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सेहत से खिलवाड़ नहीं: अब मिठाई की हर ट्रे पर लिखा होगा एक्सपायरी डेट के साथ नाम और दाम

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Published : Oct 22, 2020, 5:41 PM IST

Updated : Oct 22, 2020, 7:05 PM IST

फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने मिठाई दुकानों के लिए कुछ मानक तय किए हैं. इसके तहत अब सभी मिठाई दुकान संचालकों को मिठाई के नाम, दाम के साथ उसकी मैन्युफैक्चरिंग और एक्सपाइरी डेट लिखनी होगी.

new rules regarding selling of sweets
मिठाई दुकान

रायपुर: भारत को त्योहारों का देश कहा जाता है. यहां हर महीने त्योहारों का सीजन रहता है. ऐसे में यहां मिठाईयों की खूब बिक्री होती है. मिठाई को लोकर कई बार मिलावट की खबरें आती रहती है. नवरात्र, दशहरा, दीपावली में मिठाई की बिक्री भी ज्यादा बढ़ जाती है. ऐसे में मिलावट की आशंका भी बढ़ जाती है. इसे लेकर अब मिलावट करने वालों पर शिकंजा कसने के लिए खाद्य विभाग ने कमर कस ली है. शासन के निर्देश पर खाद्य विभाग ने त्योहारों को लेकर मिठाई विक्रेताओं के लिए नई गाइड लाइन जारी की है.

मिठाई की हर ट्रे पर लिखी होगी एक्सपायरी डेट के साथ नाम और दाम

फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया (FSSAI) ने 1 अक्टूबर से नया नियम लागू भी कर दिया है. इसके तहत अब दुकानदारों को मिठाई के नाम और दाम के साथ-साथ उसकी मैन्युफैक्चरिंग और एक्सपाइरी डेट लिखनी होगी.

किस मिठाई की क्या है एक्सपाइरी डेट

  • गीली मिठाई जैसे रसगुल्ला, गुलाब जामुन, रसमलाई, खोवा और मावा की मिठाईयां बनने के बाद ज्यादा से ज्यादा एक से डेढ़ दिन तक ही ताजी रहती है. इसके बाद यह खराब होने लगती है.
  • सुखी मिठाई जैसे पेड़ा, लड्डू, बर्फी, काजू कतली, नारियल लड्डू यह सारी मिठाइयां बनने के बाद से 2 से 3 दिन तक ही खाई जा सकती है. इसके बाद यह खराब हो जाती है.
  • इमरती और जलेबी जैसी मिठाई बनने के तुरंत बाद ही खाई जाती है. आधे घंटे के भीतर ही यह मिठाइयां खराब होने लगती है.

नाम और दाम के साथ एक्सपाइरी डेट जरूरी

त्योहारी सीजन शुरू होने से ठीक पहले यह नया नियम ग्राहकों को राहत देने वाला है. वहीं व्यापारी इसे लेकर थोड़ी बहुत नाराजगी भी जता रहे हैं. ETV भारत ने भी मिठाई दुकानों का जायजा लिया तो पाया कि मिठाई दुकानों में मिठाई के नाम और दाम के साथ उसके एक्सपायरी डेट लिखे हुए हैं. दुकानदारों ने बताया कि उनके यहां रोजाना मिठाई बनती है और अब वे मिठाई के दाम और नाम के साथ-साथ मिठाई के एक्सपायरी डेट भी लिखते हैं.

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धीरे-धीरे बढ़ रही बिक्री

दुकानदारों ने बताया कि त्योहारी सीजन में सिर्फ रायपुर में ही 30 से 40 करोड़ रुपये की मिठाई का कारोबार होता है, लेकिन लॉकडाउन में यह कारोबार काफी प्रभावित हुआ है. जब लोगों के पास पैसे ही नहीं होंगे तो वह मिठाई लेने कैसे आएंगे. वहीं कुछ दुकानदारों ने बताया कि त्योहारी सीजन होने की वजह से अब धीरे-धीरे मिठाई का कारोबार पटरी पर लौटने लगा है. ग्राहक भी थोड़े बहुत दुकानों में दिखने लगे हैं. उम्मीद है कि त्योहारी सीजन होने की वजह से मिठाई की बिक्री थोड़ी बढ़ेगी.

ग्राहक टिकेंद्र कुमार यादव ने बताया कि एक तरीके से ये नियम ग्राहकों के लिए फायदा ही है. ग्राहकों को यह पता चलेगा कि मिठाई कब बनी है और कब इसकी एक्सपाइरी डेट है.

शहर में करीब 500 दुकानें

रायपुर शहर में कुल 500 से ज्यादा छोटी और बड़ी मिठाई की दुकानें हैं. कोरोना काल ने मिठाई के कारोबार पर असर तो जरूर डाला है लेकिन दुकानदारों को उम्मीद है कि त्योहारी सीजन में इसकी थोड़ी बहुत भरपाई हो पाएगी. दुकानदार नये नियम पर नाराजगी तो जता रहे हैं, लेकिन साथ में ये भी कह रहे हैं कि अब इससे उनकी बिक्री बी बढ़ सकती है, क्योंकि पहले लोग बाहर की चीजें खाने से थोड़ा कतराते थे, लेकिन इस नियम से लोग थोड़ा निश्चिंत होंगे और दुकान की मिठाइयों पर भरोसा जताएंगे.

रायपुर: भारत को त्योहारों का देश कहा जाता है. यहां हर महीने त्योहारों का सीजन रहता है. ऐसे में यहां मिठाईयों की खूब बिक्री होती है. मिठाई को लोकर कई बार मिलावट की खबरें आती रहती है. नवरात्र, दशहरा, दीपावली में मिठाई की बिक्री भी ज्यादा बढ़ जाती है. ऐसे में मिलावट की आशंका भी बढ़ जाती है. इसे लेकर अब मिलावट करने वालों पर शिकंजा कसने के लिए खाद्य विभाग ने कमर कस ली है. शासन के निर्देश पर खाद्य विभाग ने त्योहारों को लेकर मिठाई विक्रेताओं के लिए नई गाइड लाइन जारी की है.

मिठाई की हर ट्रे पर लिखी होगी एक्सपायरी डेट के साथ नाम और दाम

फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया (FSSAI) ने 1 अक्टूबर से नया नियम लागू भी कर दिया है. इसके तहत अब दुकानदारों को मिठाई के नाम और दाम के साथ-साथ उसकी मैन्युफैक्चरिंग और एक्सपाइरी डेट लिखनी होगी.

किस मिठाई की क्या है एक्सपाइरी डेट

  • गीली मिठाई जैसे रसगुल्ला, गुलाब जामुन, रसमलाई, खोवा और मावा की मिठाईयां बनने के बाद ज्यादा से ज्यादा एक से डेढ़ दिन तक ही ताजी रहती है. इसके बाद यह खराब होने लगती है.
  • सुखी मिठाई जैसे पेड़ा, लड्डू, बर्फी, काजू कतली, नारियल लड्डू यह सारी मिठाइयां बनने के बाद से 2 से 3 दिन तक ही खाई जा सकती है. इसके बाद यह खराब हो जाती है.
  • इमरती और जलेबी जैसी मिठाई बनने के तुरंत बाद ही खाई जाती है. आधे घंटे के भीतर ही यह मिठाइयां खराब होने लगती है.

नाम और दाम के साथ एक्सपाइरी डेट जरूरी

त्योहारी सीजन शुरू होने से ठीक पहले यह नया नियम ग्राहकों को राहत देने वाला है. वहीं व्यापारी इसे लेकर थोड़ी बहुत नाराजगी भी जता रहे हैं. ETV भारत ने भी मिठाई दुकानों का जायजा लिया तो पाया कि मिठाई दुकानों में मिठाई के नाम और दाम के साथ उसके एक्सपायरी डेट लिखे हुए हैं. दुकानदारों ने बताया कि उनके यहां रोजाना मिठाई बनती है और अब वे मिठाई के दाम और नाम के साथ-साथ मिठाई के एक्सपायरी डेट भी लिखते हैं.

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धीरे-धीरे बढ़ रही बिक्री

दुकानदारों ने बताया कि त्योहारी सीजन में सिर्फ रायपुर में ही 30 से 40 करोड़ रुपये की मिठाई का कारोबार होता है, लेकिन लॉकडाउन में यह कारोबार काफी प्रभावित हुआ है. जब लोगों के पास पैसे ही नहीं होंगे तो वह मिठाई लेने कैसे आएंगे. वहीं कुछ दुकानदारों ने बताया कि त्योहारी सीजन होने की वजह से अब धीरे-धीरे मिठाई का कारोबार पटरी पर लौटने लगा है. ग्राहक भी थोड़े बहुत दुकानों में दिखने लगे हैं. उम्मीद है कि त्योहारी सीजन होने की वजह से मिठाई की बिक्री थोड़ी बढ़ेगी.

ग्राहक टिकेंद्र कुमार यादव ने बताया कि एक तरीके से ये नियम ग्राहकों के लिए फायदा ही है. ग्राहकों को यह पता चलेगा कि मिठाई कब बनी है और कब इसकी एक्सपाइरी डेट है.

शहर में करीब 500 दुकानें

रायपुर शहर में कुल 500 से ज्यादा छोटी और बड़ी मिठाई की दुकानें हैं. कोरोना काल ने मिठाई के कारोबार पर असर तो जरूर डाला है लेकिन दुकानदारों को उम्मीद है कि त्योहारी सीजन में इसकी थोड़ी बहुत भरपाई हो पाएगी. दुकानदार नये नियम पर नाराजगी तो जता रहे हैं, लेकिन साथ में ये भी कह रहे हैं कि अब इससे उनकी बिक्री बी बढ़ सकती है, क्योंकि पहले लोग बाहर की चीजें खाने से थोड़ा कतराते थे, लेकिन इस नियम से लोग थोड़ा निश्चिंत होंगे और दुकान की मिठाइयों पर भरोसा जताएंगे.

Last Updated : Oct 22, 2020, 7:05 PM IST

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