रायपुर: रायपुर केंद्रीय जेल (Raipur Central Jail) में कैदियों की शिक्षा के लिए पाठशाला चलाई जा रही है. दावा है कि यह देश का सबसे पहला जेल है, जहां संस्कृत की नियमित क्लास की शुरूआत हुई है. इतना ही नहीं यहां पहली कक्षा से लेकर पीजी तक की कक्षाएं भी संचालित होती है. वर्तमान में पहली से लेकर पीजी तक 693 बंदी शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं. जबकि संस्कृत में 6 वीं कक्षा से 12 वीं कक्षा में 101 कैदी पढ़ रहे हैं. संस्कृत की पढ़ाई करने वाले बंदियों को हर साल एक से दो हजार रुपये प्रोत्साहन राशि भी दी जा रही है.
ईटीवी भारत की टीम ने रायपुर केंद्रीय जेल के शिक्षा प्रभारी नेतराम नाकतोड़े से खास बातचीत (Exclusive interview with Netram Naktode education incharge of Raipur Central Jail) की.आइए जानते हैं जेल की पाठशाला को लेकर वो क्या कहते हैं.
सवाल: संस्कृत की पढ़ाई कब से शुरू की गई है?
जवाब: संस्कृत विद्या मंडल छत्तीसगढ़ राज्य की ओर से साल 2010 में संस्कृत की पाठशाला शुरू की गई है. कक्षा 6वीं से लेकर कक्षा 12 वीं उत्तर मध्यमा द्वितीय वर्ष की कक्षाएं संचालित होती है.
सवाल: यहां शिक्षा की शुरूआत कैसे हुई? किस तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ा?
जवाब: चूंकि हमारे तत्कालीन जेल अधीक्षक और जेल डीआईजी डॉ. के.के गुप्ता जी के विशेष पहल से पाठ्यक्रम की शुरुआत हुई है. हालांकि शुरुआती दौर में काफी कम बंदी अध्ययनरत थे. बाकी बंदियों को धीरे- धीरे संस्कृत की मान्यता के बारे में जानकारी होती गई. उन्होंने देखा कि आखिर कैसे उनको इस पाठ्यक्रम के माध्यम से आत्मज्ञान की प्राप्ति होती है और किस प्रकार देश विदेश में संस्कृत का वर्चस्व है. इसके बाद बंदियों ने सोचा कि हम भी बढ़चढ़ कर भाग लें. यह सब बंदियों ने सोचा. उसके बाद संस्कृत की पढ़ाई करने वालों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है.
सवाल: देश का यह पहला जेल है, जहां संस्कृत की पाठशाला की शुरुआत हुई?
जवाब: देखिए जेल में संस्कृत की नियमित पाठशाला छठवीं से 12वीं कक्षा तक है. इसे संस्कृत बोर्ड से मान्यता मिली है. देश की यह पहली जेल है, जहां संस्कृत की नियमित पाठशाला लगती है. संस्कृत की नियमित कक्षाएं सबसे पहले रायपुर सेंट्रल जेल में ही शुरू हुई है.
सवाल: मानवाधिकार आयोग ने रायपुर जेल की शिक्षा व्यवस्था की सराहना की है..क्या ये सच है?
जवाब: राष्ट्रीय मानवाधिकार दिल्ली की टीम अवलोकन करने के लिए रायपुर सेंट्रल जेल आई हुई थी, उन्होंने जहां की शिक्षा व्यवस्था पर गहन अध्ययन किया, उसके बाद देखा कि जिस तरह रायपुर सेंट्रल जेल की शिक्षा है. पूरे देश के लिए अनुकरणीय है. उन्होंने अपने वेबसाइट में भी लिखा कि रायपुर जेल की शिक्षा प्रणाली को देश के सभी जेलों में लागू किया जाए. इसके लिए उन्होंने सभी राज्यों के मुख्य सचिव को पत्र लिखा, जिसे उन्होंने अपनी वेबसाइट में भी अपलोड किया था. इसे अध्ययन के लिए प्रेरणास्रोत माना है, जो हमारे राज्य ही नहीं बल्कि पूरे देश के लिए गौरवान्वित विषय है.
सवाल: संस्कृत की कक्षाओं के अलावा क्या अन्य कक्षाएं भी संचालित होती है?
जवाब: रायपुर सेंट्रल जेल में पहली कक्षा से लेकर पीजी तक के पाठ्यक्रम संचालित होते हैं. निरक्षर कैदियों को शुरुआत में पहली कक्षा की पढ़ाई कराई जाती है. इसके बाद धीरे-धीरे उन्हें आगे की कक्षाओं में प्रवेश दिया जाता है.
सवाल: संस्कृत और पीजी की पढ़ाई करने वाले कितने कैदी हैं?
जवाब: उच्च शिक्षा में पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय से 125 बंदी शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं. वहीं इग्नू से करीब 100 और संस्कृत की बात करें तो 100 से अधिक बंदी अध्ययनरत हैं.
सवाल: यहां से पढ़ाई करने वाले किसी कैदी को नौकरी में मिली है?
जवाब: यदि कोई बंदी दो साल से अधिक समय तक जेल में बंद रहता है तो उसे सरकारी नौकरी नहीं मिल पाती. लेकिन कुछ बंदी न्यायालय से बाइज्जत रिहा हो जाते हैं, तो उनके लिए यहां की शिक्षा कारगर साबित हो जाती है. मेरी जानकारी के हिसाब से दो ऐसे बंदी हैं जिन्हें बेहतर रोजगार मिला है. इसमें से एक भुनेश्वर यादव हैं, जो रिहाई के बाद शिक्षक बने हैं. दूसरा भिलाई का रहने वाला रविन्द्र चौहान है, जो जिंदल कंपनी में नौकरी कर रहे हैं.
सवाल: जेल में इन दोनों की शिक्षा कैसे हुई?
जवाब: भिलाई के रहने वाले रविंद्र चौबे गणित में एमएससी किए हैं. ये गणित विषय से पढ़ाई करने वाले पहले कैदी रहे हैं. भुनेश्वर यादव ने यहां से पीजी का कोर्स किया है.
कक्षावार जानकारी:
कक्षा/बोर्ड /यूनिवर्सिटी | पढ़ने वाले कैदियों की संख्या |
पहली | 8 |
दूसरी | 9 |
तीसरी | 9 |
चौथी | 7 |
पांचवीं | 12 |
छठवीं | 4 |
सातवीं | 5 |
आठवीं | 8 |
संस्कृत शिक्षा प्रथमा भाग(।) | 28 |
संस्कृत शिक्षा प्रथम भाग(।।) | 17 |
संस्कृत शिक्षा प्रथमा भाग (।।।) | 15 |
पूर्व मध्यमा प्रथम वर्ष (कक्षा 9 वीं) | 11 |
पूर्व मध्यमा द्वितीय वर्ष (कक्षा 10 वीं) | 10 |
उत्तर मध्यमा प्रथम वर्ष (कक्षा 11 वीं) | 16 |
पूर्व मध्यमा द्वितीय वर्ष (कक्षा 12 वीं) | 4 |
छत्तीसगढ़ राज्य ओपन स्कूल अंतर्गत हाई स्कूल सर्टिफिकेट परीक्षा (10+2) | 94 |
छत्तीसगढ़ राज्य ओपन स्कूल अंतर्गत हायर सेकंडरी स्कूल सर्टिफिकेट परीक्षा (10+2) | 31 |
साक्षर भारत मिशन | 130 |
रविवि अंतर्गत बीए भाग(।) | 35 |
बीए भाग (।।) | 32 |
बीए भाग (।।।) | 14 |
बी कॉम (।।।) | 1 |
एम ए पूर्व | 33 |
एम ए अंतिम | 7 |
एम कॉम अंतिम | 1 |
इग्नू बीडीपी भाग (।) | 38 |
इग्नू बीडीपी भाग (।।) | 65 |
इग्नू बीडीपी भाग (।।।) | 49 |