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EXCLUSIVE: कॉलेज की मैडम से लेकर राज्यपाल तक का सफर, अनुसुइया की कहानी, उन्हीं की जुबानी - जनजातीय इलाके

ईटीवी भारत ने खास बातचीत के दौरान छत्तीसगढ़ की नवनियुक्त राज्यपाल अनुसुइया उइके ने बताया कि किस तरह से आदिवासी इलाकों में जीवनस्तर को सुधारा जा सकता है.

अनुसुइया उइके
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Published : Jul 20, 2019, 10:23 PM IST

Updated : Jul 20, 2019, 11:36 PM IST

रायपुर/भोपाल: राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग की उपाध्यक्ष अनुसुइया उइके को छत्तीसगढ़ का राज्यपाल नियुक्त किया गया है. 29 जुलाई को वे पद और गोपनियता की शपथ ग्रहण करेंगी. ETV भारत ने अनुसुइया से खास बातचीत की.

अनुसुइया उइके से खास बातचीत

ETV भारत से बातचीत में उन्होंने कहा कि 'उन्हें राज्यपाल बना दिया गया है, वह उनके लिए सपने से कम नहीं है. अनुसुइया ने कहा कि, 'उन्हें लग ही नहीं रहा है कि वे राज्यपाल बनी हैं. छत्तीसगढ़ की नवनियुक्त राज्यपाल ने कहा कि 'अभी भी आदिवासियों और जनजाति क्षेत्रों में काफी काम करने की जरूरत हैं, क्योंकि जनजाति वर्ग के लोगों को अपने अधिकारों का पता ही नहीं है.

आदिवासियों को नहीं है अधिकारों की जानकारी
उन्होंने कहा कि 'जब मैं अनुसूचित जनजाति आयोग की उपाध्यक्ष बनी थी, तो कई प्रदेशों का भी दौरा किया और उस दौरान पता चला कि लोगों को इस आयोग के बारे में पता ही नहीं है और ना ही अपने अधिकारों की जानकारी रखते हैं'.

नक्सल समस्या निपटने का करूंगी प्रयास
छत्तीसगढ़ की सबसे बड़ी समस्या नक्सल पर नवनियुक्त राज्यपाल ने कहा कि, 'वे इस बारे में गहन अध्ययन कर छत्तीसगढ़ की सरकार के साथ मिलकर इस समस्या से निपटने के लिए पुरजोर प्रयास करेंगी'.

रायपुर/भोपाल: राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग की उपाध्यक्ष अनुसुइया उइके को छत्तीसगढ़ का राज्यपाल नियुक्त किया गया है. 29 जुलाई को वे पद और गोपनियता की शपथ ग्रहण करेंगी. ETV भारत ने अनुसुइया से खास बातचीत की.

अनुसुइया उइके से खास बातचीत

ETV भारत से बातचीत में उन्होंने कहा कि 'उन्हें राज्यपाल बना दिया गया है, वह उनके लिए सपने से कम नहीं है. अनुसुइया ने कहा कि, 'उन्हें लग ही नहीं रहा है कि वे राज्यपाल बनी हैं. छत्तीसगढ़ की नवनियुक्त राज्यपाल ने कहा कि 'अभी भी आदिवासियों और जनजाति क्षेत्रों में काफी काम करने की जरूरत हैं, क्योंकि जनजाति वर्ग के लोगों को अपने अधिकारों का पता ही नहीं है.

आदिवासियों को नहीं है अधिकारों की जानकारी
उन्होंने कहा कि 'जब मैं अनुसूचित जनजाति आयोग की उपाध्यक्ष बनी थी, तो कई प्रदेशों का भी दौरा किया और उस दौरान पता चला कि लोगों को इस आयोग के बारे में पता ही नहीं है और ना ही अपने अधिकारों की जानकारी रखते हैं'.

नक्सल समस्या निपटने का करूंगी प्रयास
छत्तीसगढ़ की सबसे बड़ी समस्या नक्सल पर नवनियुक्त राज्यपाल ने कहा कि, 'वे इस बारे में गहन अध्ययन कर छत्तीसगढ़ की सरकार के साथ मिलकर इस समस्या से निपटने के लिए पुरजोर प्रयास करेंगी'.

Intro:राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग की उपाध्यक्ष अनुसुइया उइके को छत्तीसगढ़ का राज्यपाल नियुक्त किया गया है 29 जुलाई को वे शपथ ग्रहण करेंगे उसके पहले अपने गृह नगर छिंदवाड़ा पहुंची जहां उन्होंने ईटीवी भारत से की खास बातचीत।


Body: अनुसुइया उइके ने ने कहा कि उन्हें राज्यपाल बना दिया गया है वह उनके लिए सपने से कम नहीं है उन्हें लग ही नहीं रहा है कि वे राज्यपाल बनी है। अभी भी आदिवासियों और जनजाति क्षेत्रों में काफी काम करने की जरूरत है क्योंकि जनजाति वर्ग के लोगों को अपने अधिकारों का पता ही नहीं है जब मैं अनुसूचित जनजाति आयोग की उपाध्यक्ष बनी थी तो कई प्रदेशों का भी दौरा किया उस दौरान पता चला कि लोगों को इस आयोग के बारे में पता ही नहीं है और ना ही अपने अधिकारों की।


Conclusion:छत्तीसगढ़ की सबसे बड़ी समस्या नक्सल पर नवनियुक्त राज्यपाल ने कहा कि वे इस बारे में गहन अध्ययन कर छत्तीसगढ़ की सरकार के साथ मिलकर इस समस्या से निपटने के पुरजोर प्रयास करेंगी।
Last Updated : Jul 20, 2019, 11:36 PM IST
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