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डॉ. राजाराम को एक बार फिर मिली ‘अखिल भारतीय किसान महासंघ’ की जिम्मेदारी

अखिल भारतीय किसान महासंघ के पद से इस्तीफा दे चुके डॉ. राजाराम त्रिपाठी ने एक बार फिर राष्ट्रीय संयोजक के रूप में जिम्मेदारी ली है. उनका कहना है कि किसानों की स्थिति को देखते हुए नए उत्साह के साथ काम किया जाएगा.

Dr. Rajaram took over the responsibility of AIFA
डॉ. राजाराम ने संभाली आईफा की जिम्मेदारी
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Published : Apr 2, 2020, 10:09 AM IST

रायपुर: बस्तर के किसान डॉ. राजाराम त्रिपाठी ने एक बार फिर ‘अखिल भारतीय किसान महासंघ’ (AIFA) के राष्ट्रीय संयोजक की जिम्मेदारी संभाल ली है. किसानों की मांगों और उनकी आवाज को बुलंद करने के लिए देशभर के कृषक संगठनों का लगातार दबाव था, जिसके आधार पर राजाराम त्रिपाठी ने राष्ट्रीय संयोजक का पद ग्रहण कर लिया है. गौरतलब है कि जनवरी माह में ही उन्होंने आईफा में शामिल कुछ किसान नेताओं पर निजी स्वार्थ का आरोप लगाते हुए इस संस्था की उपयोगिता पर सवाल खड़े करते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया था, लेकिन एक बार फिर उन्होंने किसान संगठनों से मिले सहयोग के भरोसे इस जिम्मेदारी को संभाल लिया है.

भारतीय खाद्य और कृषि परिषद् के अध्यक्ष डॉ. एमजे खान ने डॉ. त्रिपाठी के फिर एक बार आईफा के राष्ट्रीय संयोजक का पद संभालने का स्वागत करते हुए कहा कि 'वर्तमान में देश प्रतिकूल माहौल से गुजर रहा है. ऐसे में सरकार और किसानों के बीच सामंजस्य स्थापित करते हुए किसानों के हितों को सुरक्षित रखने के लिए डॉ. त्रिपाठी जैसे किसान नेता की कमी महसूस की जा रही थी. उन्होंने कहा कि अब जबकि उन्होंने फिर से अपनी जिम्मेदारी संभाल ली है, तो यह किसानों और भारतीय कृषि के लिए एक अच्छी खबर है.

डॉ. त्रिपाठी ने एक बार फिर लिया संघ का भार

मीडिया से बातचीत करते हुए डॉ. त्रिपाठी ने कहा कि भारतीय खेती और किसानों की दशा बेहद सोचनीय है. ये किसान और किसान संगठन हमारे लिए अभिन्न हैं और इनकी ओर से जो अपनत्व भरा आग्रह मिला, उसे अस्वीकार कर पाना मेरे लिए संभव नहीं था. आईफा अब नए तेवर और उत्साह के साथ काम करेगा. लॉकडाउन खत्म होने के तुरंत बाद इसकी राष्ट्रीय कार्यकारिणी का गठन किया जाएगा, साथ ही जल्द राज्य समितियों का भी गठन किया जाएगा, ताकि किसानों की ग्रास रूट की समस्याओं का समाधान शीघ्रता से किया जाए.

रायपुर: बस्तर के किसान डॉ. राजाराम त्रिपाठी ने एक बार फिर ‘अखिल भारतीय किसान महासंघ’ (AIFA) के राष्ट्रीय संयोजक की जिम्मेदारी संभाल ली है. किसानों की मांगों और उनकी आवाज को बुलंद करने के लिए देशभर के कृषक संगठनों का लगातार दबाव था, जिसके आधार पर राजाराम त्रिपाठी ने राष्ट्रीय संयोजक का पद ग्रहण कर लिया है. गौरतलब है कि जनवरी माह में ही उन्होंने आईफा में शामिल कुछ किसान नेताओं पर निजी स्वार्थ का आरोप लगाते हुए इस संस्था की उपयोगिता पर सवाल खड़े करते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया था, लेकिन एक बार फिर उन्होंने किसान संगठनों से मिले सहयोग के भरोसे इस जिम्मेदारी को संभाल लिया है.

भारतीय खाद्य और कृषि परिषद् के अध्यक्ष डॉ. एमजे खान ने डॉ. त्रिपाठी के फिर एक बार आईफा के राष्ट्रीय संयोजक का पद संभालने का स्वागत करते हुए कहा कि 'वर्तमान में देश प्रतिकूल माहौल से गुजर रहा है. ऐसे में सरकार और किसानों के बीच सामंजस्य स्थापित करते हुए किसानों के हितों को सुरक्षित रखने के लिए डॉ. त्रिपाठी जैसे किसान नेता की कमी महसूस की जा रही थी. उन्होंने कहा कि अब जबकि उन्होंने फिर से अपनी जिम्मेदारी संभाल ली है, तो यह किसानों और भारतीय कृषि के लिए एक अच्छी खबर है.

डॉ. त्रिपाठी ने एक बार फिर लिया संघ का भार

मीडिया से बातचीत करते हुए डॉ. त्रिपाठी ने कहा कि भारतीय खेती और किसानों की दशा बेहद सोचनीय है. ये किसान और किसान संगठन हमारे लिए अभिन्न हैं और इनकी ओर से जो अपनत्व भरा आग्रह मिला, उसे अस्वीकार कर पाना मेरे लिए संभव नहीं था. आईफा अब नए तेवर और उत्साह के साथ काम करेगा. लॉकडाउन खत्म होने के तुरंत बाद इसकी राष्ट्रीय कार्यकारिणी का गठन किया जाएगा, साथ ही जल्द राज्य समितियों का भी गठन किया जाएगा, ताकि किसानों की ग्रास रूट की समस्याओं का समाधान शीघ्रता से किया जाए.

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