रायपुर: किसानों को सीधा बाजार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से छत्तीसगढ़ राज्य कृषि विपणन बोर्ड (State Agricultural Marketing Board) की ओर से किसान उपभोक्ता बाजार (farmer consumer market in chhattisgarh) का निर्माण किया जा रहा है. किसानों को फसल का सही दाम और बिना किसी बिचौलिए के किसान सीधे फसल बेच सकते हैं. प्रदेश में 7 किसान उपभोक्ता बाजार बनाए जा रहे हैं. जिसमें से 4 बाजार शुरू भी हो गए हैं.
किसानों के हितों के लिए मंडी बोर्ड की स्थापना
छत्तीसगढ़ में किसानों को उनकी उपज की सही कीमत और समय पर भुगतान के उद्देश्य से छत्तीसगढ़ राज्य कृषि विपणन मंडी बोर्ड का गठन किया गया है. मंडी क्षेत्र में अधोसंरचना का विकास करना ही मंडी बोर्ड का उद्देश्य है. मंडी समितियों का पर्यवेक्षण और निरीक्षण के साथ ही मंडियों में मंडी कानून को सही तरीके से लागू कराना छत्तीसगढ़ मंडी बोर्ड (chhattiagarh mandi board) का कार्य है.
किसान उपभोक्ता बाजार का निर्माण
राज्य कृषि विपणन बोर्ड के अतिरिक्त प्रबंध संचालक महेंद्र सिंह सवन्नी ने बताया कि, किसानों को सीधा बाजार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से मंडी बोर्ड की ओर से किसान उपभोक्ता बाजार का निर्माण किया जा रहा है. किसानों को फसल का सही दाम और बिना किसी बिचौलिए के किसान सीधे फसल बेच सकते हैं. प्रदेश में 7 किसान उपभोक्ता बाजार बनाए जा रहे हैं. जिसमें से 4 बाजार शुरू भी हो गए है. यहां बिना किसी शुल्क किसानों को उपज ब्रिकी के लिए जगह, तुलाई के लिए इलेक्ट्रॉनिक वजन मशीन समेत दूसरी सुविधाएं उपलब्ध करवाई गई हैं. किसानों के अनाज का और उत्पाद का दाम घोषित होता है. दाम तय होने से किसानों को होलसेल मार्केट से 20% अधिक दाम मिलता है. वहीं उपभोक्ताओं को रिटेल मार्केट से 15 परसेंट कम दाम में यहां चीजें मिल जाती हैं.
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कई जिलों में किसान उपभोक्ता बाजार बनकर तैयार
सवन्नी ने बताया कि किसान उपभोक्ता बाजार रायपुर, धमतरी, बेमेतरा और राजनांदगांव में पूरी तरह से चालू हो चुके हैं. यहां क्रय-विक्रय भी चालू हो चुका है. इसके अलावा बरमकेला, रायगढ़ और बिलासपुर में किसान उपभोक्ता बाजार बनकर तैयार हैं. जल्द ही वहां भी बाजार लोगों के लिए शुरू हो जाएगा. भविष्य में और भी जहां-जहां आवश्यकता महसूस होगी और सरकार के जो निर्देश रहेंगे. उसके अनुसार अन्य जगहों पर भी यह बाजार का निर्माण होगा.
बीजा उत्पादन और वितरण के लिए अनुदान
महेंद्र सिंह सवन्नी ने बताया कि बीज उत्पादक कृषकों को उनके उत्पादन और वितरण का अनुदान दिया जाता है. शासन की स्कीम थी कि उनको अतिरिक्त उत्पादन और वितरण अधिकार दिए जाए, जिससे किसान अधिक से अधिक उत्साहित हो रहे हैं. अधिक से अधिक बीज का उत्पादन हो और किसान अच्छे बीज अपने खेतों के लिए ले जाएं. इसके लिए शासन ने 200 रुपए अतिरिक्त उत्पादन अनुदान और 100 रुपए वितरण अनुदान दे रही है. इसके लिए मंडी बोर्ड ने 99 करोड़ की राशि में बीज विकास निगम को इस कार्य के लिए दिए हैं.
कांकेर और कोंडागांव में मक्का प्रोसेसिंग यूनिट की स्थापना
महेंद्र सिंह सवन्नी कहते हैं कि किसानों के फसल का सही उत्पादन और सही दाम दिलाने के लिए प्रदेश में फूड प्रोसेसिंग यूनिट की स्थापना की जा रही है. कांकेर में मक्का प्रसंस्करण उद्योग लगाने की योजना चल रही है. वहीं कोंडागांव में 20 करोड़ 50 लाख रुपए की लागत से मक्का प्रोसेसिंग यूनिट का काम तेजी से चल रहा है. इसके निर्माण के बाद कोंडागांव जिले में किसानों को मक्का का सही दाम मिल सकेगा. वहीं किसान ज्यादा से ज्यादा मक्का उत्पादन के लिए प्रोत्साहित होंगे.
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टैक्स के बावजूद किसानों को नहीं मिल रही सुविधाएं: बजाज
अपेक्स बैंक के पूर्व अध्यक्ष और बीजेपी नेता अशोक बजाज कहते हैं कि, कृषि उपज मंडी में तो केवल किसानों से टैक्स लिया जा रहा है. किसानों को जो सुविधाएं मिलनी चाहिए वह पर्याप्त नहीं मिल पाती है. न वहां पर्याप्त शेड है. न कृषक विश्राम गृह है. न ही मूलभूत सुविधाएं हैं. यह लोग केवल मंडी टैक्स लेने का ही काम कर रहे हैं. जो मंडी टैक्स मंडी बोर्ड में जाने लगा है. मंडी बोर्ड इस राशि पर एकाधिकार अपने पास रखा है. मनचाहे तरीके से इस राशि का उपयोग करते हैं. अशोक बजाज ने बताया कि केंद्र सरकार ने ने जो नया कृषि कानून लाया है. नए कानून में यह प्रावधान है कि किसानों को अपनी उपज कहीं भी बेचने का अधिकार है. अपने जिले के बाहर प्रदेश के बाहर उसके पास अच्छा दाम मिलेगा. जिससे कृषक अच्छा संपर्क कर पाएंगे उसके पास हम अपनी उपज को बेच सकते हैं. किसानों को लाभकारी मूल्य के लिए अच्छे बाजार ढूंढने का अवसर नए कानून के अंतर्गत दिया गया है. इससे मंडी टैक्स बचेगा. लोगों का मंडी टैक्स का प्रावधान केंद्र के नए कानून में खत्म किया गया है.
धान खरीदी केंद्रों का किया जाएगा विकास: कृषि मंत्री
प्रदेश के कृषि मंत्री रविंद्र चौबे कहते हैं कि छत्तीसगढ़ में करीब 750 नई प्राइमरी सोसायटियों का गठन किया गया है. जहां धान खरीदी को लेकर किसानों को चबूतरा, शेड बनाने का फैसला लिया है. उन्होंने बताया कि धान के भीगने, खराब होने से रोकने के लिए वहां शेड, पक्का गोदाम का निर्माण किया जाएगा. इसे लेकर 126 करोड़ की योजनाओं का प्रस्ताव बनाया गया है.
उपभोक्ता बाजार शुरू होने से बिचौलिए होंगे खत्म
किसान विवेक तिवारी कहते हैं कि जब वे अपनी फसल लेकर मंडी जाते हैं, तो वहां बिचौलियों के हाथों बेचने में मजबूर होते हैं. इससे उन्हें काफी नुकसान होता है. बिचौलियों का जो कमीशन है. वह देना होता है. यदि उपभोक्ता बाजार सभी जगह चालू हो जाते हैं तो इसका फायदा किसानों और आम उपभोक्ता दोनों को मिलेगा. इस तरह का बाजार अभी तक शुरू ना हो पाना कई तरह की नाकामी को भी दिखाता है. सरकार को जल्द से जल्द सभी जिलों में किसान बाजार शुरू करना चाहिए.
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गौशालाओं के लिए अनुदान दे रहा मंडी बोर्ड
मंडी बोर्ड के अधिकारियों के मुताबिक कृषकों के कल्याण की गतिविधियों के अंतर्गत कई संस्थाओं को लगातार सहयोग किया जाता है. छत्तीसगढ़ राज्य मंडी बोर्ड के अतिरिक्त प्रबंध संचालक महेंद्र सिंह सावन्नी बताते हैं कि गौ सेवा आयोग को वृद्ध पशुओं की देखभाल और गौशालाओं के संरक्षण के लिए 2006 से लेकर अब तक 134 करोड़ पर अनुदान दिया जा चुका है. इसके अलावा बीज और कृषि विकास निगम को 2014 से अब तक बीज उत्पादन और वितरण के अनुदान के अलावा अतिरिक्त राशि 99 करोड़ की राशि मंडी बोर्ड से दी गई है.
शंक्कर कारखानों में विनिवेश
पंडरिया और कवर्धा शक्कर कारखानों में पूंजी की कमी न हो इसके लिए 23 करोड़ रुपए का विनिवेश मंडी बोर्ड ने किया है. शासन के निर्देश पर यथासंभव जो भी फंड मंडियों को मंडी शुल्क के प्राप्त होता है उसका अधिकतम उपयोग किसानों के हित में करने के लिए प्रतिबद्ध हैं.
छत्तीसगढ़ में मंडी विपणन एक नजर में
- छत्तीसगढ़ राज्य मंडी बोर्ड की स्थापना दिसंबर 2000 में हुई है प्रदेश में 69 मंडियां और 111 उपमंडिया हैं.
- छत्तीसगढ़ की मंडियों में मुख्य रूप से धान, मक्का, गेहूं, चना, सोयाबीन महुआ और इमली की आवक होती है
- इसके अलावा मुख्य रूप से टमाटर, भिंडी, गोभी, हरी मिर्च, बैंगन, केला, आम, अमरूद और पपीता का व्यापार होता है.
मंडी बोर्ड विभिन्न संस्थाओं को दी अनुदान राशि
- शक्कर कारखाना पंडरिया में 15 करोड़ और शक्कर कारखाना कवर्धा में 8 करोड़ की राशि मंडी बोर्ड से से दी गई.
- मक्का प्रसंस्करण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से कोंडागांव में दंतेश्वरी मक्का उत्पादन यूनिट को 20 करोड़ राशि दी गई.
- प्रदेश की मंडियों और उपमंडियों में 1 लाख 48 हजार मीट्रिक टन क्षमता के 114 वेयर हाउस का निर्माण 63 करोड़ 50 लाख की राशि से करवाया जा रहा है.
- प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों में चबूतरे और शेड
- 200 मीट्रिक टन क्षमता के गोदाम आदि के लिए 126 करोड़ रुपए के कार्य भी स्वीकृत.
- किसानों को सीधा बाजार देने के उद्देश्य से 7 किसान उपभोक्ता बनाए जा रहे हैं.
- रायपुर, धमतरी, बेमेतरा और राजनांदगांव पूरी तरह से शुरू किए जा चुके हैं.
- बरमकेला, रायगढ़ और बिलासपुर में जल्द ही किसान उपभोक्ता बाजार शुरू किया जा रहा है.
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एक नजर में छत्तीसगढ़ में धान खरीदी के आंकड़ों पर
विपणन वर्ष | धान की खरीदी |
2015- 2016 | 59 लाख मीट्रिक टन |
2016- 2017 | 69 लाख मीट्रिक टन |
2017- 2018 | 56 लाख मीट्रिक टन |
2018-2019 | 80 लाख मीट्रिक टन |
2019- 2020 | 83 लाख मीट्रिक टन |
2020-2021 | 92 लाख मीट्रिक टन |