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छत्तीसगढ़ में हैं महज 19 बाघ, ऐसा ही हाल रहा तो प्रदेश से विलुप्त हो जाएंगे टाइगर - रायपुर

छत्तीसगढ़ में बाघों की संख्या तेजी से घट रही है. 2014 में जहां प्रदेश में 46 बाघ थे वहीं 2019 में ये संख्या महज 19 रह गई है, जो चिंताजनक है.

तेजी से घट रही छत्तीसगढ़ में बाघों की संख्या
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Published : Jul 29, 2019, 8:15 PM IST

रायपुर : विश्व बाघ दिवस के मौके पर केंद्र सरकार की ओर से जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक पूरे छत्तीसगढ़ में महज 19 बाघ ही शेष रह गए हैं, जबकि 2014 में ये आंकड़ा 46 था, बाघों की संख्या इसी तरह से घटती रही तो कहना गलत नहीं होगा कि छत्तीसगढ़ से बाघ विलुप्त हो जाएंगे.

प्रदेश में बाघों की तेजी से घट रही संख्या को लेकर वन मंत्री मोहम्मद अकबर का कहना है कि, 'अभी उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है मैं विभाग से जानकारी लेकर बाद में अवगत करवाऊंगा'.

मोहम्मद अकबर, वन मंत्री, छत्तीसगढ़

एमपी में सबसे ज्यादा हैं बाघ

दरअसल, केंद्र सरकार ने प्रदेशों में बाघों की संख्या के आंकड़े जारी किए हैं, जिसके मुताबिक देशभर में कुल 2967 बाघ हैं. मध्यप्रदेश में सबसे ज्यादा 526 बाघ हैं, वहीं दूसरे नंबर पर कर्नाटक हैं, जहां पर 524 बाघ गिने गए हैं. इसके बाद तीसरे नंबर पर उत्तराखंड है, जहां पर 442 बाघ देखे गए हैं.

मिजोरम में भी कम हैं बाघ

वहीं बात करें छत्तीसगढ़ की तो यहां की स्थिति चिंताजनक है, जहां महज 19 बाघ की बच गए हैं. इसके अलावा मिजोरम में बाघों की संख्या काफी कम हैं वहीं ओडिशा में बाघों की संख्या की संख्या स्थिर बनी हुई है.

छत्तीसगढ़ का नहीं रहा खास योगदान

सरकार ने बाघों के संरक्षण और उनकी संख्या को बढ़ाने के लिए 2022 तक जो लक्ष्य निर्धारित किया था, उसे समय से बहुत पहले ही पूरा किया जा चुका है, लेकिन छत्तीसगढ़ इस लक्ष्य को पूरा करने में ज्यादा योगदान नहीं दे सका है.

रायपुर : विश्व बाघ दिवस के मौके पर केंद्र सरकार की ओर से जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक पूरे छत्तीसगढ़ में महज 19 बाघ ही शेष रह गए हैं, जबकि 2014 में ये आंकड़ा 46 था, बाघों की संख्या इसी तरह से घटती रही तो कहना गलत नहीं होगा कि छत्तीसगढ़ से बाघ विलुप्त हो जाएंगे.

प्रदेश में बाघों की तेजी से घट रही संख्या को लेकर वन मंत्री मोहम्मद अकबर का कहना है कि, 'अभी उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है मैं विभाग से जानकारी लेकर बाद में अवगत करवाऊंगा'.

मोहम्मद अकबर, वन मंत्री, छत्तीसगढ़

एमपी में सबसे ज्यादा हैं बाघ

दरअसल, केंद्र सरकार ने प्रदेशों में बाघों की संख्या के आंकड़े जारी किए हैं, जिसके मुताबिक देशभर में कुल 2967 बाघ हैं. मध्यप्रदेश में सबसे ज्यादा 526 बाघ हैं, वहीं दूसरे नंबर पर कर्नाटक हैं, जहां पर 524 बाघ गिने गए हैं. इसके बाद तीसरे नंबर पर उत्तराखंड है, जहां पर 442 बाघ देखे गए हैं.

मिजोरम में भी कम हैं बाघ

वहीं बात करें छत्तीसगढ़ की तो यहां की स्थिति चिंताजनक है, जहां महज 19 बाघ की बच गए हैं. इसके अलावा मिजोरम में बाघों की संख्या काफी कम हैं वहीं ओडिशा में बाघों की संख्या की संख्या स्थिर बनी हुई है.

छत्तीसगढ़ का नहीं रहा खास योगदान

सरकार ने बाघों के संरक्षण और उनकी संख्या को बढ़ाने के लिए 2022 तक जो लक्ष्य निर्धारित किया था, उसे समय से बहुत पहले ही पूरा किया जा चुका है, लेकिन छत्तीसगढ़ इस लक्ष्य को पूरा करने में ज्यादा योगदान नहीं दे सका है.

Intro:रायपुर । छत्तीसगढ़ में लगातार बाघों की संख्या घटती जा रही है जिसे देखते हुए यह कहना गलत नहीं होगा कि आने वाले समय में प्रदेश से बाघ विलुप्त हो जाएंगे।




Body:केंद्र सरकार की ओर से जारी किए गए आंकड़ों में बताया गया है कि वर्तमान में छत्तीसगढ़ में कुल 19 बाघ ही रह गए हैं जबकि साल 2014 में छत्तीसगढ़ में 46 बाघ पाए गए थे ।

प्रदेश में तेजी से घटा है बाघों की संख्या को लेकर जब वन मंत्री मोहम्मद अकबर से बात की गई तो उन्होंने कहा कि अभी उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है मैं विभाग से जानकारी लेकर बाद में अवगत कराएंगे
बाइट मोहम्मद अकबर वन मंत्री


Conclusion:बता दें कि केंद्र सरकार की ओर से जारी आकड़ो में बताया गया कि देशभर में कुल 2967 बाग है जिसमें मध्य प्रदेश में सबसे ज्यादा 526 भाग देखे गए हैं वहीं दूसरे नंबर पर कर्नाटक है जहां पर 524 भाग गिने गए हैं इसके बाद तीसरे स्थान पर उत्तराखंड है जहां पर 442 भाग देखे गए हैं ।

वही छत्तीसगढ़ की बात की जाए तो यहां बाघों की स्थिति चिंताजनक है यह मात्र 19 बाघ ही रह गए हैं इसके अलावा मिजोरम मैं भी बाघों की संख्या काफी कम है वही उड़ीसा में बाघों की संख्या स्थिर बनी हुई है

मिली जानकारी के अनुसार सरकार ने बाघों के संरक्षण और उनकी संख्या को बढ़ाने के लिए 2022 तक जो लक्ष्य निर्धारित किया था उसे समय से बहुत पहले ही पूरा किया जा चुका है। लेकिन छत्तीसगढ़ इस लक्ष्य को पूरा करने में ज्यादा योगदान नहीं दे सका
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