रायपुर: छत्तीसगढ़ में स्कूलों में बच्चों को मिड डे मील में अंडा देने को लेकर हुए हंगामे के बीच अब तक राजधानी रायपुर के स्कूलों में बच्चों को अंडा नहीं दिया जा रहा है. कुछ समाजिक संगठनों के विरोध के बाद स्कूल प्रबंधन ने हाथ खड़े कर दिए हैं. जिले में एक भी स्कूल ऐसा नहीं है जहां मिड डे मील में अंडा दिया जा रहा हो.
बताया जा रहा है कि शैक्षणिक सत्र में हुए सर्वे में छात्राओं को दिए जाने वाले मिड डे मील में प्रोटीन की कमी पाई गई थी. इसके बाद छात्रों को मिड डे मील में ऐसी सामग्री देने का फैसला किया गया, जिसमें प्रोटीन की प्रचूर मात्रा हो. इसके लिए सोया दूध, सोया बड़ी के साथ अंडा देने का विकल्प तलाशा गया.
इसी सत्र से इनमें से किसी एक सामग्री का वितरण किया जाना था, जिनमें से अधिकतर स्कूलों ने विकल्प के रूप में सोया बड़ी को चुना है. इनका वितरण भी प्रारंभ हो चुका है.
अंडे पर विवाद के बाद शाला विकास समिति तय नहीं कर पा रही थी कि मिड डे मील में अंडा वितरण किया जाए या नहीं, तब समिति के 75 प्रतिशत स्कूल में समिति सदस्य अंडा वितरण के पक्ष में नहीं थे. वहीं 25 प्रतिशत स्कूल के सदस्यों का मानना है कि अंडे के वितरण से छात्रों की विकास में मदद मिलेगी. वहीं सभी स्कूलों के मत को संबंधित अधिकारी को सौंप दिया गया है.
मामले में जिला शिक्षा अधिकारी का कहना है कि अंडा वितरण किसी भी स्कूल में नहीं किया जा रहा है यह केवल सुझाव है दिया गया है.