रायपुर: कोरोना संक्रमण को लेकर देशभर में लागू किए गए लॉकडाउन की सबसे ज्यादा मार किसानों पर पड़ी है. जहां एक ओर उनके फल और सब्जियां खेतों, गोदामों और ट्रकों में खराब हो रहे हैं, तो वहीं दूसरी ओर इसका उन्हें उचित मूल्य भी नहीं मिल पा रहा है. इस मामले को लेकर जब कृषि मंत्री रविंद्र चौबे से बात की गई, तो उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार ने सबसे पहले किसानों को राहत देने की पहल की है.
रविंद्र चौबे ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार ने लॉकडाउन के दौरान उन्हें सब्जी, फल तोड़ने और बेचने की इजाजत दी, ताकि उनकी सब्जियां और फल खराब नहीं हों, साथ ही इंश्योरेंस के लगभग साढ़े 600 करोड़ भी किसानों के खातों में डालने की व्यवस्था की गई, जो किसानों के लिए बड़ी राहत है. चौबे ने कहा कि मुख्यमंत्री ने साफ कह दिया है कि इस विषम परिस्थिति में भी किसानों के हाथ खाली नहीं रहने चाहिए और जल्द ही सरकार राजीव गांधी योजना के तहत किसानों के खाते में राशि डालने की तैयारी कर रही है.
सरकारी एजेंसी खरीदे किसानों की फसल
इसके अलावा रविंद्र चौबे ने बताया कि प्रदेश में ज्यादा फल और सब्जी का उत्पादन होता है, जो देश के विभिन्न राज्यों में भेजा जाता है, लेकिन लॉकडाउन की वजह से यह फल और सब्जियां अन्य राज्यों में नहीं जा पा रही हैं, जिसकी वजह से भी किसानों को इनका उचित मूल्य नहीं मिल पा रहा है. किसानों की इस परेशानी को देखते हुए रविंद्र चौबे ने केंद्रीय कृषि मंत्री को पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने सुझाव दिया है कि लॉकडाउन के दौरान सरकारी एजेंसी के माध्यम से सरकार इन उत्पादों को उचित मूल्य पर खरीदे, ताकि किसानों को उनका उचित मेहनताना मिल सके.
किसानों की हर मदद करने का दावा
बता दें कि बातचीत के दौरान रविंद्र चौबे ने किसानों को आश्वस्त किया है कि राज्य सरकार उनकी हर परेशानी में साथ खड़ी है, उन्हें मदद पहुंचाने के लिए हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं. अब देखने वाली बात ये है कि राज्य सरकार अपने इन दावों में कितनी सफल साबित होती है.