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अमेरिकी न्याय विभाग ने पन्नू की हत्या की नाकाम साजिश में विकास यादव के खिलाफ आरोपों की घोषणा की - CHARGES AGAINST VIKASH YADAV

विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत ऐसे इनपुट को गंभीरता से लेता है क्योंकि वे राष्ट्रीय सुरक्षा हितों को भी प्रभावित करते हैं.

charges against Vikash Yadav
गुरपतवंत सिंह पन्नू की फाइल फोटो. (IANS)
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By ANI

Published : Oct 18, 2024, 10:05 AM IST

वाशिंगटन: अमेरिकी न्याय विभाग ने गुरुवार (स्थानीय समय) को खालिस्तानी आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की नाकाम साजिश को रचने में कथित भूमिका के संबंध में भारत सरकार के एक पूर्व कर्मचारी विकास यादव के खिलाफ हत्या और धन शोधन के आरोप दायर करने की घोषणा की. बता दें कि गुरपतवंत सिंह पन्नू एक अमेरिकी नागरिक है.

एक बयान में, अमेरिकी न्याय विभाग ने कहा कि यादव पर न्यूयॉर्क के दक्षिणी जिले के लिए अमेरिकी जिला न्यायालय में आज खोले गए दूसरे अधिरोपित अभियोग में आरोप लगाया गया है. यादव के कथित सह-साजिशकर्ता, 53 वर्षीय निखिल गुप्ता पर पहले अधिरोपित अभियोग में निहित आरोपों पर आरोप लगाया गया था. उसे अमेरिका में प्रत्यर्पित किया गया था. यादव अभी भी फरार है. अटॉर्नी जनरल मेरिक बी गारलैंड ने अमेरिकी नागरिकों को नुकसान पहुंचाने की कोशिश करने वाले किसी भी व्यक्ति को जवाबदेह ठहराने के लिए अमेरिकी न्याय विभाग की प्रतिबद्धता व्यक्त की है.

मेरिक बी गारलैंड ने कहा कि न्याय विभाग किसी भी व्यक्ति को जवाबदेह ठहराने में अथक प्रयास करेगा. चाहे वह किसी भी पद पर हो या सत्ता से कितना भी निकट क्यों न हो - जो अमेरिकी नागरिकों को नुकसान पहुंचाने और चुप कराने की कोशिश करता है. गारलैंड ने आगे कहा कि अमेरिका ने विकास यादव और उसके सह-षड्यंत्रकारी निखिल गुप्ता की ओर से अमेरिकी धरती पर एक अमेरिकी नागरिक की हत्या करने के प्रयास को विफल कर दिया है.

आरोप में कहा गया कि जैसा कि आरोप लगाया गया है, पिछले साल, हमने विकास यादव, एक भारतीय सरकारी कर्मचारी और उसके सह-षड्यंत्रकारी निखिल गुप्ता द्वारा अमेरिकी धरती पर एक अमेरिकी नागरिक की हत्या करने के प्रयास को विफल कर दिया था. आज के आरोप दर्शाते हैं कि न्याय विभाग अमेरिकियों को निशाना बनाने और उन्हें खतरे में डालने तथा प्रत्येक अमेरिकी नागरिक के अधिकारों को कमजोर करने के प्रयासों को बर्दाश्त नहीं करेगा.

एफबीआई निदेशक क्रिस्टोफर रे ने दावा किया है कि प्रतिवादी, एक भारतीय सरकारी कर्मचारी है. जिसने कथित तौर पर एक आपराधिक सहयोगी के साथ साजिश रची. न्याय विभाग के राष्ट्रीय सुरक्षा प्रभाग के सहायक अटॉर्नी जनरल मैथ्यू जी ओल्सन ने जोर देकर कहा कि आज घोषित किए गए आरोप अमेरिका में प्रवासी समुदायों को लक्षित करके घातक साजिश रचने और हिंसक अंतरराष्ट्रीय दमन के अन्य रूपों में वृद्धि का एक गंभीर उदाहरण हैं.

इस तरह की आपराधिक गतिविधि की योजना बनाने के खिलाफ राष्ट्रों को चेतावनी जारी करते हुए, ओल्सन ने कहा कि दुनिया भर की सरकारें जो इस तरह की आपराधिक गतिविधि पर विचार कर रही हैं और जिन समुदायों को वे लक्षित करेंगे, उन्हें इस बात में कोई संदेह नहीं होना चाहिए कि न्याय विभाग इन साजिशों को बाधित करने और उजागर करने और गलत काम करने वालों को जवाबदेह ठहराने के लिए प्रतिबद्ध है, चाहे वे कोई भी हों या वे कहीं भी रहते हों.

ड्रग एन्फोर्समेंट एडमिनिस्ट्रेशन (डीईए) की प्रशासक ऐनी मिलग्राम ने कहा है कि डीईए ने 2023 में हत्या के प्रयास को विफल कर दिया. डीईए ने आज के अभियोग में विकास यादव को कथित मास्टरमाइंड के रूप में नामित किया गया है. उन्होंने आगे कहा कि हमारा आरोप है कि भारत सरकार के एक कर्मचारी यादव ने अपने अधिकार और गोपनीय जानकारी तक पहुंच का इस्तेमाल करके यहां अमेरिकी धरती पर भारत सरकार के मुखर आलोचक की हत्या के प्रयास को निर्देशित किया.

उन्होंने कहा कि इस मामले का नेतृत्व डीईए न्यूयॉर्क डिवीजन के ड्रग एन्फोर्समेंट टास्क फोर्स की ओर से किया गया था. अमेरिकी अटॉर्नी डेमियन विलियम्स के अनुसार, इस कार्यालय ने पिछले साल निखिल गुप्ता पर अमेरिकी धरती पर भारतीय मूल के एक अमेरिकी नागरिक की हत्या की साजिश रचने का आरोप लगाया था.

अमेरिकी न्याय विभाग ने कहा कि दूसरा आरोपी वारदात के समय भारत सरकार के कैबिनेट सचिवालय में कार्यरत था. जिसमें भारत की विदेशी खुफिया सेवा, रिसर्च एंड एनालिसिस विंग स्थित है. उन्होंने कहा कि यादव ने यह स्वीकार किया है कि वह 'वरिष्ठ फील्ड अधिकारी' के रूप में काम कर रहा था. आरोपों के मुताबिक, यादव ने पहले भारत के केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल में काम किया है. वह 'युद्ध शिल्प' और 'हथियारों के इस्तेमाल' में 'प्रशिक्षण' प्राप्त है.

विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को पुष्टि की कि खालिस्तानी आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू के खिलाफ नाकाम हत्या की साजिश में अमेरिकी न्याय विभाग के अभियोग मामले में नामित व्यक्ति अब भारत सरकार का कर्मचारी नहीं है.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि अमेरिकी विदेश विभाग ने हमें सूचित किया है कि न्याय विभाग के अभियोग में शामिल व्यक्ति अब भारत में कार्यरत नहीं है. मैं पुष्टि करता हूं कि वह अब भारत सरकार का कर्मचारी नहीं है.

इससे पहले जून में गुप्ता को चेक गणराज्य से अमेरिका प्रत्यर्पित कर मुकदमा चलाने के लिए लाया गया था, जहां उसने 'दोषी नहीं' होने का दावा किया था. भारत ने पिछले साल नवंबर में अमेरिकी सरकार की ओर से उजागर की गई सुरक्षा चिंताओं को दूर करने के लिए एक उच्च स्तरीय जांच समिति का गठन किया था.

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वाशिंगटन: अमेरिकी न्याय विभाग ने गुरुवार (स्थानीय समय) को खालिस्तानी आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू की हत्या की नाकाम साजिश को रचने में कथित भूमिका के संबंध में भारत सरकार के एक पूर्व कर्मचारी विकास यादव के खिलाफ हत्या और धन शोधन के आरोप दायर करने की घोषणा की. बता दें कि गुरपतवंत सिंह पन्नू एक अमेरिकी नागरिक है.

एक बयान में, अमेरिकी न्याय विभाग ने कहा कि यादव पर न्यूयॉर्क के दक्षिणी जिले के लिए अमेरिकी जिला न्यायालय में आज खोले गए दूसरे अधिरोपित अभियोग में आरोप लगाया गया है. यादव के कथित सह-साजिशकर्ता, 53 वर्षीय निखिल गुप्ता पर पहले अधिरोपित अभियोग में निहित आरोपों पर आरोप लगाया गया था. उसे अमेरिका में प्रत्यर्पित किया गया था. यादव अभी भी फरार है. अटॉर्नी जनरल मेरिक बी गारलैंड ने अमेरिकी नागरिकों को नुकसान पहुंचाने की कोशिश करने वाले किसी भी व्यक्ति को जवाबदेह ठहराने के लिए अमेरिकी न्याय विभाग की प्रतिबद्धता व्यक्त की है.

मेरिक बी गारलैंड ने कहा कि न्याय विभाग किसी भी व्यक्ति को जवाबदेह ठहराने में अथक प्रयास करेगा. चाहे वह किसी भी पद पर हो या सत्ता से कितना भी निकट क्यों न हो - जो अमेरिकी नागरिकों को नुकसान पहुंचाने और चुप कराने की कोशिश करता है. गारलैंड ने आगे कहा कि अमेरिका ने विकास यादव और उसके सह-षड्यंत्रकारी निखिल गुप्ता की ओर से अमेरिकी धरती पर एक अमेरिकी नागरिक की हत्या करने के प्रयास को विफल कर दिया है.

आरोप में कहा गया कि जैसा कि आरोप लगाया गया है, पिछले साल, हमने विकास यादव, एक भारतीय सरकारी कर्मचारी और उसके सह-षड्यंत्रकारी निखिल गुप्ता द्वारा अमेरिकी धरती पर एक अमेरिकी नागरिक की हत्या करने के प्रयास को विफल कर दिया था. आज के आरोप दर्शाते हैं कि न्याय विभाग अमेरिकियों को निशाना बनाने और उन्हें खतरे में डालने तथा प्रत्येक अमेरिकी नागरिक के अधिकारों को कमजोर करने के प्रयासों को बर्दाश्त नहीं करेगा.

एफबीआई निदेशक क्रिस्टोफर रे ने दावा किया है कि प्रतिवादी, एक भारतीय सरकारी कर्मचारी है. जिसने कथित तौर पर एक आपराधिक सहयोगी के साथ साजिश रची. न्याय विभाग के राष्ट्रीय सुरक्षा प्रभाग के सहायक अटॉर्नी जनरल मैथ्यू जी ओल्सन ने जोर देकर कहा कि आज घोषित किए गए आरोप अमेरिका में प्रवासी समुदायों को लक्षित करके घातक साजिश रचने और हिंसक अंतरराष्ट्रीय दमन के अन्य रूपों में वृद्धि का एक गंभीर उदाहरण हैं.

इस तरह की आपराधिक गतिविधि की योजना बनाने के खिलाफ राष्ट्रों को चेतावनी जारी करते हुए, ओल्सन ने कहा कि दुनिया भर की सरकारें जो इस तरह की आपराधिक गतिविधि पर विचार कर रही हैं और जिन समुदायों को वे लक्षित करेंगे, उन्हें इस बात में कोई संदेह नहीं होना चाहिए कि न्याय विभाग इन साजिशों को बाधित करने और उजागर करने और गलत काम करने वालों को जवाबदेह ठहराने के लिए प्रतिबद्ध है, चाहे वे कोई भी हों या वे कहीं भी रहते हों.

ड्रग एन्फोर्समेंट एडमिनिस्ट्रेशन (डीईए) की प्रशासक ऐनी मिलग्राम ने कहा है कि डीईए ने 2023 में हत्या के प्रयास को विफल कर दिया. डीईए ने आज के अभियोग में विकास यादव को कथित मास्टरमाइंड के रूप में नामित किया गया है. उन्होंने आगे कहा कि हमारा आरोप है कि भारत सरकार के एक कर्मचारी यादव ने अपने अधिकार और गोपनीय जानकारी तक पहुंच का इस्तेमाल करके यहां अमेरिकी धरती पर भारत सरकार के मुखर आलोचक की हत्या के प्रयास को निर्देशित किया.

उन्होंने कहा कि इस मामले का नेतृत्व डीईए न्यूयॉर्क डिवीजन के ड्रग एन्फोर्समेंट टास्क फोर्स की ओर से किया गया था. अमेरिकी अटॉर्नी डेमियन विलियम्स के अनुसार, इस कार्यालय ने पिछले साल निखिल गुप्ता पर अमेरिकी धरती पर भारतीय मूल के एक अमेरिकी नागरिक की हत्या की साजिश रचने का आरोप लगाया था.

अमेरिकी न्याय विभाग ने कहा कि दूसरा आरोपी वारदात के समय भारत सरकार के कैबिनेट सचिवालय में कार्यरत था. जिसमें भारत की विदेशी खुफिया सेवा, रिसर्च एंड एनालिसिस विंग स्थित है. उन्होंने कहा कि यादव ने यह स्वीकार किया है कि वह 'वरिष्ठ फील्ड अधिकारी' के रूप में काम कर रहा था. आरोपों के मुताबिक, यादव ने पहले भारत के केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल में काम किया है. वह 'युद्ध शिल्प' और 'हथियारों के इस्तेमाल' में 'प्रशिक्षण' प्राप्त है.

विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को पुष्टि की कि खालिस्तानी आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू के खिलाफ नाकाम हत्या की साजिश में अमेरिकी न्याय विभाग के अभियोग मामले में नामित व्यक्ति अब भारत सरकार का कर्मचारी नहीं है.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि अमेरिकी विदेश विभाग ने हमें सूचित किया है कि न्याय विभाग के अभियोग में शामिल व्यक्ति अब भारत में कार्यरत नहीं है. मैं पुष्टि करता हूं कि वह अब भारत सरकार का कर्मचारी नहीं है.

इससे पहले जून में गुप्ता को चेक गणराज्य से अमेरिका प्रत्यर्पित कर मुकदमा चलाने के लिए लाया गया था, जहां उसने 'दोषी नहीं' होने का दावा किया था. भारत ने पिछले साल नवंबर में अमेरिकी सरकार की ओर से उजागर की गई सुरक्षा चिंताओं को दूर करने के लिए एक उच्च स्तरीय जांच समिति का गठन किया था.

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