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आम बजट 2020 : बजट से प्रदेश के किसानों की उम्मीदें, खेती को उन्नत बनाने के लिए फंड की मांग

बजट को लेकर किसानों ने सरकार से कई उम्मीदें लगा रखी है, इसे लेकर ETV भारत ने किसानों से चर्चा कर उनकी राय जानने की कोशिश की.

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Published : Jan 31, 2020, 6:24 PM IST

Updated : Jan 31, 2020, 9:57 PM IST

Farmer
किसान

रायपुर : 1 फरवरी को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट पेश करेंगी. इस बजट को लेकर सभी वर्गों को कई उम्मीदें हैं. प्रदेश का अन्नदाता भी बजट से आस लगाए है. ऐसे में ETV भारत ने किसान संघ के प्रमुखों से चर्चा कर बजट से किसानों के उम्मीदों को समझने की कोशिश की.

बजट से किसानों को उम्मीदें

भंडारण की उचित व्यवस्था का प्रावधान
छत्तीसगढ़ संयुक्त किसान मोर्चा के प्रांतीय प्रवक्ता जागेश्वर प्रसाद ने कहा कि अगर मोदी सरकार किसानों की हितैषी है तो उनकों इस बजट में किसानों को उनके लागत मूल्य को बढ़ाने का प्रावधान लाना चाहिए. किसानों का 30 से 40 फीसदी उपज रख रखाव और भंडारण के समय बर्बाद हो जाता है. इसे देखते हुए सरकार को इस बजट में समर्थन मूल्य के साथ भंडारण की उचित व्यवस्था के लिए प्रावधान लेकर आना चाहिए.

बीमा के नए प्रावधान
भारतीय किसान संघ के प्रदेश अध्यक्ष सुरेश चंद्रवंशी ने कहा कि फसल बीमा को लेकर सरकार को प्रावधान लेकर आना चाहिए. अब तक प्रति एकड़ 12 क्विंटल असिंचित में और प्रति हेक्टेयर 18 क्विंटल सिंचित में बीमा दिया जाता है, इससे हर किसान को बीमा का लाभ नहीं मिल पाता है. किसानों के उत्पादन को आधार मानकर प्रति एकड़ के हिसाब से बीमा किया जाना चाहिए. साथ ही कृषि उपकरणों पर GST शून्य कर देना चाहिेए.

जैविक खेती को बढ़ावा देने की मांग
किसान नेता तुलाराम ने कहा कि सरकार हर साल समर्थन मूल्य घोषित करती है, लेकिन यह सिर्फ एक या दो महीने चलता है. हमारी उम्मीद है कि अगर सरकार किसानों की फसल को 12 महीने समर्थन मूल्य पर खरीदी की व्यवस्था करे तो किसानों को बहुत राहत मिलेगा. किसान उत्पादन तो कर लेता है लेकिन उसे समर्थन मूल्य नहीं मिलने से निराश हो जाता है. साथ ही जैविक कृषि की ओर सरकार को फैसला लेना होगा, सरकार को जैविक खेती करने वाले किसानों की फसल को खरीदने की व्यवस्था कर उसे प्राथमिकता देनी चाहिए. रासायनिक खाद खरीदने के लिए सरकार सब्सिडी देती है, लेकिन जैविक खेती करने वाले किसानों को जैविक खाद खरीदने के लिए सब्सिडी दी जाए तो जैविक खेती के लिए किसान आगे आएंगे.

रायपुर : 1 फरवरी को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट पेश करेंगी. इस बजट को लेकर सभी वर्गों को कई उम्मीदें हैं. प्रदेश का अन्नदाता भी बजट से आस लगाए है. ऐसे में ETV भारत ने किसान संघ के प्रमुखों से चर्चा कर बजट से किसानों के उम्मीदों को समझने की कोशिश की.

बजट से किसानों को उम्मीदें

भंडारण की उचित व्यवस्था का प्रावधान
छत्तीसगढ़ संयुक्त किसान मोर्चा के प्रांतीय प्रवक्ता जागेश्वर प्रसाद ने कहा कि अगर मोदी सरकार किसानों की हितैषी है तो उनकों इस बजट में किसानों को उनके लागत मूल्य को बढ़ाने का प्रावधान लाना चाहिए. किसानों का 30 से 40 फीसदी उपज रख रखाव और भंडारण के समय बर्बाद हो जाता है. इसे देखते हुए सरकार को इस बजट में समर्थन मूल्य के साथ भंडारण की उचित व्यवस्था के लिए प्रावधान लेकर आना चाहिए.

बीमा के नए प्रावधान
भारतीय किसान संघ के प्रदेश अध्यक्ष सुरेश चंद्रवंशी ने कहा कि फसल बीमा को लेकर सरकार को प्रावधान लेकर आना चाहिए. अब तक प्रति एकड़ 12 क्विंटल असिंचित में और प्रति हेक्टेयर 18 क्विंटल सिंचित में बीमा दिया जाता है, इससे हर किसान को बीमा का लाभ नहीं मिल पाता है. किसानों के उत्पादन को आधार मानकर प्रति एकड़ के हिसाब से बीमा किया जाना चाहिए. साथ ही कृषि उपकरणों पर GST शून्य कर देना चाहिेए.

जैविक खेती को बढ़ावा देने की मांग
किसान नेता तुलाराम ने कहा कि सरकार हर साल समर्थन मूल्य घोषित करती है, लेकिन यह सिर्फ एक या दो महीने चलता है. हमारी उम्मीद है कि अगर सरकार किसानों की फसल को 12 महीने समर्थन मूल्य पर खरीदी की व्यवस्था करे तो किसानों को बहुत राहत मिलेगा. किसान उत्पादन तो कर लेता है लेकिन उसे समर्थन मूल्य नहीं मिलने से निराश हो जाता है. साथ ही जैविक कृषि की ओर सरकार को फैसला लेना होगा, सरकार को जैविक खेती करने वाले किसानों की फसल को खरीदने की व्यवस्था कर उसे प्राथमिकता देनी चाहिए. रासायनिक खाद खरीदने के लिए सरकार सब्सिडी देती है, लेकिन जैविक खेती करने वाले किसानों को जैविक खाद खरीदने के लिए सब्सिडी दी जाए तो जैविक खेती के लिए किसान आगे आएंगे.

Intro:1 फरवरी को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अपना बजट पेश करेंगे बजट को लेकर सभी वर्गों में उम्मीदें हैं कि सरकार सभी वर्गों को ध्यान में रखकर बजट पेश करेगी, ईटीवी भारत ने किसान संघ के प्रमुखों से बात किया और बजट को लेकर उनकी क्या उम्मीदें हैं यह जाना


Body:छत्तीसगढ़ संयुक्त किसान मोर्चा के प्रांतीय प्रवक्ता जागेश्वर प्रसाद ने कहा कि अगर मोदी सरकार किसानों की हितैषी है तो उनको इस बजट में किसानों को उनके लागत मूल्य के मुताबिक सरकार ने 2 गुना कहा है लेकिन जितनी लागत आती हो तो नहीं यदि बजट में प्रावधान ला दे तो ज्यादा अच्छा रहेगा,
यह सरकार किसानों की लागत मूल्य को बढ़ाएं, वही खून पसीने से मेहनत कर किसान पैदावार करते हैं उनकें उत्पादन कम से कम 30 प्रतिशत से 40 प्रतिशत भंडारण के अभाव में बर्बाद हो जाते हैं ,चूहे खा जाते हैं, इस बजट में समर्थन मूल्य के साथ भंडारण की उचित व्यवस्था के लिए प्रावधान लेकर आए


बाईट

जागेश्वर प्रसाद
प्रांतीय प्रवक्ता छत्तीसगढ़ संयुक्त किसान मोर्चा


Conclusion:भारतीय किसान संघ के प्रदेश अध्यक्ष सुरेश चंद्रवंशी ने कहा कि फसल बीमा का विषय है रानी इकाई ग्राम पंचायत को माना है पॉलिसी बनी है तब से उसमें सुधार नहीं हुआ है, प्रति एकड़ 12 किवंटल असिंचित में, असिंचित चित में प्रति हेक्टेयर 18 क्विंटल खास कर के धान की फसलों में बीमा का लाभ दिया जाता है, तो आम किसानों को इस बीमा का लाभ नहीं मिल पाता । किसानों का प्रति एकड़ इकाई मानकर बीमा करना चाहिए।
उन्होंने कहा कि बजट में अगर कृषि से संबंधित उपकरणों से जीएसटी हटा दी जाए तो इससे किसानों को बेहद फायदा होगा। कृषि उपकरणों में जीएसटी का प्रतिशत शून्य करना चाहिए।

सुरेश चंद्रवंशी
प्रदेश अध्यक्ष
भारतीय किसान संघ


किसान नेता



किसान नेता तुलाराम सरकार हर साल समर्थन मूल्य घोषित करते हैं लेकिन यह सिर्फ एक या दो माह चलता है। हमारी उम्मीद है कि अगर सरकार किसानों की फसल को 12 माह समर्थन मूल्य पर खरीदी की व्यवस्था करे तो किसानों को बहुत राहत मिलेगा। किसान उत्पादन तो कर लेता है लेकिन उसे समर्थन मूल्य नही मिलने से निराश हो जाता है। साथ ही जैविक कृषि की ओर सरकार को फैसल लेना होगा , अगर सरकार जैविक कृषि करने वाले किसानों की फसल को खरीदने की व्यवस्था करें और उसे प्राथमिकता दिया जाए।
रासायनिक खाद खरीदने के लिए सरकार सब्सिडी देती है लेकिन जैविक खेती करने वाले किसानों को जैविक खाद खरीदने के सब्सिडी दी जाए तो जैविक खेती के लिए किसान अग्रसर होंगे और स्वस्थ अनाज की कल्पना हम कर पायेंगे।


बाईट

तुलाराम
किसान नेता
Last Updated : Jan 31, 2020, 9:57 PM IST
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