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वर्क फ्रॉम होम: कितना आसान, कितना मुश्किल

कोरोना संक्रमण के बढ़ते खतरे के बीच वर्क फ्रॉम होम (Work From Home) का समय लगातार हर कंपनी बढ़ा रही है. इस कारण कर्मचारी तनाव का सामना कर रहे हैं. लोगों का कहना है कि इससे वे बाहर की दुनिया से कट रहे हैं. शरीर का एक्सरसाइज नहीं हो रहा.

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वर्क फ्रॉम होम का सफर कितना आसान
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Published : Sep 28, 2020, 6:10 PM IST

Updated : Sep 28, 2020, 7:39 PM IST

रायपुर: पूरा विश्व इन दिनों कोरोना से लड़ाई लड़ रहा है, ऐसे में कई बड़ी कंपनियों ने अपने स्टाफ को सालभर के लिए वर्क फ्रॉम होम (Work From Home) दे दिया है, तो कई कंपनियों ने कुछ महीनों के लिए. वर्क फ्रॉम होम से जहां एक ओर लोगों को सुविधाएं नजर आ रही हैं तो वहीं दूसरी ओर इस में दिक्कत भी हो रही है. कंपनी के लिए काम करने वाले कर्मचारियों को मानसिक तनाव जैसी समस्याएं सामने आ रही है.

वर्क फ्रॉम होम कितना मुश्किल

राजधानी रायपुर की रहने वाली गायत्री सिंह ने बताया कि वर्क फ्रॉम होम करने के कारण वे दिनभर घर पर रहते हैं. वहीं लगातार बढ़ते कोरोना संक्रमण के कारण फ्रॉम होम का समय और भी बढ़ता जा रहा है. लगातार एक ही रूम में रहकर काम करने से मानसिक तनाव के साथ प्राकृतिक हवा, धूप से पूरी तरह कट जा रहे है. इससे दिनचर्या में चिड़चिड़ापन आ जाता है. Work From Home ज्यादा चैलेंजिंग है. उन्होंने ये भी बताया कि शरीर की एक्सरसाइज बिल्कुल खत्म हो जाती है. ऑफिस जाने से थोड़ा बहुत चलकर एक्सरसाइज हो जाती थी, लेकिन वर्क फ्रॉम होम के कारण बिल्कुल बंद है.

पढ़ें : दोस्ती से कम होगा द्वन्द्व: लापरवाही और हक की लड़ाई में एक-दूसरे की जान लेते मानव और हाथी

फील्ड का काम भी घर से
राजधानी के रहने वाले फिनेश्वर वर्मा ने बताया कि उनका काम फील्ड का था, जो कि ज्यादा से ज्यादा लोगों से मिलने पर निर्धारित था. जितना ज्यादा से ज्यादा लोगों से मिलते तभी उनका टारगेट पूरा होता था. Work From Home में वह केवल मोबाइल के माध्यम से लोगों के कांटेक्ट में आते हैं. मोबाइल से लोगों को कन्वेंस करना मुश्किल है. ऑफिस के लोगों को काम करने के बावजूद ऐसा लगता है कि वर्कफ्रॉम होम होने पर लोग घर में बैठे हैं. वहीं स्वास्थ संबंधित दिक्कतों का भी उन्हें सामना करना पड़ रहा है.

पढ़ें : गरियाबंद: एक और हाथी की करंट लगने से मौत, वन विभाग बेफिक्र

ओवर ईटिंग की भी समस्या
डॉक्टर राकेश गुप्ता ने बताया कि वर्क फ्रॉम होम एक तरह से अच्छा है, लेकिन दूसरा इसका नजरिया ये है कि अब लोग घर में रह रहकर मानसिक तनाव का सामना कर रहे हैं. लोग घर में रहते हैं तो एक्सरसाइज नहीं कर पाते हैं, न ही कहीं बाहर जा पाते हैं. उनके खाने की क्षमता भी बढ़ जाती है, ऐसे में वह ओवर ईटिंग की भी समस्या भी होती है जिसका असर उनके दिनचर्या पर भी पड़ता है.

एक-दूसरे के साथ खुश रहना चाहिए

साइकेटरिस्ट जीसी आजवानी ने बताया कि वर्क फ्रॉम होम को सकारात्मक तौर पर देखना चाहिए. हमें इस वक्त परिवार के साथ ज्यादा से ज्यादा वक्त बिताने का मौका मिल रहा है और हमें एक-दूसरे के साथ खुश रहना चाहिए.

रायपुर: पूरा विश्व इन दिनों कोरोना से लड़ाई लड़ रहा है, ऐसे में कई बड़ी कंपनियों ने अपने स्टाफ को सालभर के लिए वर्क फ्रॉम होम (Work From Home) दे दिया है, तो कई कंपनियों ने कुछ महीनों के लिए. वर्क फ्रॉम होम से जहां एक ओर लोगों को सुविधाएं नजर आ रही हैं तो वहीं दूसरी ओर इस में दिक्कत भी हो रही है. कंपनी के लिए काम करने वाले कर्मचारियों को मानसिक तनाव जैसी समस्याएं सामने आ रही है.

वर्क फ्रॉम होम कितना मुश्किल

राजधानी रायपुर की रहने वाली गायत्री सिंह ने बताया कि वर्क फ्रॉम होम करने के कारण वे दिनभर घर पर रहते हैं. वहीं लगातार बढ़ते कोरोना संक्रमण के कारण फ्रॉम होम का समय और भी बढ़ता जा रहा है. लगातार एक ही रूम में रहकर काम करने से मानसिक तनाव के साथ प्राकृतिक हवा, धूप से पूरी तरह कट जा रहे है. इससे दिनचर्या में चिड़चिड़ापन आ जाता है. Work From Home ज्यादा चैलेंजिंग है. उन्होंने ये भी बताया कि शरीर की एक्सरसाइज बिल्कुल खत्म हो जाती है. ऑफिस जाने से थोड़ा बहुत चलकर एक्सरसाइज हो जाती थी, लेकिन वर्क फ्रॉम होम के कारण बिल्कुल बंद है.

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फील्ड का काम भी घर से
राजधानी के रहने वाले फिनेश्वर वर्मा ने बताया कि उनका काम फील्ड का था, जो कि ज्यादा से ज्यादा लोगों से मिलने पर निर्धारित था. जितना ज्यादा से ज्यादा लोगों से मिलते तभी उनका टारगेट पूरा होता था. Work From Home में वह केवल मोबाइल के माध्यम से लोगों के कांटेक्ट में आते हैं. मोबाइल से लोगों को कन्वेंस करना मुश्किल है. ऑफिस के लोगों को काम करने के बावजूद ऐसा लगता है कि वर्कफ्रॉम होम होने पर लोग घर में बैठे हैं. वहीं स्वास्थ संबंधित दिक्कतों का भी उन्हें सामना करना पड़ रहा है.

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ओवर ईटिंग की भी समस्या
डॉक्टर राकेश गुप्ता ने बताया कि वर्क फ्रॉम होम एक तरह से अच्छा है, लेकिन दूसरा इसका नजरिया ये है कि अब लोग घर में रह रहकर मानसिक तनाव का सामना कर रहे हैं. लोग घर में रहते हैं तो एक्सरसाइज नहीं कर पाते हैं, न ही कहीं बाहर जा पाते हैं. उनके खाने की क्षमता भी बढ़ जाती है, ऐसे में वह ओवर ईटिंग की भी समस्या भी होती है जिसका असर उनके दिनचर्या पर भी पड़ता है.

एक-दूसरे के साथ खुश रहना चाहिए

साइकेटरिस्ट जीसी आजवानी ने बताया कि वर्क फ्रॉम होम को सकारात्मक तौर पर देखना चाहिए. हमें इस वक्त परिवार के साथ ज्यादा से ज्यादा वक्त बिताने का मौका मिल रहा है और हमें एक-दूसरे के साथ खुश रहना चाहिए.

Last Updated : Sep 28, 2020, 7:39 PM IST
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