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मध्याह्न भोजन में स्कूल में परोसा जा रहा है सोया दूध और सोयाबड़ी

रायपुर में नये शिक्षा सत्र से सोया दूध सोया बड़ी या अंडे में से किसी एक खाद्य पदार्थ का वितरण किया जाना था, जिनमें से अधिकतर स्कूलों ने विकल्प के रूप में सोया बड़ी को चुना है.

मध्यान भोजन में स्कूल में परोसा जा रहा है सोया, दूध और सोयाबीन बड़ी
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Published : Sep 23, 2019, 3:15 PM IST

Updated : Sep 23, 2019, 3:26 PM IST

रायपुर: छत्तीसगढ़ में स्कूलों में बच्चों को मिड डे मील में अंडा देने को लेकर हुए हंगामे के बीच अब तक राजधानी रायपुर के स्कूलों में बच्चों को अंडा नहीं दिया जा रहा है. कुछ समाजिक संगठनों के विरोध के बाद स्कूल प्रबंधन ने हाथ खड़े कर दिए हैं. जिले में एक भी स्कूल ऐसा नहीं है जहां मिड डे मील में अंडा दिया जा रहा हो.

मध्याह्न भोजन में स्कूल में परोसा जा रहा है सोया दूध और सोयाबड़ी

बताया जा रहा है कि शैक्षणिक सत्र में हुए सर्वे में छात्राओं को दिए जाने वाले मिड डे मील में प्रोटीन की कमी पाई गई थी. इसके बाद छात्रों को मिड डे मील में ऐसी सामग्री देने का फैसला किया गया, जिसमें प्रोटीन की प्रचूर मात्रा हो. इसके लिए सोया दूध, सोया बड़ी के साथ अंडा देने का विकल्प तलाशा गया.

इसी सत्र से इनमें से किसी एक सामग्री का वितरण किया जाना था, जिनमें से अधिकतर स्कूलों ने विकल्प के रूप में सोया बड़ी को चुना है. इनका वितरण भी प्रारंभ हो चुका है.

अंडे पर विवाद के बाद शाला विकास समिति तय नहीं कर पा रही थी कि मिड डे मील में अंडा वितरण किया जाए या नहीं, तब समिति के 75 प्रतिशत स्कूल में समिति सदस्य अंडा वितरण के पक्ष में नहीं थे. वहीं 25 प्रतिशत स्कूल के सदस्यों का मानना है कि अंडे के वितरण से छात्रों की विकास में मदद मिलेगी. वहीं सभी स्कूलों के मत को संबंधित अधिकारी को सौंप दिया गया है.

मामले में जिला शिक्षा अधिकारी का कहना है कि अंडा वितरण किसी भी स्कूल में नहीं किया जा रहा है यह केवल सुझाव है दिया गया है.

रायपुर: छत्तीसगढ़ में स्कूलों में बच्चों को मिड डे मील में अंडा देने को लेकर हुए हंगामे के बीच अब तक राजधानी रायपुर के स्कूलों में बच्चों को अंडा नहीं दिया जा रहा है. कुछ समाजिक संगठनों के विरोध के बाद स्कूल प्रबंधन ने हाथ खड़े कर दिए हैं. जिले में एक भी स्कूल ऐसा नहीं है जहां मिड डे मील में अंडा दिया जा रहा हो.

मध्याह्न भोजन में स्कूल में परोसा जा रहा है सोया दूध और सोयाबड़ी

बताया जा रहा है कि शैक्षणिक सत्र में हुए सर्वे में छात्राओं को दिए जाने वाले मिड डे मील में प्रोटीन की कमी पाई गई थी. इसके बाद छात्रों को मिड डे मील में ऐसी सामग्री देने का फैसला किया गया, जिसमें प्रोटीन की प्रचूर मात्रा हो. इसके लिए सोया दूध, सोया बड़ी के साथ अंडा देने का विकल्प तलाशा गया.

इसी सत्र से इनमें से किसी एक सामग्री का वितरण किया जाना था, जिनमें से अधिकतर स्कूलों ने विकल्प के रूप में सोया बड़ी को चुना है. इनका वितरण भी प्रारंभ हो चुका है.

अंडे पर विवाद के बाद शाला विकास समिति तय नहीं कर पा रही थी कि मिड डे मील में अंडा वितरण किया जाए या नहीं, तब समिति के 75 प्रतिशत स्कूल में समिति सदस्य अंडा वितरण के पक्ष में नहीं थे. वहीं 25 प्रतिशत स्कूल के सदस्यों का मानना है कि अंडे के वितरण से छात्रों की विकास में मदद मिलेगी. वहीं सभी स्कूलों के मत को संबंधित अधिकारी को सौंप दिया गया है.

मामले में जिला शिक्षा अधिकारी का कहना है कि अंडा वितरण किसी भी स्कूल में नहीं किया जा रहा है यह केवल सुझाव है दिया गया है.

Intro:Body:रायपुर । अंडे को लेकर मची बवाल के बीच रायपुर में अब तक अंडा वितरण प्रारंभ नहीं हो पाया है अधिकतर स्कूलों ने इसे लेकर हो रहे विवाद के बाद अपने हाथ खड़े कर दिए है सभी स्कूलों ने अंडे के स्थान पर स वैकल्पिक वैकल्पिक चुन रहे हैं जिले में एक भी स्कूल ऐसा नहीं है जहां मध्यान भोजन में अंडा परोसा जा रहा हो ,, आपको बता दें कि फिर से शैक्षणिक सत्र में हुए सर्वे में छात्राओं को दिए जाने वाले मध्यान भोजन में प्रोटीन की कमी पाई गई थी प्रदेश के लगभग सभी जिलो में प्रोटीन की कमी देखी गई थी इसके बाद छात्रों को मध्यान भोजन में ऐसी सामग्री देने का फैसला किया गया जिसमें प्रोटीन की भरभाई हो सके इसके लिए सोया दूध सोयाबीन बड़ी कर अंडे का विकल्प दिया गया इस सत्र में से इनमें से किसी एक सामग्री का वितरण किया जाना था जिनमे से अधिकतर स्कूलों ने विकल्प के रूप में सोया बड़ी को चुना है इनका वितरण भी प्रारंभ हो चुका है आपको बता दें कि अंडे के विवाद के बाद फैसला लिया गया की शाला विकास समिति को यह तय करनी दिया जाए कि व मध्यान भोजन में अंडे का वितरण किया जाए अथवा नहीं,, जिसकी बाद समिति की 75 प्रतिशत स्कूल में समिति सदस्य अंडा वितरण के पक्ष नहीं हैवही 25 प्रतिशत स्कूल के सदस्यों का मानना है कि अंडे के वितरण से छात्रों की विकास में मदद मिलेगी सभी स्कूलों के मत लेकर संबंधित अधिकारी को सौप दिया गया हैं,, वही जिला शिक्षा अधिकारी का कहना है कि ,, अंडा वितरण किसी भी स्कूल में नही किया जा रहा है यह केवल सुझाव है आदेश नही है ,,

बाईट ,,जी आर चंद्राकर , जिला शिक्षा अधिकारी ,,Conclusion:
Last Updated : Sep 23, 2019, 3:26 PM IST
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