रायपुर: हिंदू धर्म में अक्षय तृतीया एक बड़ा त्योहार माना जाता है. वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया को अक्षय तृतीया मनाया जाता है. इस साल अक्षय तृतीया 26 अप्रैल को मनाया जा रहा है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन बिना पंचांग देखे कोई भी शुभ काम किया जा सकता है.
मान्यता है कि अक्षय तृतीया के दिन ही भगवान विष्णु के छठे अवतार भगवान परशुराम का भी जन्म हुआ था. यही वजह है कि अक्षय तृतीया के दिन भगवान विष्णु की उपासना के साथ परशुराम की भी पूजा की जाती है.
अक्षय तृतीया की मान्यता
अक्षय तृतीया की मान्यता है कि इस दिन अपने कमाई के कुछ हिस्से से धार्मिक काम या दान करने से पुण्य प्राप्त होता है. साथ ही धन संपत्ति का भी लाभ होता है. अक्षय तृतीया के दिन दान करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं.
इन वस्तुओं का करें दान
इस दिन ठंडी चीजें जैसे- जल से भरे घड़े, कुल्हड़, पंखे, छाता, चावल, खरबूजा, ककड़ी, चीनी, सत्तू आदि का दान करना बहुत उत्तम माना जाता है.
खरीदी भी मानी जाती है शुभ
इस दिन को शुभ माना जाता है. लिहाजा लोग सोना, चांदी, मिट्टी के पात्र, रेशमी कपड़े, साड़ी, चावल, हल्दी, बड़े-छोटे वाहन खरीदते हैं.
लॉकडाउन का असर
इस साल गुड्डे-गुड़ियों का बाजार सजा जरूर है. लेकिन इन बाजारों में रौनक नहीं है. लॉकडाउन के कारण ग्राहक भी नहीं आ रहे हैं. गुड्डे-गुड़ियों का व्यवसाय करने वाले लोग खासे परेशान हैं. हर साल अक्षय तृतीया को बाजारों में भारी खरीदी होती है लेकिन कोरोना वायरस के लिए किए गए लॉकडाउन से इस बार सब कुछ फीका पड़ गया है. बाजार बंद हैं. कोई खरीदी नहीं हो रही है.