रायपुर : विश्व बाघ दिवस के मौके पर केंद्र सरकार की ओर से जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक पूरे छत्तीसगढ़ में महज 19 बाघ ही शेष रह गए हैं, जबकि 2014 में ये आंकड़ा 46 था, बाघों की संख्या इसी तरह से घटती रही तो कहना गलत नहीं होगा कि छत्तीसगढ़ से बाघ विलुप्त हो जाएंगे.
प्रदेश में बाघों की तेजी से घट रही संख्या को लेकर वन मंत्री मोहम्मद अकबर का कहना है कि, 'अभी उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है मैं विभाग से जानकारी लेकर बाद में अवगत करवाऊंगा'.
एमपी में सबसे ज्यादा हैं बाघ
दरअसल, केंद्र सरकार ने प्रदेशों में बाघों की संख्या के आंकड़े जारी किए हैं, जिसके मुताबिक देशभर में कुल 2967 बाघ हैं. मध्यप्रदेश में सबसे ज्यादा 526 बाघ हैं, वहीं दूसरे नंबर पर कर्नाटक हैं, जहां पर 524 बाघ गिने गए हैं. इसके बाद तीसरे नंबर पर उत्तराखंड है, जहां पर 442 बाघ देखे गए हैं.
मिजोरम में भी कम हैं बाघ
वहीं बात करें छत्तीसगढ़ की तो यहां की स्थिति चिंताजनक है, जहां महज 19 बाघ की बच गए हैं. इसके अलावा मिजोरम में बाघों की संख्या काफी कम हैं वहीं ओडिशा में बाघों की संख्या की संख्या स्थिर बनी हुई है.
छत्तीसगढ़ का नहीं रहा खास योगदान
सरकार ने बाघों के संरक्षण और उनकी संख्या को बढ़ाने के लिए 2022 तक जो लक्ष्य निर्धारित किया था, उसे समय से बहुत पहले ही पूरा किया जा चुका है, लेकिन छत्तीसगढ़ इस लक्ष्य को पूरा करने में ज्यादा योगदान नहीं दे सका है.