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ब्रह्मपुरी कोल ब्लॉक आवंटन मामला : पूर्व कोयला सचिव एचसी गुप्ता सभी आरोपों से बरी - एचसी गुप्ता सभी आरोपों से बरी

छत्तीसगढ़ के ब्रह्मपुरी कोल ब्लॉक आवंटन मामले में कोर्ट ने पूर्व कोयला सचिव एचसी गुप्ता को बरी कर दिया है.

कोल ब्लॉक आवंटन मामला
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Published : Aug 30, 2019, 12:07 PM IST

नई दिल्ली : दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने छत्तीसगढ़ के ब्रह्मपुरी कोल ब्लॉक आवंटन मामले में पूर्व कोयला सचिव एचसी गुप्ता को सभी आरोपों से बरी कर दिया है. स्पेशल जज भरत पराशर ने इस मामले में अभियुक्त कंपनी पुष्प कमल स्टील एंड माइनिंग प्राइवेट लिमिटेड को भी बरी करने का आदेश दिया.

पूर्व कोयला सचिव एचसी गुप्ता बरी

कोर्ट ने इस फैसले के खिलाफ सीबीआई की ओर से अपील करने और हाईकोर्ट से नोटिस मिलने की स्थिति में उपस्थित होने के लिए एचसी गुप्ता को 50 हजार रुपए के मुचलके पर जमानत दी है. जमानत की ये अवधि छह महीने की होगी.

'कोई आरोप साबित नहीं कर पाई CBI'
कोर्ट ने कहा कि, 'सीबीआई एचसी गुप्ता और आरोपी कंपनी के खिलाफ कोई भी आरोप साबित करने में असफल रही. आरोप पत्र में सीबीआई ने कहा था कि, 'कंपनी ने झूठे तथ्यों के आधार पर कोल ब्लॉक हासिल किया.

'CBI के आरोप गलत'
आरोपियों की ओर से वकील रजत माथुर ने सीबीआई के आरोपों को गलत बताते हुए कहा कि, 'सीबीआई के केस झूठ पर आधारित हैं'. उन्होंने कहा कि, 'इस केस के जांच अधिकारी ने कहीं नहीं पाया कि कंपनी ने झूठे तथ्यों के आधार पर कोल ब्लॉक हासिल किया है'. एचसी गुप्ता यूपीए के शासनकाल में कोयला सचिव थे, उनके खिलाफ कोल ब्लॉक के आवंटन में गड़बड़ी के आठ मामले दर्ज किए गए हैं'.

ये है मामला
मामला यूपीए 1 के समय का है, जब छत्तीसगढ़ के ब्रह्मपुरी कोल ब्लॉक आवंटन के लिए विज्ञापन निकाला गया था. इसके लिए 43 कंपनियों ने आवेदन किया था. पुष्प कमल स्टील एंड माइनिंग प्राइवेट लिमिटेड ने 23 मई 2005 को अपने डायरेक्टर अतुल जैन के हस्ताक्षर से आवेदन दिया था.

नई दिल्ली : दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने छत्तीसगढ़ के ब्रह्मपुरी कोल ब्लॉक आवंटन मामले में पूर्व कोयला सचिव एचसी गुप्ता को सभी आरोपों से बरी कर दिया है. स्पेशल जज भरत पराशर ने इस मामले में अभियुक्त कंपनी पुष्प कमल स्टील एंड माइनिंग प्राइवेट लिमिटेड को भी बरी करने का आदेश दिया.

पूर्व कोयला सचिव एचसी गुप्ता बरी

कोर्ट ने इस फैसले के खिलाफ सीबीआई की ओर से अपील करने और हाईकोर्ट से नोटिस मिलने की स्थिति में उपस्थित होने के लिए एचसी गुप्ता को 50 हजार रुपए के मुचलके पर जमानत दी है. जमानत की ये अवधि छह महीने की होगी.

'कोई आरोप साबित नहीं कर पाई CBI'
कोर्ट ने कहा कि, 'सीबीआई एचसी गुप्ता और आरोपी कंपनी के खिलाफ कोई भी आरोप साबित करने में असफल रही. आरोप पत्र में सीबीआई ने कहा था कि, 'कंपनी ने झूठे तथ्यों के आधार पर कोल ब्लॉक हासिल किया.

'CBI के आरोप गलत'
आरोपियों की ओर से वकील रजत माथुर ने सीबीआई के आरोपों को गलत बताते हुए कहा कि, 'सीबीआई के केस झूठ पर आधारित हैं'. उन्होंने कहा कि, 'इस केस के जांच अधिकारी ने कहीं नहीं पाया कि कंपनी ने झूठे तथ्यों के आधार पर कोल ब्लॉक हासिल किया है'. एचसी गुप्ता यूपीए के शासनकाल में कोयला सचिव थे, उनके खिलाफ कोल ब्लॉक के आवंटन में गड़बड़ी के आठ मामले दर्ज किए गए हैं'.

ये है मामला
मामला यूपीए 1 के समय का है, जब छत्तीसगढ़ के ब्रह्मपुरी कोल ब्लॉक आवंटन के लिए विज्ञापन निकाला गया था. इसके लिए 43 कंपनियों ने आवेदन किया था. पुष्प कमल स्टील एंड माइनिंग प्राइवेट लिमिटेड ने 23 मई 2005 को अपने डायरेक्टर अतुल जैन के हस्ताक्षर से आवेदन दिया था.

Intro:नई दिल्ली। दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने छत्तीसगढ़ के ब्रह्मपुरी कोल ब्लॉक आवंटन मामले में पूर्व कोयला सचिव एचसी गुप्ता को सभी आरोपों से बरी कर दिया है । स्पेशल जज भरत पराशर ने इस मामले में अभियुक्त कंपनी पुष्प कमल स्टील एंड माइनिंग प्राइवेट लिमिटेड को भी बरी करने का आदेश दिया।



Body:कोर्ट ने इस फैसले के खिलाफ सीबीआई की ओर से अपील करने और हाईकोर्ट से नोटिस मिलने की स्थिति में उपस्थित होने के लिए एचसी गुप्ता को 50 हजार रुपये के मुचलके पर जमानत दी। जमानत की ये अवधि छह महीने की होगी।
मामला यूपीए 1 के समय का है जब छत्तीसगढ़ के ब्रह्मपुरी कोल ब्लॉक आवंटन के लिए विज्ञापन निकाला गया था। इसके लिए 43 कंपनियों ने आवेदन किया था। पुष्प कमल स्टील एंड माइनिंग प्राइवेट लिमिटेड ने 23 मई 2005 को अपने डायरेक्टर अतुल जैन के हस्ताक्षर से आवेदन दिया था।
कोर्ट ने कहा कि सीबीआई एचसी गुप्ता और आरोपी कंपनी के खिलाफ कोई भी आरोप साबित करने में असफल रही । आरोपपत्र में सीबीआई ने कहा था कि कंपनी ने झूठे तथ्यों के आधार पर कोल ब्लॉक हासिल किया। आरोपियों की ओर से वकील रजत माथुर ने सीबीआई के आरोपों को गलत बताते हुए कहा कि सीबीआई के केस झूठ पर आधारित हैं। उन्होंने कहा कि इस केस के जांच अधिकारी ने कहीं नहीं पाया कि कंपनी ने झूठे तथ्यों के आधार पर कोल ब्लॉक हासिल किया।



Conclusion:एचसी गुप्ता यूपीए के शासनकाल में कोयला सचिव थे। उनके खिलाफ कोल ब्लॉक के आवंटन में गड़बड़ी के आठ मामले दर्ज किए गए हैं।
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