रायपुरः कोरोना वायरस (COVID -19) से जंग में छत्तीसगढ़ की स्थिति सबसे सुखद है. यहां 36 में से 25 मरीज स्वस्थ होकर घर लौट चुके हैं. शनिवार देर शाम कोरबा कटघोरा के 73 साल के बुजुर्ग रायपुर एम्स से डिस्चार्ज हुए हैं. उनकी दो रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद उन्हे डिस्चार्ज कर दिया गया. बताया जा रहा वह 16 साल के लड़के के संपर्क में आने वाले पहले शख्स है.
बुजुर्ग से जब एम्स के इलाज के बारे में पूछा गया तो वह डॉक्टर और स्टाफ की तारीफ करते हुए भावुक हो गए. उन्होंने डॉक्टरों की मेहनत से मिले इस जीवन के लिए उन्हें धन्यवाद कहा. साथ ही उन तमाम लोगों को संदेश दिया है जो डॉक्टरों और पुलिस पर हमला कर रहे हैं.
AIIMS रायपुर से SAARC देशों ने मांगी है सहायता
जिस तेजी से यहां मरीज रिकवर हो रहे हैं उतनी तेजी से देश के किसी अस्पताल में मरीज स्वस्थ नहीं हुए हैं. रायपुर एम्स की सफलता के पीछे यहां के मेडिकल स्टाफ के दिन रात की मेहनत है. जिसे देखते हुए सार्क देशों के डॉक्टरों ने भारतीय चिकित्सकों के प्रयासों की सराहना की और AIIMS रायपुर से नेतृत्व और सहयोग का अनुरोध किया.
एम्स में कोरोना से निपटने के लिए इंतजाम
एम्स रायपुर में इस महामारी से निपटने के लिए खास इंतजाम किए गए हैं. मरीजों को दिक्कत न हो इसे देखते हुए सिर्फ कोरोना वार्ड के लिए 50 वेंटिलेटर की व्यवस्था की गई है. कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज के लिए आयुष की पूरी बिल्डिंग को कोविड-19 अस्पताल के रूप में डेवलप किया गया है.
पढ़ेंः-EXCLUSIVE: जानिए कोरोना से निपटने के लिए रायपुर एम्स में कैसी है व्यवस्था
वैश्विक रिपोर्ट के मुताबिक यह दावा किया जा रहा है कि यह वायरस बुजुर्गों के लिए ज्यादा घातक हो सकता है और रिकवरी चांस बहुत कम होता है. बुजुर्गों को बचाना मुश्किल होता है, लेकिन एम्स रायपुर के डॉक्टरों के सेवा भाव ने यह चमत्कार कर दिखाया है और असंभव को संभव कर दिखाया.