ETV Bharat / state

ज्योति कलश स्थापना को लेकर पुजारियों में संशय, प्रशासन की अनुमति का इंतजार

शारदीय नवरात्र में मंदिरों में जलने वाले ज्योति कलश को लेकर पुजारियों में संशय बना हुआ है. पुजारियों का कहना है कि प्रशासन से अनुमति मिलने के बाद ही ज्योति कलश स्थापना की तैयारी की जाएगी.

doubt-among-priests-regarding-burning-of-jyoti-kalash
ज्योति कलश स्थापना को लेकर संशय
author img

By

Published : Sep 22, 2020, 6:29 PM IST

रायपुर: 17 अक्टूबर से शारदीय नवरात्रि की शुरुआत होने वाली है. लेकिन कोरोना संक्रमण और लॉकडाउन की वजह से इस बार शारदीय नवरात्र में ज्योति कलश की स्थापना होगी या नहीं इस बात को लेकर पुजारियों में संशय बना हुआ है. क्योंकि चैत्र नवरात्र के दौरान लॉकडाउन लगने की वजह से देवी मंदिरों में ज्योति कलश की स्थापना नहीं हो पाई थी. इस बार 17 अक्टूबर से शारदीय नवरात्र प्रारंभ हो रही है, लेकिन ज्योति कलश को लेकर मंदिरों में किसी भी तरह की कोई तैयारी नहीं हो रही है. मंदिर के पुजारी का कहना है कि प्रशासन से अनुमति मिलने के बाद शारदीय नवरात्र में जलाए जाने वाले ज्योति कलश की तैयारियां शुरू की जाएगी.

ज्योति कलश स्थापना को लेकर संशय

राजधानी रायपुर के प्रमुख देवी मंदिरों में मां महामाया मंदिर, काली मंदिर, शीतला मंदिर, दंतेश्वरी मंदिर, कंकालीन मंदिर और बंजारी मंदिर प्रमुख हैं. इन मंदिरों में पिछले कई सालों से घी के बजाय तेल के ज्योति कलश प्रज्वलित किए जा रहे हैं. इसके पीछे तर्क यह दिया जा रहा है कि घी की शुद्धता सही नहीं होने के कारण अधिकांश देवी मंदिरों में घी के बजाय तेल के ज्योति कलश प्रज्वलित किए जा रहे हैं. भक्त नवरात्र में आर्थिक सुख समृद्धि और परिवार के कल्याण के लिए चैत्र और शारदीय नवरात्र में ज्योति कलश प्रज्वलित कराते हैं.

LOCKDOWN RETURNS: रायपुर में पहले दिन सड़कों पर पसरा रहा सन्नाटा

ज्योति कलश के पैसों से होता है मंदिर का रखरखाव

साल में दो बार नवरात्र के समय जलने वाले ज्योति कलश, मंदिरों के लिए आय का प्रमुख स्रोत होता है. इसी से मंदिर का मेंटेनेंस रखरखाव, रंग रोगन और पुजारियों का परिवार भी चलता है. लेकिन पिछले 6 महीने से कोरोना काल और लॉकडाउन की वजह से मंदिरों में पूजा पाठ सहित ज्योति कलश की स्थापना पर भी विराम लग गया है. अभी भी मंदिर के पुजारियों के मन में संशय बना हुआ है कि 17 अक्टूबर से शुरू होने वाले शारदीय नवरात्र में ज्योति कलश प्रज्वलित होंगे या नहीं.

doubt-among-priests-regarding-burning-of-jyoti-kalash
महामाया मंदिर रायपुर

भक्तों ने कटाई थी रसीद

चैत्र नवरात्र के दौरान राजधानी के महामाया मंदिर में 5 हजार 500, मां दंतेश्वरी मंदिर में 300, मां कंकालीन मंदिर में 450 ज्योति कलश प्रज्वलित कराने के लिए भक्तों ने रसीद कटाई थी. लेकिन लॉकडाउन और कोरोना की वजह से चैत्र नवरात्र के दौरान ज्योति कलश प्रज्वलित नहीं किया गया.

रायपुर: 17 अक्टूबर से शारदीय नवरात्रि की शुरुआत होने वाली है. लेकिन कोरोना संक्रमण और लॉकडाउन की वजह से इस बार शारदीय नवरात्र में ज्योति कलश की स्थापना होगी या नहीं इस बात को लेकर पुजारियों में संशय बना हुआ है. क्योंकि चैत्र नवरात्र के दौरान लॉकडाउन लगने की वजह से देवी मंदिरों में ज्योति कलश की स्थापना नहीं हो पाई थी. इस बार 17 अक्टूबर से शारदीय नवरात्र प्रारंभ हो रही है, लेकिन ज्योति कलश को लेकर मंदिरों में किसी भी तरह की कोई तैयारी नहीं हो रही है. मंदिर के पुजारी का कहना है कि प्रशासन से अनुमति मिलने के बाद शारदीय नवरात्र में जलाए जाने वाले ज्योति कलश की तैयारियां शुरू की जाएगी.

ज्योति कलश स्थापना को लेकर संशय

राजधानी रायपुर के प्रमुख देवी मंदिरों में मां महामाया मंदिर, काली मंदिर, शीतला मंदिर, दंतेश्वरी मंदिर, कंकालीन मंदिर और बंजारी मंदिर प्रमुख हैं. इन मंदिरों में पिछले कई सालों से घी के बजाय तेल के ज्योति कलश प्रज्वलित किए जा रहे हैं. इसके पीछे तर्क यह दिया जा रहा है कि घी की शुद्धता सही नहीं होने के कारण अधिकांश देवी मंदिरों में घी के बजाय तेल के ज्योति कलश प्रज्वलित किए जा रहे हैं. भक्त नवरात्र में आर्थिक सुख समृद्धि और परिवार के कल्याण के लिए चैत्र और शारदीय नवरात्र में ज्योति कलश प्रज्वलित कराते हैं.

LOCKDOWN RETURNS: रायपुर में पहले दिन सड़कों पर पसरा रहा सन्नाटा

ज्योति कलश के पैसों से होता है मंदिर का रखरखाव

साल में दो बार नवरात्र के समय जलने वाले ज्योति कलश, मंदिरों के लिए आय का प्रमुख स्रोत होता है. इसी से मंदिर का मेंटेनेंस रखरखाव, रंग रोगन और पुजारियों का परिवार भी चलता है. लेकिन पिछले 6 महीने से कोरोना काल और लॉकडाउन की वजह से मंदिरों में पूजा पाठ सहित ज्योति कलश की स्थापना पर भी विराम लग गया है. अभी भी मंदिर के पुजारियों के मन में संशय बना हुआ है कि 17 अक्टूबर से शुरू होने वाले शारदीय नवरात्र में ज्योति कलश प्रज्वलित होंगे या नहीं.

doubt-among-priests-regarding-burning-of-jyoti-kalash
महामाया मंदिर रायपुर

भक्तों ने कटाई थी रसीद

चैत्र नवरात्र के दौरान राजधानी के महामाया मंदिर में 5 हजार 500, मां दंतेश्वरी मंदिर में 300, मां कंकालीन मंदिर में 450 ज्योति कलश प्रज्वलित कराने के लिए भक्तों ने रसीद कटाई थी. लेकिन लॉकडाउन और कोरोना की वजह से चैत्र नवरात्र के दौरान ज्योति कलश प्रज्वलित नहीं किया गया.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.