रायपुर: छत्तीसगढ़ हुए कथित कोयला घोटाले और वसूली के केस में ईडी ने बड़ी कार्रवाई की है. मंगलवार को ईडी ने निखिल चंद्राकर को गिरफ्तार किया है. वह लंबे समय से फरार चल रहा था. ईडी ने निखिल चंद्रकार को अरेस्ट कर रायपुर की स्पेशल कोर्ट में पेश किया. जहां दोनों पक्षों की सुनवाई हुई. उसके बाद कोर्ट ने निखिल चंद्राकर को सात दिन की रिमांड पर भेजा है. कोल स्कैम में निखिल चंद्राकर की गिरफ्तारी बेहद अहम मानी जा रही है.
रात आठ बजे कोर्ट में हुई पेशी: निखिल चंद्राकर की पेशी के लिए रात में कोर्ट की कार्रवाई हुई. उसे रात 8 बजे कोर्ट में पेश किया गया. ईडी सूत्रों के अनुसार निखिल चंद्राकर को महाराष्ट्र से गिरफ्तार किया गया है. ईडी लगातार चंद्राकर की गिरफ्तारी को लेकर छापेमारी कर रही थी. उसके ठिकानों से कई अहम दस्तावेज भी मिले थे. जिसके बाद से ईडी ने उसकी तलाश और तेज कर दी. अब जाकर ईडी को सफलता मिली. निखिल चंद्राकर से पूछताछ में ईडी को कई अहम जानकारियां हाथ लग सकती है.
कौन है निखिल चंद्राकर: निखिल चंद्राकर, कोयला कारोबारी सूर्यकांत तिवारी का प्रमुख सहयोगी है. वह लंबे से फरार था. ईडी की टीम उसकी गिरफ्तारी के लिए लगातार छापेमारी कर रही थी. ईडी सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक कोयला घोटाले के लेन देन के मामले में निखिल अहम भूमिका निभाता था. वह लेन देन से जुड़े मामलों की डिकोडिंग किया करता था. इसलिए वह कोयला कारोबारी सूर्यकांत तिवारी का खास बताया जा रहा है.
क्या है छत्तीसगढ़ कोल घोटाला: छत्तीसगढ़ में लगातार कोयला घोटाले को लेकर ईडी और आईटी की कार्रवाई चल रही है. ईडी ने राज्य में कथित तौर पर 540 करोड़ के कोयला घोटाले का खुलासा किया है. इस मामले में कई नौकरशाह और कारोबारियों पर शिकंजा कसा जा चुका है. जिसमें मुख्य रूप से आईएएस अधिकारी समीर विश्नोई और राज्य सेवा की अधिकारी सौम्या चौरसिया शामिल हैं. जो अभी जेल में बंद हैं. इसके अलावा लक्ष्मीकांत तिवारी और सुनील अग्रवाल भी कोयला घोटाले के आरोप में जेल में बंद चल रहे हैं.