे हैं. वे एटीएम मशीन के साथ छेड़छाड़ या फिर एटीएम कार्ड को बदलकर ठगी कर रहे हैं.

अब ATM भी सुरक्षित नहीं, मशीन बंद करके हो रही ठगी

साइबर संगवारी अभियान

रायपुर पुलिस साइबर संगवारी नाम से अभियान चला रही है. जिसके तहत पुलिस लोगों को साइबर ठगी से बचने के उपाय बता रही है. इसके साथ ही ठग किस तरह साइबर ठगी के मामले को अंजाम देते हैं, लोग किस तरह इनसे बच सकते हैं और अगर उनके साथ किसी भी तरह की ठगी हुई हो, तो वह तत्काल पुलिस को किस तरह सूचित करें, ये बताया जा रहा है.

पढ़ें- आपके अकाउंट पर साइबर ठगों की नजर, ऑनलाइन शॉपिंग और ट्रांजेक्शन करते समय रखें इन बातों का ख्याल

प्रदेश में लगातार बढ़ रहे एटीएम फ्रॉड के मामले

प्रदेश में लगातार एटीएम फ्रॉड के मामले बढ़ते जा रहे हैं. ठग एटीएम कार्ड बदल कर अलग-अलग तरीकों से ठगी को अंजाम दे रहे हैं. ठग लोगों को फोन कर कहते हैं कि आपका एटीएम कार्ड बंद होने वाला है और एटीएम कार्ड को एक्टिवेट कराने के लिए एटीएम कार्ड पर पीछे लिखा सीवीवी नंबर उन्हें बताएं, जिससे वह एटीएम कार्ड चालू कर दें. जैसे ही लोग अपना सीवीवी नंबर उन्हें बताते हैं. ठग उनके खाते से पैसे पार कर देते हैं.

ठग कैसे करते हैं एटीएम फ्रॉड

ठग सबसे पहले ऐसे ही एटीएम तलाशते हैं, जो गांव खेड़ी के पास हो. जिसके बाद ठग उस एटीएम पर नज़र रखते हैं. कोई व्यक्ति एटीएम से पैसा निकालने आता है और अगर उसे पैसे निकालने में समस्या होती है तो ठग तुरंत अंदर आ जाते हैं. उस आदमी की मदद करने से के नाम से उसका एटीएम कार्ड ले लेते हैं और एटीएम मशीन में डालकर व्यक्ति को पासवर्ड डालने को कहते हैं और जैसे ही पैसा निकल आता है उस दौरान दूसरा कार्ड बदलकर दे देते हैं.

ठग अपने पास अलग-अलग तरह के एटीएम कार्ड पहले से रखे रहते हैं. जैसे ही ठग एटीएम मशीन से कार्ड निकाल कर सामने वाले व्यक्ति को देते हैं. ठग तुरंत कार्ड को एक्सचेंज कर लेते हैं जिससे व्यक्ति के पास ओरिजिनल कार्ड के जगह डुप्लीकेट कार्ड चल जाता है और वह ठगी का शिकार बन जाता है.

ठग एटीएम मशीन के साथ किस तरह से करते हैं छेड़छाड़

ठग एटीएम मशीन के पैनल को मास्टर चाबी से खोलकर और उसमें एटीएम कार्ड डालते हैं. जैसे ही मशीन में रकम लेने का प्रोसेस होता है. उसी दौरान ठग मशीन के पैनल के अंदर हाथ डालकर स्विच बंद कर देते हैं. जिससे रकम बाहर आ जाती है पर मैसेज बैंक खाताधारक के पास नहीं जाता. रकम आसानी से आरोपी के हाथ में आ जाती है. जिसके बाद ठग दोबारा बैंक जाते हैं और बैंक से कैश ट्रांजेक्शन फेल होने का क्लेम करते हैं. ऐसे में उन्हें बैंक से दोबारा पैसे मिल जाते हैं.

पढ़ें- CYBER CRIME के गुनहगार: 2 आरोपी राजस्थान से गिरफ्तार, OLX पर खुद को आर्मी का जवान बताकर करते थे ठगी

दूसरे का कार्ड और मोबाइल करते हैं ठग इस्तेमाल

ठग ठगी के मामलों को अंजाम देने के लिए दूसरे का मोबाइल और दूसरे के कार्ड इस्तेमाल करते हैं. ठगी हो जाने पर कार्ड धारक को ठगी किये गए रकम से कुछ पैसा उन्हें दे देते हैं. यह पूरा रैकेट फरीदाबाद से नजदीक मेवात से संचालित किया जाता है. इस तरह की ठगी ज्यादातर दिल्ली, नोएडा जैसे बड़े शहरों में देखने को मिलती है.

हाल ही में राजधानी के 3 एटीएम में इसी तरह का मामला सामने आया था. जहां आरोपियों ने पहले एटीएम को चिन्हित किया जिसके बाद 2-2 के ग्रुप में वे एटीएम के अंदर घुसे और पूरी घटना को अंजाम दिया ठगों ने तीन एटीएम से करीब 8 लाख रुपए निकाले थे. जिसके बाद पुलिस एक्टिव हुई और हरियाणा से तीन ठगों को गिरफ्तार किया था.

शातिर ठग किस तरह से करते हैं ऑनलाइन ठगी ?

  • किसी फर्जी विज्ञापन के झांसे में आकर किसी भी लिंक को क्लिक ना करें.
  • बिना जानकारी के किसी भी वेबसाइट या लिंक पर जाकर शॉपिंग ना करें.
  • पेमेंट करते वक्त अपना ओटीपी या सीवीवी नंबर किसी से भी शेयर ना करें इससे सबसे ज्यादा ठगी होने की गुंजाइश होती है.
  • ऑनलाइन शॉपिंग करते वक्त सिर्फ ऑथराइज्ड वेबसाइट से ही शॉपिंग करें वरना बाजार में सैकड़ों ऐसी वेबसाइट है जो कि ऑनलाइन शॉपिंग के नाम पर लोगों के साथ ठगी करते हैं.
  • पेमेंट करते वक्त सही पेमेंट चैनल का इस्तेमाल करें वरना आपके पेमेंट के सारी डिटेल्स ठगों के पास चल जाते हैं और वह आपका अकाउंट पल भर में खाली कर देते हैं.

    ऑनलाइन ठगी से किस तरह बच सकते हैं
  • एटीएम के जब आप अंदर जाते हैं तो उस समय ध्यान रखें कि उस समय एटीएम में आपके अलावा कोई ना हो, कोई अगर वहां खड़ा रहता है तो उसे आप बाहर जाने को बोलें.
  • अपने कार्ड के पीछे लिखे गए सीवीवी नंबर को याद कर कार्ड में सीवीवी नंबर जहा लिखा हुआ है उससे कलर से मार्क कर दें, जिससे वह किसी को नजर ना आए.
  • यदि आपके खाते से पैसे गायब होते हैं तो आप बैंक जाने के साथ-साथ अन्य तरीके से भी अपने अकाउंट को ब्लॉक कर सकते हैं.
  • इसका सिंपल सा तरीका है कि आप बैंक ट्रांजैक्शन करें और आपके मोबाइल पर जब ओटीपी आए तो तीन बार ओटीपी गलत डालें जिसके बाद बैंक 24 घण्टे के लिए आपके खाते को सील कर देगा.
  • किसी फर्जी विज्ञापन या भारी डिस्काउंट के झांसे में आकर किसी भी लिंक को क्लिक ना करें.
  • हमेशा शॉपिंग करते वक्त ऑथराइज्ड वेबसाइट से ही शॉपिंग करें.
  • किसी भी अनजान लिंक के बारे में पता किए बिना उस लिंक पर क्लिक ना करें.
  • पेमेंट करते वक्त अपना ओटीपी, अकाउंट नंबर और सीवीवी नंबर किसी से भी शेयर ना करें.
  • मोबाइल पर अज्ञात नंबर से फोन करने वाले बैंक खाता या पेटीएम अपडेट के लिए आधार कार्ड नंबर पूछे तो फोन काट दें.

रायपुर: प्रदेश में लगातार साइबर अपराध के मामले बढ़ते जा रहे हैं. साइबर ठग नए-नए हाईटेक तरीकों से ठगी के मामलों को अंजाम दे रहे हैं. वे एटीएम मशीन के साथ छेड़छाड़ या फिर एटीएम कार्ड को बदलकर ठगी कर रहे हैं.

अब ATM भी सुरक्षित नहीं, मशीन बंद करके हो रही ठगी

साइबर संगवारी अभियान

रायपुर पुलिस साइबर संगवारी नाम से अभियान चला रही है. जिसके तहत पुलिस लोगों को साइबर ठगी से बचने के उपाय बता रही है. इसके साथ ही ठग किस तरह साइबर ठगी के मामले को अंजाम देते हैं, लोग किस तरह इनसे बच सकते हैं और अगर उनके साथ किसी भी तरह की ठगी हुई हो, तो वह तत्काल पुलिस को किस तरह सूचित करें, ये बताया जा रहा है.

पढ़ें- आपके अकाउंट पर साइबर ठगों की नजर, ऑनलाइन शॉपिंग और ट्रांजेक्शन करते समय रखें इन बातों का ख्याल

प्रदेश में लगातार बढ़ रहे एटीएम फ्रॉड के मामले

प्रदेश में लगातार एटीएम फ्रॉड के मामले बढ़ते जा रहे हैं. ठग एटीएम कार्ड बदल कर अलग-अलग तरीकों से ठगी को अंजाम दे रहे हैं. ठग लोगों को फोन कर कहते हैं कि आपका एटीएम कार्ड बंद होने वाला है और एटीएम कार्ड को एक्टिवेट कराने के लिए एटीएम कार्ड पर पीछे लिखा सीवीवी नंबर उन्हें बताएं, जिससे वह एटीएम कार्ड चालू कर दें. जैसे ही लोग अपना सीवीवी नंबर उन्हें बताते हैं. ठग उनके खाते से पैसे पार कर देते हैं.

ठग कैसे करते हैं एटीएम फ्रॉड

ठग सबसे पहले ऐसे ही एटीएम तलाशते हैं, जो गांव खेड़ी के पास हो. जिसके बाद ठग उस एटीएम पर नज़र रखते हैं. कोई व्यक्ति एटीएम से पैसा निकालने आता है और अगर उसे पैसे निकालने में समस्या होती है तो ठग तुरंत अंदर आ जाते हैं. उस आदमी की मदद करने से के नाम से उसका एटीएम कार्ड ले लेते हैं और एटीएम मशीन में डालकर व्यक्ति को पासवर्ड डालने को कहते हैं और जैसे ही पैसा निकल आता है उस दौरान दूसरा कार्ड बदलकर दे देते हैं.

ठग अपने पास अलग-अलग तरह के एटीएम कार्ड पहले से रखे रहते हैं. जैसे ही ठग एटीएम मशीन से कार्ड निकाल कर सामने वाले व्यक्ति को देते हैं. ठग तुरंत कार्ड को एक्सचेंज कर लेते हैं जिससे व्यक्ति के पास ओरिजिनल कार्ड के जगह डुप्लीकेट कार्ड चल जाता है और वह ठगी का शिकार बन जाता है.

ठग एटीएम मशीन के साथ किस तरह से करते हैं छेड़छाड़

ठग एटीएम मशीन के पैनल को मास्टर चाबी से खोलकर और उसमें एटीएम कार्ड डालते हैं. जैसे ही मशीन में रकम लेने का प्रोसेस होता है. उसी दौरान ठग मशीन के पैनल के अंदर हाथ डालकर स्विच बंद कर देते हैं. जिससे रकम बाहर आ जाती है पर मैसेज बैंक खाताधारक के पास नहीं जाता. रकम आसानी से आरोपी के हाथ में आ जाती है. जिसके बाद ठग दोबारा बैंक जाते हैं और बैंक से कैश ट्रांजेक्शन फेल होने का क्लेम करते हैं. ऐसे में उन्हें बैंक से दोबारा पैसे मिल जाते हैं.

पढ़ें- CYBER CRIME के गुनहगार: 2 आरोपी राजस्थान से गिरफ्तार, OLX पर खुद को आर्मी का जवान बताकर करते थे ठगी

दूसरे का कार्ड और मोबाइल करते हैं ठग इस्तेमाल

ठग ठगी के मामलों को अंजाम देने के लिए दूसरे का मोबाइल और दूसरे के कार्ड इस्तेमाल करते हैं. ठगी हो जाने पर कार्ड धारक को ठगी किये गए रकम से कुछ पैसा उन्हें दे देते हैं. यह पूरा रैकेट फरीदाबाद से नजदीक मेवात से संचालित किया जाता है. इस तरह की ठगी ज्यादातर दिल्ली, नोएडा जैसे बड़े शहरों में देखने को मिलती है.

हाल ही में राजधानी के 3 एटीएम में इसी तरह का मामला सामने आया था. जहां आरोपियों ने पहले एटीएम को चिन्हित किया जिसके बाद 2-2 के ग्रुप में वे एटीएम के अंदर घुसे और पूरी घटना को अंजाम दिया ठगों ने तीन एटीएम से करीब 8 लाख रुपए निकाले थे. जिसके बाद पुलिस एक्टिव हुई और हरियाणा से तीन ठगों को गिरफ्तार किया था.

शातिर ठग किस तरह से करते हैं ऑनलाइन ठगी ?

  • किसी फर्जी विज्ञापन के झांसे में आकर किसी भी लिंक को क्लिक ना करें.
  • बिना जानकारी के किसी भी वेबसाइट या लिंक पर जाकर शॉपिंग ना करें.
  • पेमेंट करते वक्त अपना ओटीपी या सीवीवी नंबर किसी से भी शेयर ना करें इससे सबसे ज्यादा ठगी होने की गुंजाइश होती है.
  • ऑनलाइन शॉपिंग करते वक्त सिर्फ ऑथराइज्ड वेबसाइट से ही शॉपिंग करें वरना बाजार में सैकड़ों ऐसी वेबसाइट है जो कि ऑनलाइन शॉपिंग के नाम पर लोगों के साथ ठगी करते हैं.
  • पेमेंट करते वक्त सही पेमेंट चैनल का इस्तेमाल करें वरना आपके पेमेंट के सारी डिटेल्स ठगों के पास चल जाते हैं और वह आपका अकाउंट पल भर में खाली कर देते हैं.

    ऑनलाइन ठगी से किस तरह बच सकते हैं
  • एटीएम के जब आप अंदर जाते हैं तो उस समय ध्यान रखें कि उस समय एटीएम में आपके अलावा कोई ना हो, कोई अगर वहां खड़ा रहता है तो उसे आप बाहर जाने को बोलें.
  • अपने कार्ड के पीछे लिखे गए सीवीवी नंबर को याद कर कार्ड में सीवीवी नंबर जहा लिखा हुआ है उससे कलर से मार्क कर दें, जिससे वह किसी को नजर ना आए.
  • यदि आपके खाते से पैसे गायब होते हैं तो आप बैंक जाने के साथ-साथ अन्य तरीके से भी अपने अकाउंट को ब्लॉक कर सकते हैं.
  • इसका सिंपल सा तरीका है कि आप बैंक ट्रांजैक्शन करें और आपके मोबाइल पर जब ओटीपी आए तो तीन बार ओटीपी गलत डालें जिसके बाद बैंक 24 घण्टे के लिए आपके खाते को सील कर देगा.
  • किसी फर्जी विज्ञापन या भारी डिस्काउंट के झांसे में आकर किसी भी लिंक को क्लिक ना करें.
  • हमेशा शॉपिंग करते वक्त ऑथराइज्ड वेबसाइट से ही शॉपिंग करें.
  • किसी भी अनजान लिंक के बारे में पता किए बिना उस लिंक पर क्लिक ना करें.
  • पेमेंट करते वक्त अपना ओटीपी, अकाउंट नंबर और सीवीवी नंबर किसी से भी शेयर ना करें.
  • मोबाइल पर अज्ञात नंबर से फोन करने वाले बैंक खाता या पेटीएम अपडेट के लिए आधार कार्ड नंबर पूछे तो फोन काट दें.
Last Updated : Dec 5, 2020, 4:09 PM IST
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