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स्मार्ट सिटी ने करोड़ों खर्च कर संवारे थे 7 तालाब, बर्बाद होने के बाद अब फिर करोड़ों का नया प्लान !

राजधानी रायपुर में इन दिनों स्मार्ट सिटी की ओर से तालाबों के सौंदर्यीकरण का काम जोरों पर है. 17 करोड़ 49 लाख रुपये की लागत का प्लान कर स्मार्ट सिटी 29 तालाबों का सौंदर्यीकरण कर रही है. इनमें से कुछ तालाबों के तीन साल पहले ही 21 करोड़ की लागत से पाथवे और चौपाटी बने थे, जो अब खस्ताहाल हैं. इससे स्मार्ट सिटी के कामों पर सवाल उठने शुरू हो गए हैं.

Raipur Smart City
रायपुर स्मार्ट सिटी
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Published : Aug 12, 2021, 10:09 PM IST

Updated : Aug 14, 2021, 10:19 AM IST

रायपुर: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में इन दिनों तालाबों के सौंदर्यीकरण का काम जोरों से चल रहा है. तालाबों की साफ-सफाई के साथ ही पाथवे और चौपाटी पर भी तेजी से काम चल रहा है. इसके लिए स्मार्ट सिटी 17 करोड़ 49 लाख रुपये का प्लान तैयार कर 29 तालाबों का सौंदर्यीकरण कर रही है. ETV भारत की टीम ने जब तालाबों के सौंदर्यीकरण को लेकर पड़ताल की, तो कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं.

रायपुर स्मार्ट सिटी

स्मार्ट सिटी जिन तालाबों का 17 करोड़ 49 लाख रुपये की लागत से सौंदर्यीकरण कर रही है, उनमें कुछ ऐसे भी तालाब शामिल हैं जिन पर तीन साल पहले 21 करोड़ रुपये खर्च कर पाथवे और चौपाटी बनाई गई थी. चौपाटी खुली नहीं, जबकि तालाबों का सौंदर्यीकरण भी खस्ताहाल हो गया है. बाकी तालाबों के साथ इन तालाबों पर भी दोबारा काम शुरू है. ऐसे में स्मार्ट सिटी के काम पर सवाल उठने शुरू हो गए हैं.

ठेके की शर्तों में पेच फंसने से मेंटेनेंस अटका

तीन साल पहले स्मार्ट सिटी ने 21 करोड़ रुपये की लागत से 7 तालाबों का सौंदर्यीकरण किया था. इन तालाबों के ठेके की शर्तों में पेच फंसने के कारण सौंदर्यीकरण के बाद तालाबों का मेंटेनेंस नहीं हुआ. इससे 3 साल में ही जितना कुछ बना था, वह सब टूट-फूट गया. स्मार्ट सिटी ने उस दौरान जिन एजेंसियों के जरिये तालाब का काम करवाया था, उनके साथ मेंटेनेंस और संचालन के लिए केवल 6 माह का ही अनुबंध था. काम पूरा करने के 6 माह बाद तक कंपनी टूट-फूट का मेंटेनेंस करती रही. जैसे ही अनुबंध का समय गुजरा, निर्माण एजेंसी रफू-चक्कर हो गई. फिर से किसी ने देखरेख ही नहीं की.

तेलीबांधा तालाब का तीन साल में तीसरा प्लान

ETV भारत की पड़ताल में सामने आया कि स्मार्ट सिटी ने तेलीबांधा में शहर का पहला सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट स्थापित किया था. उस समय 4.86 करोड रुपए खर्च हुए थे. इसी पैसों से ट्रीटमेंट प्लांट के साथ-साथ लोगों के बैठने के लिए बेंच और गार्डन को संवारा गया था. उसी प्लान में जैविक फार्मूले से पानी साफ करने के साथ तालाब को रिक्रिएशन पॉइंट के तौर पर स्मार्ट सिटी ने डेवलप किया. वहीं नगर निगम ने करीब 1 साल पहले नाइट चौपाटी का नया रूप देने के लिए दो करोड़ का एक नया प्लान लॉन्च कर दिया. वह काम अभी पूरा हुआ नहीं और स्मार्ट सिटी ने यहां चार करोड़ का स्मार्ट ड्रेन प्लान शुरू कर दिया है.

पैसों का हो रहा दुरुपयोग, दिखना भी चाहिए काम

शहरवासियों ने पैसों के दुरुपयोग का आरोप स्मार्ट सिटी पर लगाया है. शहर के जयप्रकाश देवांगन ने कहा कि हमारी सिटी के लिए केंद्र से करोड़ों रुपए मिल रहे हैं, लेकिन प्रशासन स्मार्ट सिटी के नाम पर सिर्फ पैसों का दुरुपयोग कर रहा है. तीन साल पहले जिन तालाबों का करोड़ों की लागत से सौंदर्यीकरण किया गया, उसी तालाब का फिर से सौंदर्यीकरण कैसे किया जा सकता है. वहीं प्रदीप साहू ने बताया कि 3 साल पहले स्मार्ट सिटी ने करोड़ों की लागत से तालाबों का सौंदर्यीकरण किया था, फिर से करोड़ों की लागत से उन्हीं तालाबों का सौंदर्यीकरण किया जा रहा है. लगता है कि सरकार की ओर से कोई गोलमाल किया जा रहा है. इसके अलावा स्मार्ट सिटी द्वारा किए गए कार्य भी दिखाई नहीं दे रहे हैं.

3 साल से नहीं हुआ लोकार्पण, नवनिर्मित बस स्टैंड में असामाजिक तत्वों का जमावड़ा

29 तालाबों का 17 करोड़ 49 लाख रुपये की लागत से किया जा रहा सौंदर्यीकरण

स्मार्ट सिटी के जनसंपर्क अधिकारी आशीष मिश्रा ने बताया कि राजधानी रायपुर तालाबों के शहर के रूप में जाना जाता है. शुरू से ही संवर्द्धन और संरक्षण की दिशा में स्मार्ट सिटी नगर निगम के साथ मिलकर काम कर रही है. इस समय हम करीब 29 तालाबों का 17 करोड़ 49 लाख की लागत से सौंदर्यीकरण का काम कर रहे हैं. जो तालाब लोगों से दूर जा रहे थे, उन तालाबों को सौंदर्यीकरण के साथ ही आकर्षक रूप दिया जा रहा है. सौंदर्यीकरण के साथ ही पाथवे, लाइटिंग एवं पौधरोपण समेत कई तरह के काम होने हैं. नए प्लान में उन तालाबों को शामिल नहीं किया गया है, जिन तालाबों के सौंदर्यीकरण की फिर से बात हो रही है. उन तालाबों का काम पूरा हो चुका है. वहीं 5 साल तक संधारण का काम भी संबंधित एजेंसी कर रही है.

तीन साल पहले इन तालाबों पर हुए करोड़ों खर्च

  • तेलीबांधा तालाब- 4.86 करोड़ रुपये.
  • बंधवा तालाब - 5.7 करोड़ रुपये.
  • नरैया तालाब - 2.73 करोड़ रुपये.
  • कटोरा तालाब - 3.25 करोड़ रुपये.
  • कारी तालाब - 4.46 करोड़ रुपये.

नए प्लान पर इन तालाबों पर हो रहा काम

  • रायपुर पूर्व के 7 तालाबों में छठवा, पुरैना, दुर्गा मंदिर, शीतला लालपुर, बंधवा(कचना), गोंड़वारा, सोनडोंगरी, शीतला(मोवा), बंधवा (घाट निर्माण), मोवा तालाब, शीतला (वार्ड 9), गंगानगर, मोतीबन्ध तालाब पर 7.38 करोड़ रुपये का खर्च.
  • रायपुर पश्चिम के 3 तालाबों में जरवाय, झगरीन और हांडी तालाब शामिल. यहां आएगी 3.27 करोड़ की लागत.
  • रायपुर उत्तर के 6 तालाबों में बढ़ा शीतला, पैठू, साहूपारा, पंडरी, कुष्ठ बस्ती और राजा तालाब पर हो रहा काम. 2.63 करोड़ रुपये की है कुल लागत.
  • रायपुर दक्षिण के 7 तालाबों में डबरी बंधवा, मलसाय, महादेव, चिरौंजी, सरयूबांधा, पहाड़ी, छुईया शामिल. यहां 4.21 करोड़ की लागत से चल रहा काम.
  • डबरी तालाब एसटीपी - 1.70 करोड़.

रायपुर: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में इन दिनों तालाबों के सौंदर्यीकरण का काम जोरों से चल रहा है. तालाबों की साफ-सफाई के साथ ही पाथवे और चौपाटी पर भी तेजी से काम चल रहा है. इसके लिए स्मार्ट सिटी 17 करोड़ 49 लाख रुपये का प्लान तैयार कर 29 तालाबों का सौंदर्यीकरण कर रही है. ETV भारत की टीम ने जब तालाबों के सौंदर्यीकरण को लेकर पड़ताल की, तो कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं.

रायपुर स्मार्ट सिटी

स्मार्ट सिटी जिन तालाबों का 17 करोड़ 49 लाख रुपये की लागत से सौंदर्यीकरण कर रही है, उनमें कुछ ऐसे भी तालाब शामिल हैं जिन पर तीन साल पहले 21 करोड़ रुपये खर्च कर पाथवे और चौपाटी बनाई गई थी. चौपाटी खुली नहीं, जबकि तालाबों का सौंदर्यीकरण भी खस्ताहाल हो गया है. बाकी तालाबों के साथ इन तालाबों पर भी दोबारा काम शुरू है. ऐसे में स्मार्ट सिटी के काम पर सवाल उठने शुरू हो गए हैं.

ठेके की शर्तों में पेच फंसने से मेंटेनेंस अटका

तीन साल पहले स्मार्ट सिटी ने 21 करोड़ रुपये की लागत से 7 तालाबों का सौंदर्यीकरण किया था. इन तालाबों के ठेके की शर्तों में पेच फंसने के कारण सौंदर्यीकरण के बाद तालाबों का मेंटेनेंस नहीं हुआ. इससे 3 साल में ही जितना कुछ बना था, वह सब टूट-फूट गया. स्मार्ट सिटी ने उस दौरान जिन एजेंसियों के जरिये तालाब का काम करवाया था, उनके साथ मेंटेनेंस और संचालन के लिए केवल 6 माह का ही अनुबंध था. काम पूरा करने के 6 माह बाद तक कंपनी टूट-फूट का मेंटेनेंस करती रही. जैसे ही अनुबंध का समय गुजरा, निर्माण एजेंसी रफू-चक्कर हो गई. फिर से किसी ने देखरेख ही नहीं की.

तेलीबांधा तालाब का तीन साल में तीसरा प्लान

ETV भारत की पड़ताल में सामने आया कि स्मार्ट सिटी ने तेलीबांधा में शहर का पहला सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट स्थापित किया था. उस समय 4.86 करोड रुपए खर्च हुए थे. इसी पैसों से ट्रीटमेंट प्लांट के साथ-साथ लोगों के बैठने के लिए बेंच और गार्डन को संवारा गया था. उसी प्लान में जैविक फार्मूले से पानी साफ करने के साथ तालाब को रिक्रिएशन पॉइंट के तौर पर स्मार्ट सिटी ने डेवलप किया. वहीं नगर निगम ने करीब 1 साल पहले नाइट चौपाटी का नया रूप देने के लिए दो करोड़ का एक नया प्लान लॉन्च कर दिया. वह काम अभी पूरा हुआ नहीं और स्मार्ट सिटी ने यहां चार करोड़ का स्मार्ट ड्रेन प्लान शुरू कर दिया है.

पैसों का हो रहा दुरुपयोग, दिखना भी चाहिए काम

शहरवासियों ने पैसों के दुरुपयोग का आरोप स्मार्ट सिटी पर लगाया है. शहर के जयप्रकाश देवांगन ने कहा कि हमारी सिटी के लिए केंद्र से करोड़ों रुपए मिल रहे हैं, लेकिन प्रशासन स्मार्ट सिटी के नाम पर सिर्फ पैसों का दुरुपयोग कर रहा है. तीन साल पहले जिन तालाबों का करोड़ों की लागत से सौंदर्यीकरण किया गया, उसी तालाब का फिर से सौंदर्यीकरण कैसे किया जा सकता है. वहीं प्रदीप साहू ने बताया कि 3 साल पहले स्मार्ट सिटी ने करोड़ों की लागत से तालाबों का सौंदर्यीकरण किया था, फिर से करोड़ों की लागत से उन्हीं तालाबों का सौंदर्यीकरण किया जा रहा है. लगता है कि सरकार की ओर से कोई गोलमाल किया जा रहा है. इसके अलावा स्मार्ट सिटी द्वारा किए गए कार्य भी दिखाई नहीं दे रहे हैं.

3 साल से नहीं हुआ लोकार्पण, नवनिर्मित बस स्टैंड में असामाजिक तत्वों का जमावड़ा

29 तालाबों का 17 करोड़ 49 लाख रुपये की लागत से किया जा रहा सौंदर्यीकरण

स्मार्ट सिटी के जनसंपर्क अधिकारी आशीष मिश्रा ने बताया कि राजधानी रायपुर तालाबों के शहर के रूप में जाना जाता है. शुरू से ही संवर्द्धन और संरक्षण की दिशा में स्मार्ट सिटी नगर निगम के साथ मिलकर काम कर रही है. इस समय हम करीब 29 तालाबों का 17 करोड़ 49 लाख की लागत से सौंदर्यीकरण का काम कर रहे हैं. जो तालाब लोगों से दूर जा रहे थे, उन तालाबों को सौंदर्यीकरण के साथ ही आकर्षक रूप दिया जा रहा है. सौंदर्यीकरण के साथ ही पाथवे, लाइटिंग एवं पौधरोपण समेत कई तरह के काम होने हैं. नए प्लान में उन तालाबों को शामिल नहीं किया गया है, जिन तालाबों के सौंदर्यीकरण की फिर से बात हो रही है. उन तालाबों का काम पूरा हो चुका है. वहीं 5 साल तक संधारण का काम भी संबंधित एजेंसी कर रही है.

तीन साल पहले इन तालाबों पर हुए करोड़ों खर्च

  • तेलीबांधा तालाब- 4.86 करोड़ रुपये.
  • बंधवा तालाब - 5.7 करोड़ रुपये.
  • नरैया तालाब - 2.73 करोड़ रुपये.
  • कटोरा तालाब - 3.25 करोड़ रुपये.
  • कारी तालाब - 4.46 करोड़ रुपये.

नए प्लान पर इन तालाबों पर हो रहा काम

  • रायपुर पूर्व के 7 तालाबों में छठवा, पुरैना, दुर्गा मंदिर, शीतला लालपुर, बंधवा(कचना), गोंड़वारा, सोनडोंगरी, शीतला(मोवा), बंधवा (घाट निर्माण), मोवा तालाब, शीतला (वार्ड 9), गंगानगर, मोतीबन्ध तालाब पर 7.38 करोड़ रुपये का खर्च.
  • रायपुर पश्चिम के 3 तालाबों में जरवाय, झगरीन और हांडी तालाब शामिल. यहां आएगी 3.27 करोड़ की लागत.
  • रायपुर उत्तर के 6 तालाबों में बढ़ा शीतला, पैठू, साहूपारा, पंडरी, कुष्ठ बस्ती और राजा तालाब पर हो रहा काम. 2.63 करोड़ रुपये की है कुल लागत.
  • रायपुर दक्षिण के 7 तालाबों में डबरी बंधवा, मलसाय, महादेव, चिरौंजी, सरयूबांधा, पहाड़ी, छुईया शामिल. यहां 4.21 करोड़ की लागत से चल रहा काम.
  • डबरी तालाब एसटीपी - 1.70 करोड़.
Last Updated : Aug 14, 2021, 10:19 AM IST
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