रायपुर: धरसींवा के तिल्दा नेवरा समीपस्थ ग्राम बिलाड़ी में वेंकेटरामा पोल्ट्री फॉर्म का प्रदूषण इस कदर फैला हुआ है की इसके प्रदूषण का दंश आसपास के 10 गांव झेल रहे है. इसके गंदे पानी के बदबू से बिलाड़ी, केसदा, ओडगन, बीनैका, खपरी, खपरिकला, रिंगनी गांव बुरी तरह प्रभावित है. ग्रामीणों ने बताया कि यह पोल्ट्री फॉर्म 150 एकड़ में फैला हुआ है. इसमे मुर्गी पालन किया जाता है, इनसे निकलने वाले गंदे खाद को स्टोर करने का कोई निर्धारित स्थान नहीं है और इसमे निकले वाली दुर्गंध से ये सभी ग्रामवासी गंदी बदबू में नरक सा जीवन जीने को मजबूर है.
निर्धारित मापदंडों का पालन किया जाए
ग्रामीणों ने बताया कि संबंधित अधिकारियों से कई बार शिकायत की गई है, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही हैं. उनका कहना है कि प्रदूषण विभाग यह दावा कर रहा है कि प्रदूषण रोकथाम के लिए सभी निर्धारित मापदंडों का पालन किया जा रहा है.
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किसानों की फसल पर भी असर
वेंकटरामा पोल्ट्री फॉर्म के गंदे पानी से खपरिकला गांव में 25 से 30 एकड़ में लगी धान की फसल पूरी तरह खराब हो गई है. इस संबंध में ग्रामीणों ने सरपंच के साथ पोल्ट्री प्रबंधन से मुआवजे की मांग की, लेकिन प्रबंधन इस बारे में कोई बात करने को तैयार नहीं हैं. तब से ग्रामीणों ने इसकी शिकायत जिला पंचायत सभापति राजू शर्मा से की और उन्होंने वहां मौजदू सभी के खेतों का मुआयाना किया, तब पाया कि किसानों की फसल पूरी तरह से खराब हो चुकी है. उन्होंने कहा कि इस पोल्ट्री फॉर्म के केमिकल युक्त पानी से फसल खराब हो रही है, वातवरण दूषित हो रहा है, इन गावों के गाय, बैल और अन्य जानवर इस केमिकल युक्त पानी को पीने से बीमार हो रहे है और मर रहे हैं.
जल्द सभी किसानों को मिले मुआवजा
पीड़ित ग्रामीणों ने मुआवजा देने की मांग की है. मुआवजा नहीं देने पर प्रबंधन के खिलाफ FIR कराया जाएगा. ग्रामीणों ने इसकी शिकायत कलेक्टर, कृषि विभाग के संचालक, पशु चिकित्सा विभाग, SDM, तहसीलदार को पत्र लिखकर तत्काल कार्रवाई करने की मांग की है और इसकी शिकायत क्षेत्रीय कार्यालय पर्यावरण संरक्षण मण्डल, रायपुर को भी की गई है. उन्होंने आगे कहा कि यदि इन प्रभावित किसानों को जल्द से जल्द मुआवजा नहीं दिया गया तो, ग्रामीणों के साथ मिलकर वेंकटरामा पॉल्ट्री फार्म के खिलाफ उग्र आंदोलन करेंगे.