जबलपुर। नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन मामले में सिटी अस्पताल संचालक सरबजीत सिंह मोखा और उसके बेटे हरकरण सिंह मोखा की पुलिस रिमांड खत्म होने के बाद जेल भेज दिया गया है. सरबजीत सिंह मोखा के घर पर मिली इंजेक्शन की टूटी हुई शीशियों के नमूने लेकर जांच की जा रही है. वहीं अब मध्य प्रदेश, गुजरात के बाद अब छत्तीसगढ़ से भी नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन के तार जुड़ रहे हैं.
जानकारी के मुताबिक, गुजरात स्थित आदिनाथ डिस्पोजल कंपनी के पास रायपुर के एक दवा व्यापारी ने 6 लाख 80 हजार रुपये देकर इंजेक्शन बुक करवाए थे, लेकिन उसे आदिनाथ कंपनी ने इंजेक्शन नहीं दिए, जिसके बाद दवा व्यापारी ने रायपुर के माना कैंप थाने में शिकायत दर्ज करवाई थी.
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आदिनाथ डिस्पोजल कंपनी ने ही जबलपुर में की थी इंजेक्शन की सप्लाई
सूरत शहर में संचालित आदिनाथ डिस्पोजल कंपनी वहीं फर्म है, जिसने की जबलपुर सिटी अस्पताल में 500 से ज्यादा इंजेक्शन की सप्लाई की थी. बाद में इसी प्रकरण में अस्पताल संचालक सहित तमाम आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया. सरबजीत सिंह मोखा ने पुलिस को अपने बयान में यह बताया था कि नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन को लेकर उसे पहले से जानकारी नहीं थी.
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सरबजीत सिंह मोखा के मोबाइल से खुलेंगे राज
नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन की गुत्थी सुलझाने में सरबजीत सिंह मोखा का मोबाइल अहम कड़ी है. माना जा रहा है कि मोखा के मोबाइल में कई सफेदपोश लोगों के नाम होने का अनुमान है, जो कि उसके साथ इस कृत्य में शामिल रहे हैं, हालांकि पुलिस का कहना है कि मोखा के मोबाइल के डाटा को रिकवर कर सबूत इकट्ठे कर लिए गए हैं.