रायपुर: स्वास्थ्य संचनालय के डिप्टी डायरेक्टर डॉ. श्रीकांत राजिमवाले के मुताबिक राज्य में इस तरह की सुविधा जल्द ही कुछ महीने में शुरू हो सकती है. प्रदेश के डॉक्टर्स और मेडिकल स्टाफ को इसका प्रशिक्षण देने के लिए मुंबई से एक्सपर्ट की टीम रायपुर पहुंचने वाली है. मेडिकल कॉलेज में 22 से 26 मार्च तक सेमिनार आयोजित किया जाएगा. इस सेमिनार में डॉक्टर, मेडिकल स्टाफ को प्रशिक्षण देंगे.
ट्रेनिंग में यह बताया जाएगा कि मृत व्यक्ति के शरीर से कैसे अंग निकालना है? कैसे उसे सुरक्षित रखना है? किस तरह से उसे ट्रांसप्लांट किया जाएगा?
कौन-कौन से अंग किए जा सकते हैं ट्रांसप्लांट
किडनी, हार्ट, लीवर, लॉन्ग पैंक्रियाज, कॉर्निया और छोटी आंत का प्रत्यारोपण किया जा सकता है. ऊतकों में हृदय के वाल्व, हड्डियों और त्वचा का दान किया जा सकता है. अंगों के दान के लिए व्यक्ति को डॉक्टरों द्वारा 'ब्रेन डेड' घोषित होना चाहिए.
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अंगदान की प्रक्रिया
इस प्रक्रिया को एक निश्चित समय के भीतर पूरा करना होता है. किसी व्यक्ति को राज्य सरकार की कमेटी ही ब्रेन डेड घोषित करती है. उसमें डॉक्टर्स की टीम शामिल होती है. ब्रेन डेड की पुष्टि होने के बाद घरवालों की इच्छा से उसके अंगों को दान दिया जाता है. इससे पहले सभी कानूनी प्रक्रिया पूरी की जाती है. किसी भी अंग को डोनर के शरीर से निकालने के बाद 6 से 12 घंटे के अंदर ट्रांसप्लांट कर देना चाहिए.
अंगदान ना बने कारोबार, बनाए गए विशेष नियम
जिन राज्यों में अंगदान की व्यवस्था की गई है, वहां कई बार ऐसे मामले सामने आए हैं कि डॉक्टर पैसे की लालच में गलत तरीके से अंगदान करते हैं. अंगदान की आड़ में व्यवसायिक कारोबार ना हो, लिहाजा कई नियम भी बनाए गए हैं.