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हॉस्टल में नाबालिग बनी मां, नवजात को फेंकने की कोशिश, अस्पताल में चल रहा इलाज - GOVERNMENT GIRLS HOSTEL

कोरबा के एक हॉस्टल में नाबालिग ने नवजात को जन्म दिया है. फिलहाल दोनों का इलाज जारी है.

Minor girl becomes mother
सरकारी गर्ल्स हॉस्टल में नाबालिग बनीं मां (ETV BHARAT CHHATTISGARH)
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : 24 hours ago

Updated : 23 hours ago

कोरबा : हॉस्टल में रहकर 11वीं कक्षा में पढ़ने वाली 17 साल की नाबालिग ने नवजात को जन्म दिया है. हॉस्टल में प्रसव के बाद इस मामले को दबाने के लिए नवजात को कचरे में फेंकने की भी सूचना है. लेकिन बात फैलने पर नवजात और नाबालिग को इलाज के लिए भर्ती कराया गया. जहां नवजात की नाजुक हालत को देखते हुए इसे मेडिकल कॉलेज अस्पताल रेफर किया गया है. इस मामले के सामने आने के बाद प्रशासन में हड़कंप मच गया है. जिला शिक्षा अधिकारी मौके पर पहुंचे हैं. जबकि एसडीएम ने कलेक्टर के निर्देश पर जांच की बात कही है.


क्या है मामला ? : अब तक की जानकारी के अनुसार रात दो से ढाई के बीच 11वीं कक्षा की एक छात्रा ने नवजात को हॉस्टल में ही जन्म दिया. इस मामले को दबाने के लिए पहले तो नवजात शिशु को फेंकने का प्रयास किया गया लेकिन सुबह सरकारी एंबुलेंस के जरिए नाबालिग और नवजात को अस्पताल पहुंचाया गया. मेडिकल स्टाफ की मानें तो अस्पताल में लाने तक नवजात की तबीयत काफी बिगड़ चुकी थी.

नवजात को फेंकने की कोशिश, अस्पताल में चल रहा इलाज (ETV BHARAT CHHATTISGARH)

शिक्षा विभाग मामले की कर रहा जांच : स्वास्थ्य विभाग की ओर से मिली जानकारी के अनुसार जिस वक्त नवजात को अस्पताल लाया गया था. उसके शरीर पर घास फूस और सूखे पत्ते चिपके हुए थे. फिलहाल नवजात को ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया है. वहीं जिला शिक्षा अधिकारी टीपी उपाध्याय ने बताया कि इस मामले में अधिक जानकारी के लिए वह हॉस्टल के लोगों से बात कर रहे हैं.

नवजात की हालत नाजुक : मेडिकल कॉलेज अस्पताल कोरबा के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ राकेश वर्मा ने बताया कि ''मंगलवार के सुबह पोड़ी-उपरोड़ा के सरकारी अस्पताल से रेफर होकर एक नवजात को यहां भेजा गया है. जिसका हम इलाज कर रहे हैं''.

नवजात की हालत नाजुक बनी हुई है. पैर में चोट के निशान हैं, शरीर में कुछ जगहों पर खरोच के भी निशान मिले हैं. फिलहाल इसे ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया है. बच्ची की हालत नाज़ुक बनी हुई है. किसी बच्चे का शरीर ठंडा तब पड़ता है, जब उसे अधिक समय तक खुले में रखा जाए- डॉ राकेश वर्मा, शिशु रोग विशेषज्ञ

जांच के बाद होगी कार्रवाई : इस मामले में पोड़ी-उपरोड़ा ब्लॉक के एसडीएम टीआर भारद्वाज ने कहा कि कन्या छात्रावास में 11वीं कक्षा में पढ़ने वाली एक नाबालिग के नवजात शिशु को जन्म देने की सूचना मिली है. कलेक्टर ने भी इस मामले में आवश्यक निर्देश दिए हैं. जिला जिला शिक्षा अधिकारी भी मौके पर मौजूद हैं. फिलहाल दोनों को आवश्यक इलाज उपलब्ध कराना प्राथमिकता है. जिनका इलाज जारी है. जांच के बाद इस मामले नियमों के अनुसार कार्रवाई की जाएगी.

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क्या है मामला ? : अब तक की जानकारी के अनुसार रात दो से ढाई के बीच 11वीं कक्षा की एक छात्रा ने नवजात को हॉस्टल में ही जन्म दिया. इस मामले को दबाने के लिए पहले तो नवजात शिशु को फेंकने का प्रयास किया गया लेकिन सुबह सरकारी एंबुलेंस के जरिए नाबालिग और नवजात को अस्पताल पहुंचाया गया. मेडिकल स्टाफ की मानें तो अस्पताल में लाने तक नवजात की तबीयत काफी बिगड़ चुकी थी.

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नवजात की हालत नाजुक : मेडिकल कॉलेज अस्पताल कोरबा के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ राकेश वर्मा ने बताया कि ''मंगलवार के सुबह पोड़ी-उपरोड़ा के सरकारी अस्पताल से रेफर होकर एक नवजात को यहां भेजा गया है. जिसका हम इलाज कर रहे हैं''.

नवजात की हालत नाजुक बनी हुई है. पैर में चोट के निशान हैं, शरीर में कुछ जगहों पर खरोच के भी निशान मिले हैं. फिलहाल इसे ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया है. बच्ची की हालत नाज़ुक बनी हुई है. किसी बच्चे का शरीर ठंडा तब पड़ता है, जब उसे अधिक समय तक खुले में रखा जाए- डॉ राकेश वर्मा, शिशु रोग विशेषज्ञ

जांच के बाद होगी कार्रवाई : इस मामले में पोड़ी-उपरोड़ा ब्लॉक के एसडीएम टीआर भारद्वाज ने कहा कि कन्या छात्रावास में 11वीं कक्षा में पढ़ने वाली एक नाबालिग के नवजात शिशु को जन्म देने की सूचना मिली है. कलेक्टर ने भी इस मामले में आवश्यक निर्देश दिए हैं. जिला जिला शिक्षा अधिकारी भी मौके पर मौजूद हैं. फिलहाल दोनों को आवश्यक इलाज उपलब्ध कराना प्राथमिकता है. जिनका इलाज जारी है. जांच के बाद इस मामले नियमों के अनुसार कार्रवाई की जाएगी.

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Last Updated : 23 hours ago
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