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पूर्व वन मंत्री डीपी धृतलहरे का निधन, लंबे समय से थे बीमार

छत्तीसगढ़ के कद्दावर नेता और पूर्व वन मंत्री डीपी धृतलहरे का रायपुर के एक निजी अस्पताल में आज निधन हो गया है. वे छतीसगढ़ राज्य गठन के समय जोगी मंत्रिमंडल में बतौर निर्दलीय विधायक वन मंत्री थे.

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Published : Apr 19, 2020, 2:33 PM IST

Updated : Apr 19, 2020, 3:52 PM IST

Former Forest Minister Deerhu Prasad Dhritalhare death in raipur
पूर्व वन मंत्री डेरहु प्रसाद धृतलहरे

रायपुर: छतीसगढ़ के कद्दावर सतनामी समाज के नेता और पूर्व वन मंत्री डीपी धृतलहरे का रायपुर के एक निजी अस्पताल में आज निधन हो गया है, जिनका अंतिम संस्कार जिले के गृह ग्राम चक्रवाय में शाम 5 बजे होगा. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ट्वीट कर शोक जताया है.

  • मेरे साथ अविभाजित मप्र में विधायक और फिर छत्तीसगढ़ में मंत्री रहे वरिष्ठ नेता डेरहू प्रसाद धृतलहरे जी का जाना बहुत दुखद है।

    वे सतनामी समाज के बड़े नेता थे। उनके जाने से छत्तीसगढ़ की अपूरणीय क्षति हुई है।

    विनम्र श्रद्धांजलि।

    — Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) April 19, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

पढ़ें: आपात स्थिति में जा सकेंगे राज्य से बाहर, कलेक्टर से लेनी होगी अनुमति

बता दें, पूर्व मंत्री डीपी धृतलहरे अविभाजित मध्यप्रदेश में दिग्विजय सिंह मंत्रिमंडल में स्वास्थ्य, राजस्व और विमानन मंत्री का दायित्व निभाने के साथ छतीसगढ़ राज्य गठन के समय जोगी मंत्रिमंडल में बतौर निर्दलीय विधायक वन मंत्री थे.

जोगी कांग्रेस के लिए किया काम

2003 के पूर्व धृतलहरे की लोकप्रियता नवागढ़ विधानसभा में कुछ इस तरह थी कि वे पार्टी से बगावत कर 2 बार निर्दलीय चुनाव लड़े और जीत हासिल की. राजनीतिक महत्वाकांक्षा के लिए चर्चित धृतलहरे ने स्वाभिमान मंच भाजपा और जोगी कांग्रेस के लिए भी खुलकर कार्य किये.

2018 के चुनाव में वे राजनीति को अलविदा कह गए

2018 के चुनाव में वे राजनीति को अलविदा कह गए, जिसके बाद से वे बीमार चल रहे थे. वर्तमान में उनकी बेटी शशिप्रभा गायकवाड़ महिला जिला कांग्रेस अध्यक्ष एवं जिला पंचायत सदस्य हैं.

रायपुर: छतीसगढ़ के कद्दावर सतनामी समाज के नेता और पूर्व वन मंत्री डीपी धृतलहरे का रायपुर के एक निजी अस्पताल में आज निधन हो गया है, जिनका अंतिम संस्कार जिले के गृह ग्राम चक्रवाय में शाम 5 बजे होगा. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ट्वीट कर शोक जताया है.

  • मेरे साथ अविभाजित मप्र में विधायक और फिर छत्तीसगढ़ में मंत्री रहे वरिष्ठ नेता डेरहू प्रसाद धृतलहरे जी का जाना बहुत दुखद है।

    वे सतनामी समाज के बड़े नेता थे। उनके जाने से छत्तीसगढ़ की अपूरणीय क्षति हुई है।

    विनम्र श्रद्धांजलि।

    — Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) April 19, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

पढ़ें: आपात स्थिति में जा सकेंगे राज्य से बाहर, कलेक्टर से लेनी होगी अनुमति

बता दें, पूर्व मंत्री डीपी धृतलहरे अविभाजित मध्यप्रदेश में दिग्विजय सिंह मंत्रिमंडल में स्वास्थ्य, राजस्व और विमानन मंत्री का दायित्व निभाने के साथ छतीसगढ़ राज्य गठन के समय जोगी मंत्रिमंडल में बतौर निर्दलीय विधायक वन मंत्री थे.

जोगी कांग्रेस के लिए किया काम

2003 के पूर्व धृतलहरे की लोकप्रियता नवागढ़ विधानसभा में कुछ इस तरह थी कि वे पार्टी से बगावत कर 2 बार निर्दलीय चुनाव लड़े और जीत हासिल की. राजनीतिक महत्वाकांक्षा के लिए चर्चित धृतलहरे ने स्वाभिमान मंच भाजपा और जोगी कांग्रेस के लिए भी खुलकर कार्य किये.

2018 के चुनाव में वे राजनीति को अलविदा कह गए

2018 के चुनाव में वे राजनीति को अलविदा कह गए, जिसके बाद से वे बीमार चल रहे थे. वर्तमान में उनकी बेटी शशिप्रभा गायकवाड़ महिला जिला कांग्रेस अध्यक्ष एवं जिला पंचायत सदस्य हैं.

Last Updated : Apr 19, 2020, 3:52 PM IST
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