रायपुर : दीपावली के बाद शादियों (wedding season) का सीजन शुरू हो जाता है. ऐसे में बाजार में खूब रौनक रहती है. पिछले साल कोविड की वजह से देश में ज्यादा शादियां नहीं हुई थीं. अभी शादियों का सीजन चल रहा है और 15 दिसंबर तक शादियों के मुहूर्त हैं. इसके बाद एक महीने में शादियों का मुहूर्त नहीं है. जनवरी में दोबारा शादियों का सीजन शुरू होगा. इस वजह से दिसंबर माह में 15 दिसंबर के पहले खूब शादियां हो रही हैं. इस दौरान पटाखों की भी खूब बिक्री होती है. इस बार सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन के अनुसार ही ग्रीन पटाखे (green crackers) ही दुकानों में नजर आ रहे हैं.
पहले शादियों के सीजन में खूब पटाखे खरीदे जाते थे, लेकिन अब कोविड के बाद ज्यादातर शादियां होटल और मैरिज हॉल में ही हो रही हैं. लोग शादियों के लिए वेडिंग प्लानर (Event planner organizing weddings ) को बुक कर रहे हैं, ताकि कम खर्चे में अच्छी शादी ऑर्गेनाइज हो सके. इस वजह से इस बार पटाखों की बिक्री पर भी काफी असर पड़ा है. पहले शादियों के सीजन में प्रदेश में 50 करोड़ के आसपास के पटाखे बिक जाया करते थे. पिछले साल कोविड के कारण पटाखों का मार्केट पूरा डाउन रहा. वहीं इस साल भी पटाखों का बाजार शांत नजर आ रहा है. दुकानदारों का कहना है कि इस बार ज्यादा सेल नहीं हुई है. पिछले साल के कारण इस साल शादियां तो ज्यादा हो रही हैं, लेकिन पटाखों का सेल सिर्फ 30 से 40 परसेंट ही रह गया है.
पिछले साल के मुकाबले इस साल पटाखों की डिमांड कम
पटाखा दुकानदार और ओनर विकास अग्रवाल ने बताया कि पटाखों का मार्केट पिछले साल से अच्छा जरूर है, लेकिन पहले जो मार्केट पटाखों का हुआ करता था वह अब नहीं है. इसकी बहुत सारी वजहें हैं. लोगों के पास बजट की प्रॉब्लम है. आजकल लोग इवेंट ऑर्गेनाइजर से टाइअप कर लेते हैं. इस वजह से इवेंट ऑर्गेनाइजर लोकल मार्केट की बजाय होलसेलर से ज्यादा पटाखे खरीदते हैं. इस वजह से भी मार्केट डाउन हुआ है. कोविड ने भी पटाखा मार्केट डाउन प्रभावित किया है. अभी बाजार में सारे ग्रीन पटाखे ही अवेलेबल हैं. सुप्रीम कोर्ट की जो गाइडलाइन है, उस हिसाब से ही हम पटाखे रख रहे हैं.
शादियां ही नहीं अब दिवाली में भी पटाखों का नहीं रहा सेल
आजकल शादियों में स्टेज पर जो पटाखे बजते हैं, उन्हीं पटाखों की ज्यादा डिमांड रहती है. इनमें पार्टी पॉपर्स, पेपर पॉपर्स इन पटाखों की डिमांड शादियों में काफी ज्यादा हैं. पहले दिवाली से ज्यादा शादियों के सीजन में पटाखा बिका करते थे, लेकिन अब दिवाली में भी ज्यादा पटाखों का सेल नहीं रहा है. शादियों में भी भी लोग अब कम पटाखा खरीदने आते हैं.
आसमान में जाकर फूटने वाले पटाखों की डिमांड ज्यादा
पटाखा दुकानदार केदार अग्रवाल ने बताया कि लोगों को शादियों में अब जमीन पर फूटने वाले पटाखे पसंद नहीं आते. लोगों में अब आसमान में जाकर फूटने वाले पटाखों की डिमांड ज्यादा है. पहले जो शादियां होती थीं, वह गली-मोहल्ले में ज्यादा हुआ करती थीं. इस वजह से जमीन पर फूटने वाले पटाखे की डिमांड रहती थी. लेकिन आजकल पार्टियां जो रहती हैं, वह बड़े-बड़े मैरिज हॉल में होती हैं. वहां ऊपर जाकर फूटने वाले पटाखे ज्यादा अच्छे लगते हैं, इसलिए उनकी डिमांड ज्यादा रहती है.