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CAA और NRC के विरोध में सड़कों पर उतर सकते हैं आदिवासी: कवासी लखमा

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Published : Mar 7, 2020, 5:37 PM IST

CAA और NRC के सवाल पर आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने कहा कि CAA और NRC के विरोध में जल्द ही छत्तीसगढ़ के आदिवासी भी सड़क पर उतर कर विरोध प्रदर्शन कर सकते हैं.

Excise Minister's statement against CAA and NRC
CAA और NRC के संबंध में आबकारी मंत्री का बयान

रायपुर: आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने कहा कि CAA और NRC के विरोध में जल्द ही छत्तीसगढ़ के आदिवासी भी सड़क पर उतर सकते हैं.

CAA और NRC के संबंध में आबकारी मंत्री का बयान

दरअसल आबकारी मंत्री कवासी लखमा से मीडियाकर्मियों ने सवाल किया कि आपकी पार्टी कहती है कि CAA और NRC लागू होने से सबसे ज्यादा असर प्रदेश के आदिवासियों पर पड़ेगा बावजूद इसके आदिवासी समाज की ओर से इसका अब तक विरोध क्यों नहीं किया गया. जिसके जवाब में मंत्री कवासी लखमा ने कहा कि आदिवासी सीधे-साधे होते हैं और वे RSS की तरह विरोध नहीं करते हैं. आदिवासी समाज को CAA और NRC मामले पर प्रधानमंत्री के निर्णय का इंतजार है. अगर प्रधानमंत्री की ओर से इसे वापस नहीं लिया गया तो आदिवासी समाज इसके विरोध में सड़क पर उतर आएगा.

बता दें कि पूरे देश सहित प्रदेश में CAA और NRC का एक ओर जहां भाजपा समर्थन कर रही हैं. वहीं दूसरी ओर कांग्रेस सहित कई अन्य राजनीतिक दल सड़कों पर उतर कर इसका पुरजोर विरोध कर रहे हैं.

'जल्द हो सकता CAA और NRC का विरोध'

कांग्रेस की माने तो छत्तीसगढ़ में काफी संख्या में आदिवासी निवासरत हैं, जिनके पास भारत की नागरिकता के पहचान के लिए कोई भी बरसों पुराने दस्तावेज नहीं है. जबकि वे कई पीढ़ियों से जंगलों में निवास करते आ रहे हैं. ऐसे में अगर CAA और NRC लागू होता है तो छत्तीसगढ़ के इन आदिवासियों की नागरिकता खतरे में पड़ सकती है.

रायपुर: आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने कहा कि CAA और NRC के विरोध में जल्द ही छत्तीसगढ़ के आदिवासी भी सड़क पर उतर सकते हैं.

CAA और NRC के संबंध में आबकारी मंत्री का बयान

दरअसल आबकारी मंत्री कवासी लखमा से मीडियाकर्मियों ने सवाल किया कि आपकी पार्टी कहती है कि CAA और NRC लागू होने से सबसे ज्यादा असर प्रदेश के आदिवासियों पर पड़ेगा बावजूद इसके आदिवासी समाज की ओर से इसका अब तक विरोध क्यों नहीं किया गया. जिसके जवाब में मंत्री कवासी लखमा ने कहा कि आदिवासी सीधे-साधे होते हैं और वे RSS की तरह विरोध नहीं करते हैं. आदिवासी समाज को CAA और NRC मामले पर प्रधानमंत्री के निर्णय का इंतजार है. अगर प्रधानमंत्री की ओर से इसे वापस नहीं लिया गया तो आदिवासी समाज इसके विरोध में सड़क पर उतर आएगा.

बता दें कि पूरे देश सहित प्रदेश में CAA और NRC का एक ओर जहां भाजपा समर्थन कर रही हैं. वहीं दूसरी ओर कांग्रेस सहित कई अन्य राजनीतिक दल सड़कों पर उतर कर इसका पुरजोर विरोध कर रहे हैं.

'जल्द हो सकता CAA और NRC का विरोध'

कांग्रेस की माने तो छत्तीसगढ़ में काफी संख्या में आदिवासी निवासरत हैं, जिनके पास भारत की नागरिकता के पहचान के लिए कोई भी बरसों पुराने दस्तावेज नहीं है. जबकि वे कई पीढ़ियों से जंगलों में निवास करते आ रहे हैं. ऐसे में अगर CAA और NRC लागू होता है तो छत्तीसगढ़ के इन आदिवासियों की नागरिकता खतरे में पड़ सकती है.

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