रायपुरः छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर Raipur) अपराधों का हॉटस्पॉट ( Crime hotspot Raipur) बना हुआ है. वहीं, राजधानी रायपुर में लगातार अपराध (Crime) के मामलों में इजाफा हो रहा है. बीते कुछ दिनों से चोरी (Theft), चाकूबाजी(knife shooting), नशाखोरी (drug abuse) के मामले भी राजधानी में बढ़ते जा रहे हैं. अपराधी नशे की गिरफ्त में इतने आ चुके हैं कि नशे के लिए वह अपराधिक मामलों (criminal cases) को भी अंजाम दे रहे हैं. हाल ही में मौदहापारा थाना क्षेत्र में ऐसा ही एक मामला देखने को मिला था. जहां दो चोर नशे के लिए गाड़ी की चोरी करते थे. इसका खुलासा तब हुआ जब पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर पूछताछ की.इस तरह के कई मामले लगातार राजधानी रायपुर से सामने आ रहे हैं, जिसमे ज्यादातर अपराधी नाबालिक (criminal minor) हैं, जो नशे की गिरफ्त में इतने आ चुके हैं और नशे के लत को पूरा करने को चाकूबाजी जैसे कांड भी कर गुजर रहे हैं.
जनवरी से सितंबर तक राजधानी में 206 चाकूबाजी के मामले
वहीं, चाकूबाजी की बात करें तो जनवरी से लेकर सितंबर माह तक जिले के सभी थानों में 206 चाकूबाजी की घटनाएं सामने आ चुकी है. यानी कि रोजाना राजधानी में चाकूबाजी की एक घटना देखने को मिल रही है. बता दें कि इसमें सबसे ज्यादा कोतवाली थाने में 19 चाकूबाजी के मामले दर्ज किए गए हैं. इसके साथ ही कोतवाली थाना जिले के सभी थानों में चाकूबाजी के मामले में सबसे ऊपर है. वहीं सिविल लाइन और पुरानी बस्ती थाना में चाकूबाजी के 17-17 मामले दर्ज किए गए हैं.इन मामलों में ज्यादा कर अपराधी नाबालिक है.
रायपुर जिले का ये थाना चाकूबाजी में है अव्वल, आरोपियों में ज्यादातर नाबालिग
ज्यादातर नाबालिक दे रहे मामले को अंजाम
वही, इस पर रायपुर एडिशनल एसपी तारकेश्वर पटेल (Raipur Additional SP Tarakeswar Patel) का कहना है कि रायपुर पुलिस द्वारा लगातार नशे के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है.अब तक ऐसे कई लोगों को गिरफ्तार भी किया जा चुका है जो नशे के लिए चोरी चाकूबाजी जैसे घटनाओं को अंजाम दे रहे थे. आगे भी जैसे सूचना मिलती रहेगी पुलिस द्वारा इस पर कार्रवाई की जाएगी. ऐसे अपराधी अभी हाल ही में देखने को मिले हैं जो नशे के लिए चाकूबाजी चोरी जैसे मामलों को अंजाम दे रहे हैं. इसलिए पुलिस द्वारा लगातार जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है और जो नशे के विक्रेता है उन पर फोकस करके कार्रवाई की जा रही है ताकि इस तरह के वारदात को कम किया जा सके.
स्कूली बच्चे कर रहे नशे का इस्तेमाल फिर बन जाते हैं अपराधी
इस विषय में साइकेट्रिस्ट डॉ. सुरभि दुबे (Psychiatrist Dr Surbhi Dubey) ने बताया कि हम अगर छत्तीसगढ़ की बात करें तो प्रदेश अभी एक बहुत बड़ी बैटल फेस कर रहा है. वह है शराब का नशा और गांजे का नशा. अगर हम नेशनल एवरेज देखें तो लोग कितने शराब खरीदते हैं. शराब कंज्यूम करते हैं तो वह है 16% वही छत्तीसगढ़ की बात करें तो छत्तीसगढ़ में 35% से 36% लोग शराब खरीदते वह कंज्यूम करते हैं तो इसमें साफ दिखाई देता है कि छत्तीसगढ़ में डबल शराब का कंजंक्शन होता है. उसी तरह गांजा भी जिसको हम लोकल लैंग्वेज में वीड बोलते हैं. एक फैशन का रूप बनता जा रहा है. 10वीं , 11वीं , 12वीं के बच्चों को वीड आसानी से मिल जाता है. छिप-छिपकर के वह हर एक स्कूल या पान गुनती के पास आसानी से मिल जाता है. वह एक सस्ता नशा भी है. 20 रुपया में आपको एक जॉइंट मिल जाएगा. इस तरह से नशा हमारे सोसाइटी पर बहुत बुरा असर डाल रहा है क्योंकि बहुत यंग एज के बच्चे इसमें लिप्त होते जा रहे हैं. अगर इस दौरान बच्चे पर ध्यान नहीं रखा जाता तो आगे चलकर बड़े-बड़े अपराध के मामलों को अंजाम देते हैं और नशे के लिए चोरी लूट चाकूबाजी जैसे घटनाएं करते हैं.
पिछले कुछ महीनों में राजधानी में चोरी की वारदातों की संख्या
महीना | चोरी |
जनवरी | 32 |
फरवरी | 47 |
मार्च | 35 |
अप्रैल | 42 |
मई | 46 |
जून | 44 |
जुलाई | 55 |
अगस्त | 49 |