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'ऑनलाइन शिक्षा नियमित पद्धति नहीं हो सकती है, भारत के हुनर को पहचानना होगा' - वन नेशन वन डिजिटल प्रोग्राम

ऑनलाइन पढ़ाई के लिए ई विद्या प्रोग्राम शुरू किया जाएगा. इस मुद्दे पर ETV भारत से बातचीत के दौरान शिक्षाविद शशांक शर्मा ने कहा कि अगर अपने देश को भविष्य के लिए तैयार नहीं किया गया, तो अंजाम भुगतना पड़ेगा.

educationist Shashank Sharma
शिक्षाविद् शशांक शर्मा
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Published : May 18, 2020, 1:21 AM IST

Updated : May 19, 2020, 11:51 AM IST

रायपुर: केंद्र सरकार डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए पूरे देश में 'वन नेशन वन डिजिटल' प्रोग्राम लेकर आएगी. इस योजना के तहत एक से क्लास 12 तक की हर कक्षा के लिए एक चैनल लॉन्च किया जाएगा. शिक्षा के क्षेत्र को ध्यान में रखते हुए कम्युनिटी रेडियो का भी उपयोग किया जाएगा. इसके साथ ही ऑनलाइन पढ़ाई के लिए ई विद्या प्रोग्राम शुरू किया जाएगा. इस मुद्दे पर ETV भारत से बातचीत के दौरान शिक्षाविद शशांक शर्मा ने कहा कि अगर अपने देश को भविष्य के लिए तैयार नहीं किया गया, तो अंजाम भुगतना पड़ेगा.

शिक्षाविद शशांक शर्मा की राय

शिक्षाविद शशांक शर्मा ने ETV भारत से बातचीत के दौरान कहा कि भविष्य की अर्थव्यवस्था के लिए पॉलिसी आधारित कठोर निर्णय लेना होगा. भविष्य के लिए जो कदम उठाया जाया जरूरी था, वो केंद्र सरकार ने उठाया है. उन्होंने कहा कि इसका क्रियान्वयन कैसे होगा, ये देखना होगा.

'शिक्षा पद्यति को एक करना होगा'

शिक्षाविद शशांक शर्मा ने कहा कि संकट के समय छात्रों की पढ़ाई करने के लिए जो करना है, सरकार वो कर रही है. हर क्लास के लिए चैनल शुरू हो रहा है लेकिन ज्ञान बिना गुरु के समक्ष बैठे नहीं मिल सकता है. शिक्षा का बड़ा एलीमेंट ये होता है कि छात्रों की गलतियां कैसे ठीक हों. उन्होंने कहा कि लेकिन ये निरंतर नहीं चलना चाहिए. शिक्षाविद ने कहा कि देश में कई बोर्ड हैं. राज्यों की अलग बोर्ड है और सीबीएसई अलग है. उन्होंने कहा कि इसके लिए पूरे देश के पाठ्यक्रम को एक करना होगा. पूरे देश में एक शिक्षा पद्यति को लागू करना होगा.

'ऑनलाइन शिक्षा नियमित पद्यति नहीं हो सकती'

शशांक शर्मा ने कहा कि कहा समाजवाद की जरूरत देश में शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में है. सरकारी स्कूलों में सारी सुविधाएं मुहैया होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि प्रतियोगी परीक्षाओं से सेलेक्ट होने वाले सरकारी शिक्षक बाद में पढ़ना बंद कर देते हैं इसलिए पढ़ने और पढ़ाने वाले को ईमानदारी से अपना काम करना चाहिए. शिक्षाविद ने कहा कि ऑनलाइन शिक्षा नियमित पद्यति नहीं हो सकती है.

'महात्मा गांधी के मॉडल को अपनाना होगा'

शशांक शर्मा ने कहा कि अगर हम लोगों को स्कूल-कॉलेज में कोई विशेष कला सिखाई जाती तो लॉकडाउन में भी उत्पादन बंद न होता. उन्होंने कहा कि हमने महात्मा गांधी के आर्थिक मॉडल को खारिज कर दिया. उस मॉडल की तरफ लौटना पड़ेगा. ये मॉडल गांव और व्यक्ति को आत्मनिर्भर करता है. भारत के हाथ के हुनर की ताकत को पहचानना होगा.

कोरोना संकट और लॉकडाउन की वजह से सुस्त पड़ती अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए 'आत्मनिर्भर भारत' पैकेज की पांचवीं किस्त के तहत वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सात बड़ी घोषणाएं कीं. मनरेगा, स्वास्थ्य, शिक्षा, ईज ऑफ डूइंग बिजनेस, निजीकरण, राज्य सरकारों को मदद के रूप में 7 अहम घोषणाएं वित्त मंत्री ने की हैं. वित्त मंत्री ने कहा कि बच्चों को ऑनलाइन शिक्षा देने के लिए वन नेशन, वन डिजिटल प्लेटफॉर्म की शुरुआत होगी.

रायपुर: केंद्र सरकार डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए पूरे देश में 'वन नेशन वन डिजिटल' प्रोग्राम लेकर आएगी. इस योजना के तहत एक से क्लास 12 तक की हर कक्षा के लिए एक चैनल लॉन्च किया जाएगा. शिक्षा के क्षेत्र को ध्यान में रखते हुए कम्युनिटी रेडियो का भी उपयोग किया जाएगा. इसके साथ ही ऑनलाइन पढ़ाई के लिए ई विद्या प्रोग्राम शुरू किया जाएगा. इस मुद्दे पर ETV भारत से बातचीत के दौरान शिक्षाविद शशांक शर्मा ने कहा कि अगर अपने देश को भविष्य के लिए तैयार नहीं किया गया, तो अंजाम भुगतना पड़ेगा.

शिक्षाविद शशांक शर्मा की राय

शिक्षाविद शशांक शर्मा ने ETV भारत से बातचीत के दौरान कहा कि भविष्य की अर्थव्यवस्था के लिए पॉलिसी आधारित कठोर निर्णय लेना होगा. भविष्य के लिए जो कदम उठाया जाया जरूरी था, वो केंद्र सरकार ने उठाया है. उन्होंने कहा कि इसका क्रियान्वयन कैसे होगा, ये देखना होगा.

'शिक्षा पद्यति को एक करना होगा'

शिक्षाविद शशांक शर्मा ने कहा कि संकट के समय छात्रों की पढ़ाई करने के लिए जो करना है, सरकार वो कर रही है. हर क्लास के लिए चैनल शुरू हो रहा है लेकिन ज्ञान बिना गुरु के समक्ष बैठे नहीं मिल सकता है. शिक्षा का बड़ा एलीमेंट ये होता है कि छात्रों की गलतियां कैसे ठीक हों. उन्होंने कहा कि लेकिन ये निरंतर नहीं चलना चाहिए. शिक्षाविद ने कहा कि देश में कई बोर्ड हैं. राज्यों की अलग बोर्ड है और सीबीएसई अलग है. उन्होंने कहा कि इसके लिए पूरे देश के पाठ्यक्रम को एक करना होगा. पूरे देश में एक शिक्षा पद्यति को लागू करना होगा.

'ऑनलाइन शिक्षा नियमित पद्यति नहीं हो सकती'

शशांक शर्मा ने कहा कि कहा समाजवाद की जरूरत देश में शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में है. सरकारी स्कूलों में सारी सुविधाएं मुहैया होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि प्रतियोगी परीक्षाओं से सेलेक्ट होने वाले सरकारी शिक्षक बाद में पढ़ना बंद कर देते हैं इसलिए पढ़ने और पढ़ाने वाले को ईमानदारी से अपना काम करना चाहिए. शिक्षाविद ने कहा कि ऑनलाइन शिक्षा नियमित पद्यति नहीं हो सकती है.

'महात्मा गांधी के मॉडल को अपनाना होगा'

शशांक शर्मा ने कहा कि अगर हम लोगों को स्कूल-कॉलेज में कोई विशेष कला सिखाई जाती तो लॉकडाउन में भी उत्पादन बंद न होता. उन्होंने कहा कि हमने महात्मा गांधी के आर्थिक मॉडल को खारिज कर दिया. उस मॉडल की तरफ लौटना पड़ेगा. ये मॉडल गांव और व्यक्ति को आत्मनिर्भर करता है. भारत के हाथ के हुनर की ताकत को पहचानना होगा.

कोरोना संकट और लॉकडाउन की वजह से सुस्त पड़ती अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए 'आत्मनिर्भर भारत' पैकेज की पांचवीं किस्त के तहत वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सात बड़ी घोषणाएं कीं. मनरेगा, स्वास्थ्य, शिक्षा, ईज ऑफ डूइंग बिजनेस, निजीकरण, राज्य सरकारों को मदद के रूप में 7 अहम घोषणाएं वित्त मंत्री ने की हैं. वित्त मंत्री ने कहा कि बच्चों को ऑनलाइन शिक्षा देने के लिए वन नेशन, वन डिजिटल प्लेटफॉर्म की शुरुआत होगी.

Last Updated : May 19, 2020, 11:51 AM IST
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